Ambikapur Information : बुधवार शाम सरगुजा जिले के मैनपाट, सीतापुर, उदयपुर एवं लखनपुर के बड़े इलाके में तेज बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। लगभग दस से पंद्रह मिनट तक ओले गिरे। कहीं ओले का आकार बड़ा तो कुछ स्थानों पर छोटे आकार का ओला था। मैनपाट व सीतापुर में सड़क, खेत, मैदान में बर्फ के समान ओला बिछ गया।
By Anang Pal Dixit
Publish Date: Wed, 14 Feb 2024 11:58 PM (IST)
Up to date Date: Wed, 14 Feb 2024 11:58 PM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि अंबिकापुर। बुधवार शाम सरगुजा जिले के मैनपाट, सीतापुर, उदयपुर एवं लखनपुर के बड़े इलाके में तेज बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। लगभग दस से पंद्रह मिनट तक ओले गिरे। कहीं ओले का आकार बड़ा तो कुछ स्थानों पर छोटे आकार का ओला था। मैनपाट व सीतापुर में सड़क, खेत, मैदान में बर्फ के समान ओला बिछ गया। इलाके में गेहूं, सरसों एवं सब्जियों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। दो दिन पहले ही मैनपाट के केसरा क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ था। उत्तरी छत्तीसगढ़ में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण लगातार तीन दिनों से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। सरगुजा के सभी क्षेत्रों में वर्षा दर्ज की गई है। दो दिनों के खराब मौसम के बाद बुधवार को हल्के बादलों के बीच धूप निकली थी। दोपहर तक मौसम ठीकठाक रहा लेकिन शाम होते होते अचानक आसमान में काले बादल छा गए। गरज चमक के साथ अंबिकापुर सहित आसपास के इलाके में वर्षा शुरू हो गई। इस दौरान लखनपुर क्षेत्र के लहपटरा, पतराटोली, उदयपुर, मैनपाट एवं सीतापुर में जमकर ओलावृष्टि हुई। वहां के ग्रामीणों के अनुसार पहले दस से पंद्रह मिनट तक ओलावृष्टि हुई और इसके बाद आधे घंटे तक तेज बारिश हुई। वर्षा एवं ओलावृष्टि से इलाके में जनजीवन प्रभावित रहा।
गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान-
मैनपाट, सीतापुर, उदयपुर एवं लखनपुर क्षेत्र में काफी किसानों ने गेहूं एवं सरसों की खेती की है। दोनों फसलों में फूल आने शुरू हो गए हैं। ऐसे में अचानक हुई मूसलाधार वर्षा एवं ओलावृष्टि से इन फसलों को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि नहीं हुई है वहां इन फसलों को लाभ पहुंचने की संभावना है। सब्जीवर्गीय फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। टमाटर, मिर्च, बैगन सहित अन्य सब्जियों को ओलावृष्टि से क्षति हुई है।
बर्फ के समान सड़कों पर बिछा ओला-
सीतापुर नगर सहित सूर इलाके में काफी ओलावृष्टि हुई है। मैनपाट, उदयपुर एवं लखनपुर के कुछ गांवों में भी यही स्थिति है। यहां बर्फ की चादर के समान ओला सड़कों पर बिछ गया। लोग ओले को बर्तन एवं हाथों मेंं लेकर इसकी तस्वीर भी लिए और इंटरनेट मीडिया में पोस्ट किया।
विक्षोभ नहीं बढ़ा आगे, इसलिए राहत नहीं-
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार उत्तर छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश, झारखंड एवं बिहार में अभी भी पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बनी हुई हैै। उत्तरी छत्तीसगढ़ से विक्षोभ के आगे नहीं बढ़ने से बादलों में नमी की मात्रा बढ़ गई है। दिन में धूप निकलने से ओलावृष्टि के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हो रहा है। यही कारण है कि बुधवार को मैनपाट से उदयपुर, लखनपुर के बड़े इलाके में जमकर ओलावृष्टि हुई है। भट्ट के अनुसार आने वाले समय में एक और विक्षोभ की सक्रियता से उत्तरी छत्तीसगढ़ में मौसम एक बार फिर बदल सकता है।
तापमान में होगी तगड़ी गिरावट-
मौसम विज्ञानी भट्ट ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सरगुजा संभाग एवं मध्य प्रदेश के इलाके में तेज वर्षा एवं ओलावृष्टि हुई है। आने वाले समय में मौसम साफ होने के बाद ठंडी हवा का प्रवाह तापमान में तगड़ी गिरावट का कारण बनेगा। न्यूनतम तापमान के एक बार फिर 10 डिग्री से नीचे जाने की संभावना है।
बेमौसम बारिश से ईंट व्यवसाय को नुकसान-
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव सरगुजा, बलरामपुर एवं सूरजपुर जिले में पिछले कुछ दिनों वर्षा हो रही है। बेमौसम वर्षा से ईंट व्यवसास को काफी नुकसान पहुंचा है। इन दिनों ईंट बनाने का काम तेजी से चल रहा है। कच्चे ईंट को वर्षा से काफी क्षति हुई है। बारिश से ईंट गल गए हैं और अब किसी काम के नहीं हैं। ऐसे में ईंट व्यवसायी आर्थिक संकट मेंं आ गए हैं।