RD Burman Beginning Anniversary; Attention-grabbing Details & Achievements | गिलासों को टकराकर म्यूजिक निकाल देते थे आर.डी.बर्मन: सैंड पेपर से ट्रेन की आवाज निकालते थे; इन्हें संगीत का वैज्ञानिक कहा जाता है

1 मिनट पहलेलेखक: वीरेंद्र मिश्र

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जब गिलासों के टकराने की आवाज सुनाई देती है तो बरबस ही फ‍िल्‍म ‘यादों की बारात’ का गाना ‘चुरा लिया है तुमने’ याद आ जाता है। इस गाने को क्रिएट करने के लिए पंचम दा ने गिलास का इस्तेमाल किया था। फिल्म ‘जमाने को दिखाना है’ का गाना ‘होगा तुमसे प्‍यारा कौन’ में रेलगाड़ी की आवाज लाने के ल‍िए आर डी बर्मन ने सैंड पेपर का इस्‍तेमाल क‍िया था। सैंड पेपर को आपस में रगड़ने से ट्रेन की आवाज निकलती है।

यहां तक कि उन्‍होंने सोडा-वाटर की बोतलों से भी म्‍यूजिक क्रिएट किया। फिल्‍म ‘खुशबू’ के गाने ‘ओ मांझी रे’ के लिए तो उन्‍हें गांव वाला फील लाने के लिए आटा चक्‍की से आने वाली आवाज चाहिए थी। इसके लिए सोडा-वाटर की दो बोतलें लाई गईं। वह एक- एक कर हर बोतल से थोड़ा सा सोडा खाली करते और उनमें फूंकते, जिससे एक ‘थुप ठुक, थुप ठुक’ की आवाज आती।

गुलजार की फिल्म ‘क‍िताब’ के गाने ‘मास्‍टरजी की चिट्ठी’ में स्‍कूल बेंच का प्रयोग क‍िया। दरअसल, इस गीत के पिक्चराइजेशन में क्लास में बच्‍चों को गाते हुए दिखाया जाना था और बच्‍चे गाते वक्‍त स्‍कूल बेंच को ही पीटते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए पंचम दा ने अपनी ऑर्केस्‍ट्रा में स्‍कूल बेंच को बजाया। फिल्म ‘शोले’ के गीत ‘महबूबा-महबूबा’ के लिए पंचम दा ने आधी भरी बोतल के सिरे पर फूंक कर निकाली आवाज का प्रयोग क‍िया। पंचम दा ने इस तरह के कई एक्सपेरिमेंट किए, इसीलिए उन्हें संगीत का वैज्ञानिक कहा जाता है।

60 के दशक से 80 के दशक तक कई सुपरहिट गीत रचने वाले राहुल देव बर्मन यानी आर डी बर्मन की आज 85वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर जानते हैं कुछ और दिलचस्प किस्से-

वेस्‍टर्न म्‍यूजिक का फ्यूजन तैयार करने वाले पहले संगीतकार

27 जून 1939 को कोलकाता में जन्मे आर डी बर्मन को संगीत का वैज्ञानिक कहा जाता है। म्यूजिक डायरेक्टर और सिंगर सोमेश माथुर ने बताया- पंचम दा किसी भी गाने को कम्पोज करने में इस कदर डूब जाते थे कि उनके आस-पास कौन बैठा है, उन्हें पता ही नहीं चलता था। उनको नए एक्सपेरिमेंट का बहुत शौक था।

हर गीतकार के लिए उनका अलग नजरिया होता था। चाहें वो गुलजार साहब हो, आनंद बक्शी, मजरूह सुल्तानपुरी या कोई और गीतकार। वो हर राइटर की रूह को समझते थे। फिल्म के सब्जेक्ट के हिसाब से सुझाव भी देते थे कि गीत कौन लिखेगा? सब्जेक्ट के मुताबिक धुन बनाते थे।

उस जमाने में टेक्नोलॉजी उतनी एडवांस नहीं थी, फिर भी पंचम दा नए-नए साउंड क्रिएट करते थे। जो भी क्रिएट करते थे वो एक अजूबा की तरह होता था। उनके धुन बनाने की अप्रोच बहुत अलग रहती थी। उन्हें इंडियन सिनेमा में वेस्‍टर्न म्‍यूजिक का फ्यूजन तैयार करने के लिए भी जाना जाता है। वो बहुत ही हंबल थे, अगर उन्हें किसी बात की जानकारी नहीं होती थी तो पूछ लेते थे। यह बात उन्होंने अपने पिता एस डी बर्मन साहब से सीखी थी।

पंचम दा म्यूजिक के बाइबिल थे

पंचम दा की क्रिएटिविटी को आज के म्यूजिक डायरेक्टर फॉलो करते हैं। संगीतकार निखिल- विनय जोड़ी के निखिल कामत कहते हैं – पंचम दा म्यूजिक के बाइबिल थे। उन्होंने हर तरह के गाने बनाए। हर गीतकारों के साथ अलग-अलग काम किया। चाहे वो आनंद बक्शी साहब के साथ ‘दम मारो दम’, मजरूह सुल्तानपुरी के साथ ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’, खुर्शीद हल्लौरी का लिखा गीत ‘तुमसे मिलकर ऐसा लगा’ हो। हर गीत में आपको अलग धुन और स्टाइल मिलेगा।

हर युग के लिए संगीत बनाते थे

भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कहा- पंचम दा से मेरी बहुत अच्छी मुलाकात थी। बहुत ही गुणी कलाकार थे, उन्होंने तबला किशन महाराज और सरोज अली अकबर साहब से सीखी थी। क्लासिकल म्यूजिक से बहुत प्रेम करते थे। ‘प्रोफेसर की पड़ोसन’ में लता जी के साथ ‘मिले झूमके मिलन रुत आई’ गाया था। उन्होंने जो संगीत तैयार किया वह हर युग का है। आज भी तीनों जनरेशन सुन रही है और आगे भी चलकर तीनों जनरेशन सुनेगी। मैं समझता हूं कि पंचम दा जैसा म्यूजिक डायरेक्टर दोबारा आना मुश्किल है, जो हर जनरेशन के लिए गाना बनाता हो।

ऐसा म्यूजिक डायरेक्टर सदियों में आता है

कुमार सानू, पंचम दा के संगीत निर्देशन में फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’ का गीत ‘एक लड़की को देखा’ गा चुके हैं। कुमार सानू ने कहा- पंचम दा से मेरी पहली मुलाकात 1981 में हुई थी। उनके साथ कई फिल्मों में एक लाइन, आधा लाइन गाया। जब ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ रिकॉर्ड कर रहा था। पंचम दा ने बताया था कि इस गाने में बहुत सारे ‘जैसे’ शब्द है। उसको तुम अलग-अलग गा देना, मेरा गाना हिट हो जाएगा।

वो बहुत ही बिंदास और खुले दिल वाले आदमी थे। ऐसा म्यूजिक डायरेक्टर सदियों में एक बार आता है। वो कभी भी गुस्सा नहीं करते थे। उनकी क्रिएटिविटी को आज के म्यूजिक डायरेक्टर फॉलो करते हैं। वो बहुत दूर की सोचते थे। आज भी उनके 60 के दशक के गानों का रीमिक्स किया जाता है। यह म्यूजिक डायरेक्टर की एक अलग पहचान होती है।

पहला गाना 9 साल की उम्र में कंपोज किया

आर डी बर्मन को संगीत विरासत में मिला था। उनके पिता सचिन देव बर्मन की गिनती बॉलीवुड के बड़े संगीतकारों में की जाती है। आर डी बर्मन को बचपन से ही संगीत का बहुत शौक था। जब महज नौ साल के थे, तब उन्होंने अपना पहला गाना ‘ ऐ मेरी टोपी पलट के आ’ कंपोज किया था। जिसका इस्तेमाल उनके पिता ने 1956 में रिलीज फिल्म ‘फंटूश’ में किया था।

करियर का पहला ब्रेक

आर डी बर्मन को पहला ब्रेक 1959 में फिल्म ‘राज’ में मिला था, लेकिन ये फिल्म पूरी न हो सकी थी। दो साल बाद उनको महमूद की फिल्म ‘छोटे नवाब’ में संगीत देने का मौका मिला, लेकिन असली पहचान फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ से मिली। इस फिल्म का म्यूजिक लोगों को पसंद नहीं आया। इसके बाद पंचम दा ने फिर पीछे मुड़ के नहीं देखा। उन्होंने 331 फिल्मों में म्यूजिक दिया, जिसमें से ज्यादातर फिल्में हिट रही हैं।

विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म के लिए अप्रोच किया तो भावुक हो गए

कहा जाता है कि 90 के दशक तक आते-आते पंचम दा कमजोर पड़ गए थे। तब उनकी जगह नए म्यूजिक कंपोजर अपनी धाक जमा चुके थे। जिसके चलते पंचम दा को काम मिलना बिल्कुल ही बंद हो गया था और पंचम दा थोड़े दुखी थे। एक दिन विधु विनोद चोपड़ा ने अपनी फिल्म ‘1942 ए लव स्टोरी’ के लिए उन्हें अप्रोच किया तो पंचम दा भावुक हो गए।

आखिरी सफलता नहीं देख पाए

फिल्म ‘1942 अ लव स्टोरी’ के सभी गाने सुपरहिट साबित हुए, लेकिन अफसोस कि इसकी कामयाबी देखने के लिए खुद आर डी बर्मन जिंदा नहीं थे। वो अपनी आखिरी सफलता को देखने से पहले ही दुनिया से विदा हो चुके थे।

दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया

1988 में आर डी बर्मन को दिल का दौरा पड़ा था। जिसके बाद लंदन में उनका इलाज कराया गया। इलाज के दौरान बर्मन ने कई धुनें बनाईं। 4 जनवरी 1994 को दिल की बीमारी के चलते आर डी बर्मन का निधन हो गया।

Janjgir-champa Information : क्रोकोडायल पार्क से बाहर निकल रहे हैं मगरमच्छ के बच्चे

क्रोकोडायल पार्क कोटमी सोनार से बरसात आते ही मगरमच्छो के बच्चे जाली से बाहर निकलने लगे है।मिली जानकारी अनुसार मगरमच्छ तलाब किनारे अंडा दिए हैं जो बरसात आते ही बिजली की कड़क से अंडा फूट जाता है जिससे मगरमच्छ के छोटे बच्चे जाली से बाहर निकल आते है क्रोकोडायल पार्क के चारो किनारे में मगरमच्छ के बच्चे मिलते ही रहते है।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Thu, 27 Jun 2024 12:37:18 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 27 Jun 2024 12:37:18 AM (IST)

नईदुनिया न्यूज,अकलतरा: क्रोकोडायल पार्क कोटमी सोनार से बरसात आते ही मगरमच्छो के बच्चे जाली से बाहर निकलने लगे है।मिली जानकारी अनुसार मगरमच्छ तलाब किनारे अंडा दिए हैं जो बरसात आते ही बिजली की कड़क से अंडा फूट जाता है जिससे मगरमच्छ के छोटे बच्चे जाली से बाहर निकल आते है क्रोकोडायल पार्क के चारो किनारे में मगरमच्छ के बच्चे मिलते ही रहता है जिसे पार्क में छोड़ा जाता है ।ऐसे ही मगरमच्छ के बच्चे कोटमी सोनार अन्य तालाबो में भी पहुंच जाते जो कुछ समय बाद बड़ा हो जाता हैं।

जिससे कोटमी सोनार के ग्रमीणों को तालाबो में स्नान करना मुश्किल होता है। ग्रामीणों ने बताया कि कोटमी सोनार जगात तलाब में विगत छ माह से एक बड़ा मगरमच्छ आ गया है जो जगात तलाब तैरते रहता है वही ग्रामवशी तलाब में मजबूरी वश निस्तारी कर रहे है।वन विभाग को सूचना देने के बावजूद मगरमच्छ को संरक्षित करने कोई प्रयास नही किया जा रहा है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जगात से मगरमच्छ को संरक्षित करने की मांग किये हैं।वन विभाग द्वारा क्रोकोडायल पार्क में पांच लेयर में जाली लगाया गया है उसके बाद भी मगरमच्छ का बच्चा बाहर निकल रहा है ।रात को कर्रानाला बांध से एक विशालकाय मगरमच्छ स्टेशन मोहल्ला के बस्ती में घुस गया था।

जिसे ग्रामीणों के सूचना पर रात्रि में पहुंचकर चौकीदार परमेश्वर दास ,मनीष गेंदले, फिरत पटेल के द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित पकड़ कर क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा गया। वन विभाग द्वारा क्रोकोडायल पार्क के लिए चार पहिया वाहन की खरीदी की गई हैं क्षेत्र में मगरमच्छ मिलने पर चार पहिया वाहन का जरूरत पड़ता है लेकिन अधिकारियों द्वारा क्रोकोडायल पार्क के लिये ख़िरीदी किये गए वाहन को अन्य वन क्षेत्र में रखा गया है जिससे रात्रि में रेस्क्यू किये गए मगरमच्छ को ठेका से परेशनियों के साथ बड़ी मशक्कत से पार्क लाया गया।

Bilaspur Information : स्कूलों में लंबे समय से नदारद 25 शिक्षकों पर गिरी गाज

कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर जिला शिक्षाधिकारी ने बर्खास्तगी आदेश जारी किया है। वहीं अन्य नियोक्ता वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई है। गौरतलब है कि राज्य शासन ने अपने कर्तव्य से अनुपस्थित सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Thu, 27 Jun 2024 12:37:38 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 27 Jun 2024 12:37:38 AM (IST)

Bilaspur News : स्कूलों में लंबे समय से नदारद 25 शिक्षकों पर गिरी गाज
पांच शिक्षक बर्खास्त, 11 के विरुद्ध सेवा समाप्ति की अनुशंसा, नौ शिक्षकों के खिलाफ विभागीय जांचनईदुनिया न्यूज, बिलासपुर।

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। स्कूलों में लंबे समय से अनुपस्थित पांच शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय से अलग नियोक्ता वाले 11 शिक्षकों के सेवा समाप्ति की अनुशंसा की गई है। नौ शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय जांच भी की जाएगी।

कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर जिला शिक्षाधिकारी ने बर्खास्तगी आदेश जारी किया है। वहीं अन्य नियोक्ता वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अनुशंसा की गई है। गौरतलब है कि राज्य शासन ने अपने कर्तव्य से अनुपस्थित सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। आदेश पर अमल करते हुए शिक्षा विभाग में लंबे समय से अनुपस्थित 25 शिक्षक और कर्मचारियों की पहचान की गई। और तत्परतापूर्वक उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई। जिला शिक्षाधिकारी टीआर साहू ने बताया कि तीन वर्ष से ज्यादा समय से अनुपस्थित रहने वालों की सेवा समाप्ति व तीन साल से कम अवधि वालों के विरुद्ध विभागीय जांच की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि डीइओ कार्यालय द्वारा बर्खास्त किए गए शिक्षकों व कर्मचारियों में मनोरमा तिवारी प्रधान पाठक, शासकीय प्राथमिक शाला रिसदा, किरण यादव, सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला सफेद खदान, बसंत कुमार लकड़ा, सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला ओखर, मेघा यादव, सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला परसापानी एवं स्टेनली मार्क एक्का भृत्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला तिफरा शामिल हैं। डीईओ कार्यालय के अलावा अन्य नियोक्ता वाले 11 शिक्षकों की सेवा समाप्ति की अनुशंसा की गई है। इनमें जिनकी कार्रवाई डीपीआइ स्तर से कार्रवाई होनी है, उनमें अल्का महतो, व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल फरहदा व हरीराम पटेल, व्याख्याता, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला भटचौरा शामिल हैं। संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा विभाग को भेजे गये नामों में रेणुका राय, शिक्षक, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मटियारी एवं दिव्यनारायण रात्रे शिक्षक एलबी शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जुनवानी शामिल हैं। इसी प्रकार जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को भेजे गये नामों में शारदा सिंह, व्याख्याता, शासकीय हाई स्कूल मोढ़े, बत्तीलाल मीना, शिक्षक पंचायत, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बिल्लीबंद, नलिनी अग्रवाल, शिक्षक पंचायत, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला दर्रीघाट, अंकिता सिंह, सहायक शिक्षक पंचायत, शासकीय प्राथमिक शाला सेंदरी, रितु लोधी, सहायक शिक्षक पंचायत, शासकीय प्राथमिक शाला फोकटपारा बिल्हा, कृष्ण शरण तिवारी, सहायक शिक्षक पंचायत, शासकीय प्राथमिक शाला गोदईया, प्रेमलता पाण्डेय, सहायक शिक्षक पंचायत, शासकीय प्राथमिक शाला सोनसाय नवागांव कोटा एवं राकेश पाण्डेय, सहायक शिक्षक पंचायत, शासकीय प्राथमिक शाला मनवा शामिल हैं।

नौ शिक्षकों के खिलाफ होगी विभागीय जांच

जिन नौ शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय जांच की गई है, उनमें डीईओ कार्यालय से संबद्ध यशवंत कुमार साहू सहायक शिक्षक एलबी प्राथमिक स्कूल डण्डासागर कोटा, मदनलाल श्यामले सहायक शिक्षक एलबी प्राथमिक शाला कुआंजति, शशिकांत यादव भृत्य माध्यमिक शाला सीस विकासखंड कोटा, राकेश मिश्रा सहायक शिक्षक एलबी प्राथमिक शाला बेलसरा व अमन गिरी भृत्य पूर्व माध्यमिक शाला लावर शामिल हैं। इसी प्रकार विभागीय जांच के लिए जिनकी अनुशंसा की गई है उनके डीपीआई नियोक्ता से जुड़े शिव कुमार व्याख्याता एलबी हाई स्कूल बछालीखुर्द कोटा, संयुक्त संचालक नियोक्ता से संबद्ध श्याम सुंदर तिवारी शिक्षक एलबी पूर्व माध्यमिक शाला सीपत, मस्तुरी, केकती कौशिक शिक्षक एलबी पूर्व माध्यमिक शाला महमंद तथा जनपद बिल्हा की स्थापना के अंतर्गत अंकिता सिंह सहायक शिक्षक पंचायत प्राथमिक शाला सेंदरी शामिल हैं।

टी20 विश्व कप से बाहर हुई ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के धुरंधर करेंगे अंपायरिंग, भारत-इंग्लैंड सेमीफाइनल की जिम्मेदारी

दुबई. आईसीसी टी20 विश्व कप को जीतने की दो बड़ी दावेदार टीम टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी है. ऑस्ट्रेलिया की टीम सुपर 8 में अफगानिस्तान और भारत से हारकर बाहर हुई जबकि न्यूजीलैंड की टीम को पहले दौर से ही निराशाजनक खेल की वजह से टूर्नामेंट से बाहर निकल गई. भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में इन्हीं दो देशों के धुरंधर को फील्ड अंपायर बनाया गया है.

न्यूजीलैंड के क्रिस गफ्फनी और ऑस्ट्रेलिया के रॉडनी टकर को टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में अंपायरिंग के लिए चुना गया है. भारत और इंग्लैंड के बीच गुरुवार को गुयाना के प्रोविडेंस में होने वाले टी20 विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल के लिए दोनों मैदानी अंपायर होंगे. जोएल विल्सन इस मैच में टीवी अंपायर जबकि पॉल रीफेल चौथे अंपायर होंगे. न्यूजीलैंड के जेफरी क्रो मैच रेफरी की भूमिका निभाएंगे.

बतौर खिलाड़ी क्रिस और टकर का रिकॉर्ड
न्यूजीलैंड के क्रिस गफ्फनी और ऑस्ट्रेलिया के रॉडनी टकर ने घरेलू क्रिकेट में काफी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन कभी नेशनल टीम में जगह नहीं बना पाए. न्यूजीलैंड के क्रिस गफ्फनी ने 83 फर्स्टक्लास मैच में 4711 रन बनाए जिसमें 8 शतक और 24 अर्धशतक शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया के रॉडनी टकर ने 103 फर्स्टक्लास मैच खेलकर 7 शतक की बदौलत कुल 5076 रन बनाए. इस फॉर्मेट में 123 विकेट भी उनके नाम पर दर्ज हैं.

द.अफ्रीका-अफगानिस्तान सेमीफाइनल के अंपायर

वहीं साउथ अफ्रीका और अफगानिस्तान के बीच खेले जाने वाले पहले टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में अंपायर की जिम्मेदारी इंग्लैंड और भारत के दिग्गजों को दी गई है. इंग्लैंड के रिचर्ड इलिंगवर्थ और भारत के नितिन मेनन इस मैच में अंपायरिंग करेंगे. त्रिनिदाद और टोबैगो के तारौबा में दक्षिण अफ्रीका और अफगानिस्तान के बीच टूर्नामेंट का पहला सेमीफाइनल मैच खेला जाना है जिसमें ये दोनों फील्ड अंपायर होंगे. वेस्टइंडीज के रिची रिचर्डसन को इस मैच का मैच रेफरी नियुक्त किया गया है.

FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 07:57 IST

Annu Kapoor Vs Kangana Ranaut; Hamare Baarah | Bollywood Information | अन्नू कपूर का कंगना पर पलटवार: बोले- किसी को ना पहचानना अपराध नहीं, एक्ट्रेस ने कहा था सफल महिलाओं से जलते हैं अन्नू

2 दिन पहले

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वेटरन एक्टर अन्नू कपूर और एक्ट्रेस-सांसद कंगना रनोट के बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग चल रही है। इसकी शुरुआत फिल्म ‘हमारे बारह’ की प्रेस कॉन्फ्रेंस से हुई थी जहां अन्नू ने मीडिया से पूछा था कि कौन है कंगना रनोट? सुंदर हैं क्या?

अन्नू के इस बयान पर कंगना ने भी उन्हें मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि एक्टर सफल और खूबसूरत महिलाओं से नफरत करते हैं।

यह विवाद फिल्म 'हमारे बारह' की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए अन्नू कपूर के बयान से शुरू हुआ है।

यह विवाद फिल्म ‘हमारे बारह’ की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए अन्नू कपूर के बयान से शुरू हुआ है।

अन्नू ने ट्वीट कर दी सफाई
अब अपने बयान पर अन्नू ने एक बार फिर से सफाई दी है। एक्टर ने सोशल मीडिया पर एक लंबा चौड़ा ओपन लेटर लिखा। इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘मैं जो बोलता हूं उसके लिए जिम्मेदार हूं पर दूसरे क्या समझते हैं वह मेरी जिम्मेदारी नहीं। जय हिंद, वंदे मातरम।’

ओपन लेटर के जरिए 6 अहम बातें कहीं
इस कैप्शन के साथ अन्नू ने जो ओपन लेटर शेयर किया उसमें उन्होंने लिखा, ‘प्रिय बहन कंगना, मैं मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों के जवाबों से कुछ अर्थ निकाल रहा हूं, इसलिए मैंने सोचा कि मुझे कुछ तथ्य स्पष्ट कर देने चाहिए।

  • मेरे लिए हर महिला आदरणीय और पूज्यनीय है और इसलिए मैं कभी भी किसी भी नारी का निरादर नहीं कर सकता।
  • मैं फिल्में, ओटीटी, टीवी न्यूज चैनल या सामाचार पत्र नहीं पढ़त इसलिए आप चाहें तो मुझे मूर्ख बुला सकती हैं, जो कोई अपराध नहीं है।
  • किसी व्यक्ति विशेष को ना जानना कोई अपराध नहीं है।
  • आदरणीय बहन मैं आपको नहीं जानता अत: इस बात को आप स्त्री गरिमा निरादर की कोटि में नहीं सम्मिलित करेंगी।
  • मीडिया को मेरे बेबाक जवाबों से वो मसाला मिल गया जो उन्हें चाहिए था।
  • मैं अत्यंत छोटा और मामूली सा व्यक्ति हूं। मैंने कोई त्रुटि पूर्ण या अपमानजनक शब्द ना सोचे और ना ही कहे। (मैं जो बोलता हूं उसके लिए जिम्मेदार हूं पर दूसरे क्या समझते हैं वह मेरी जिम्मेदारी नहीं।)

परंतु फिर भी यदि मेरी किसी बात से आप खफा हो गई हैं तो बराए मेहरबानी मुझे माफ कर दें। आप अपने ध्येय में सफलता प्राप्त करें ऐसी ही मंगल कामना है।

अन्नू ने सोशल मीडिया पर यह ओपन लेटर शेयर किया।

अन्नू ने सोशल मीडिया पर यह ओपन लेटर शेयर किया।

अन्नू बोले थे- कौन हैं कंगना? सुंदर हैं क्या ?
बता दें कि हाल ही में अन्नू कपूर ने एक इवेंट में कंगना के थप्पड़ कांड को लेकर सवाल जवाब में कहा था, ‘ये कंगना जी कौन हैं? प्लीज बताओ ना कौन हैं? जाहिर है आप पूछ रहे हैं तो कोई बड़ी हीरोइन होंगी। सुंदर हैं क्या?’

सफल महिलाओं से नफरत करते हैं अन्नू: कंगना
अन्नू के इस बयान पर कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक स्टोरी शेयर करते हुए लिखा था, ‘क्या आप अन्नू कपूर जी से सहमत हैं कि हम सफल महिलाओं से नफरत करते हैं, अगर वह खूबसूरत हैं तो उससे और भी ज्यादा नफरत करते हैं और अगर वह शक्तिशाली हैं तो उससे और भी ज्यादा नफरत करते हैं? क्या यह सच है?’

कंगना ने यह स्टोरी शेयर कर अन्नू के बयान पर रिएक्शन दिया था।

कंगना ने यह स्टोरी शेयर कर अन्नू के बयान पर रिएक्शन दिया था।

कंगना को एयरपोर्ट पर पड़ा था थप्पड़
बीते दिनों हिमाचल के मंडी से सांसद चुनी गईं कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर एक महिला सीआईएसएफ कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने थप्पड़ मार दिया था।

महिला ने बताया था कि वो कंगना के उस बयान से नाराज थी जिसमें उन्होंने कहा था कि महिला किसानों को 100-100 रुपए लेकर धरने पर बैठाया जाता है। धरने में महिला कॉन्स्टेबल की मां भी मौजूद थीं। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था।

खबरें और भी हैं…
Janjgir-champa Information : तालाब में राखड़ डंप करने वालों पर कार्रवाई नहीं

तहसील डभरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कटौद के सरपंच एवं सचिव द्वारा पर्यावरण विभाग सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गांव के निस्तारी तालाब व खेल मैदान में हजारों ट्रक राखड़ डंप कर पाट दिया गया है। इसे ग्राम पंचायत कमाई का जरिए बना चुका है। राखड़ पाटने के बदले रुपए लेने का आरोप भी ग्रामीण लगा रहे हैं।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को शिकायत की थी।

By komal Shukla

Publish Date: Thu, 27 Jun 2024 12:40:36 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 27 Jun 2024 12:40:36 AM (IST)

नईदुनिया न्यूज, डभरा: तहसील डभरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कटौद के सरपंच एवं सचिव द्वारा पर्यावरण विभाग सुप्रीम कोर्ट के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए गांव के निस्तारी तालाब व खेल मैदान में हजारों ट्रक राखड़ डंप कर पाट दिया गया है। इसे ग्राम पंचायत कमाई का जरिए बना चुका है। राखड़ पाटने के बदले रुपए लेने का आरोप भी ग्रामीण लगा रहे हैं।ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को शिकायत की थी इसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।

डभरा तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत कटौद के सरपंच सचिव द्वारा सुप्रीम कोर्ट के नियमों को ताक में रखकर एवं पर्यावरण विभाग की नियम की धज्जियां उड़ाते हुए गांव के निस्तारी तालाब एवं खेल मैदान में हजारों ट्रक राखड़ डंप कर दिया गया है। इससे खेल मैदान एवं तालाब का अस्तित्व ही खत्म हो चुका है। ग् गढ़खईया तालाब को डस्ट डाल कर पाट देने से गांव में अब निस्तारी की समस्या बढ़ गई है । लोगों को नहाने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। ग सरपंच द्वारा काली कमाई के लिए खसरा नंबर 265 में निर्मित तालाब क्षेत्रफल 3 एकड़ 65 डिसमिल के अधिकांश हिस्से में राखड़ डंप कर पाट दिया गया । गांव में निस्तारी की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है । एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार जल स्रोतों को बचाने का प्रयास कर रहा है तो दूसरी तरफ ग्राम पंचायत के सरपंच द्वारा गांव के सबसे पुराने तालाब गढ़खईया का अस्तित्व ही मिटाया जा रहा है।

ग्राम कटौद के ग्रामीणों द्वारा लिखित शिकायत विधायक रामकुमार यादव एवं कलेक्टर , एसपी एसडीएम तहसीलदार , थाना प्रभारी डभरा को 9 मई को दिया जा चुका है। इसके बाद भी जिला प्रशासन द्वारा कोई जांच कमेटी गठित नहीं की गई, न हीं दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई है जिस कारण उनके हौसले बुलंद हैं । छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लाखों रूपयो खर्च कर तालाबो का गहरीकरण एवं नया तालाब का निर्माण कराया जा रहा है । एक तरफ सरकार तालाब बना रही है दूसरी तरफ सरपंच निस्तारी तालाब को जहरीले डस्ट से पाट रहे हैं। सरकार द्वारा ग्रामीण प्रतिभा को निखारने के लिए मैदान बनाया गया है मैदान के किनारे लगे हरे भरे वृक्षों को काटकर एवं खेल मैदान को खोदाई कर अधिक गड्ढे बनाकर सरपंच सचिव द्वारा राखड़ निकलवाया गया है।

ग्रामीण क्या कहते हैं

इस संबंध में ग्राम पंचायत कटौद के ग्रामीण देव प्रसाद चंद्रा महारथी चंद्रा रामेश्वर लाल चंद्रा सहित कई लोगो ने कहा कि सरपंच द्वारा मनमानी करते हुए गांव के निस्तारी तालाब को हजारों ट्रक राखड़ डाल दिया है । खेल मैदान में राखड़ पहाड़ बना चुका है जो 7 फीट से ऊपर है। हरे भरे पेड़ो की कटाई कर दिया गया है इसके बारे में ग्रामीण कलेक्टर , विधायक, एसडीएम एवं अन्य उच्च अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं इसके बाद भी आज तक सरपंच की विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई । ग्रामीणों ने निस्तारी तालाब एवं खेल मैदान में डंप किए गए राखड़ को हटाने एवं सरपंच सचिव के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।

क्या कहते हैं अधिकारी

ग्राम कटौद के ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई थी। शिकायत की गंभीरता से देखते हुए मौके का निरीक्षण किया गया। तालाब एवं खेल मैदान में राखड़ डंप करना पाया गया है। जांच कर प्रतिवेदन अग्रिम कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को भेजा गया है।

डा रवि कुमार राठौर

तहसीलदार डभरा

Bilaspur Court docket Information : सड़क हादसों के लिए मवेशी व सड़क किनारे खड़े वाहन है जिम्मेदारी

डिवीजन बेंच ने परिवहन विभाग के अफसरों को नोटिस जारी कर इस संबंध में उनके द्वारा किए जा रहे उपाय की जानकारी मांगी। अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तिथि तय कर दी है। कवर्धा में हुए सड़क हादसे को स्वत: संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Thu, 27 Jun 2024 12:45:19 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 27 Jun 2024 12:45:19 AM (IST)

Bilaspur Court News : सड़क हादसों के लिए मवेशी व सड़क किनारे खड़े वाहन है जिम्मेदारी

HighLights

  1. सड़क हादसों के लिए मवेशी व सड़क किनारे खड़े वाहन हैं जिम्मेदारी
  2. राज्य शासन व एनएचएआइ के अफसरों ने हाई कोर्ट में दिया जवाब
  3. अफसरों ने यह भी बताया कि सड़कों से इसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है।

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। प्रदेश में लगातार हो रहे सड़क हादसों के लिए राज्य शासन व एनएचएआइ (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अफसरों ने रोचक जवाब पेश किया है। अफसरों ने इसके लिए बेसहारा मवेशियों और सड़कों के किनारे खड़े वाहनों को जिम्मेदार ठहराया है। अफसरों ने यह भी बताया कि सड़कों से इसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है। समितियों की बैठक के अलावा सतर्कता के लिए किए जा रहे उपायों की भी कोर्ट को जानकारी दी।

डिवीजन बेंच ने परिवहन विभाग के अफसरों को नोटिस जारी कर इस संबंध में उनके द्वारा किए जा रहे उपाय की जानकारी मांगी। अगली सुनवाई के लिए 30 जुलाई की तिथि तय कर दी है। कवर्धा में हुए सड़क हादसे को स्वत: संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। 24 मई को जनहित याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने इस पर चिंता जताई थी और सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई। इस दौरान डिवीजन बेंच ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों से पूछा कि सड़क हादसे को रोकने के लिए उनकी तरफ से क्या उपाय किए जा रहे हैं। कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि लगातार निर्देश के बाद भी प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कोर्ट ने यह भी पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब तक आप लोगों ने क्या अमल किया।

सड़क सुरक्षा समिति के कामकाज के बारे में मांगी जानकारी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य शासन की ओर से जवाब पेश करने के लिए उपस्थित महाधिवक्ता से पूछा कि क्या प्रदेश में रोड सेफ्टी कमेटी (सड़क सुरक्षा समिति) है। अगर है तो यह कमेटी क्या कर रही है। प्रदेश सरकार ने दुर्घटनाएं रोकने के लिए अब तक कितने निर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करने के लिए अब तक क्या किया गया है। कोर्ट ने कहा कि हाइवे पर स्पीड कंट्रोल (गति नियंत्रण) के लिए एनसीआर में आटोमेटिक सिस्टम का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां क्यों नहीं हो सकता।

अफगानिस्तान की ऐतिहासिक कामयाबी पर राशिद खान को आया सरप्राइज वीडियो कॉल, देश के मंत्री देर तक की बात

नई दिल्ली. आईसीसी टी20 विश्व कप में अफगानिस्तान की टीम ने इतिहास रचते हुए पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई. ऑस्ट्रेलिया को हराने क बाद टीम ने आखिरी सुपर 8 मुकाबले में बांग्लादेश को मात देकर अपनी जगह अंतिम चार में पक्की की. टीम की इस शानदार कामयाबी पर पूरा देश झूम रहा है. फैंस के साथ-साथ देश की सत्ता में काबिज मंत्री भी टीम के प्रदर्शन पर गर्व महसूस कर रहे हैं. कप्तान राशिद खान को मैच के बाद विदेश मंत्री का सरप्राइज वीडियो कॉल आया और उन्होंने टीम को शुभकामनाएं दी.

अफगानिस्तान की टीम ने इस आईसीसी टी20 विश्व कप में अब तक बेहद शानदार खेल दिखाया है. लीग स्टेज में न्यूजीलैंड और सुपर 8 के मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को हराकर उलटफेर किया. अपने से रैंकिंग में उपर दोनों टीम के खिलाफ जीत की वजह से ही राशिद खान की टीम सेमीफाइनल तक पहुंचने में कामयाब हुई. टीम की इस उपलब्धि पर अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मवलवी आमिर खान भी अपनी खुशी छुपा नहीं पाए.

Auron Mein Kahan Dum Tha; MM Kirwani Manoj Muntashir Neeraj Pandey Interview | हिंदी गाने कम क्यों बनाते हैं ऑस्कर विनिंग कंपोजर कीरवानी: कहा- मेरी कुछ शर्तें हैं; मनोज मुंतशिर बोले- कम काम करें यही बेहतर

मुंबई2 दिन पहलेलेखक: आशीष तिवारी

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अजय देवगन, तब्बू और जिमी शेरगिल स्टारर फिल्म ‘औरों में कहां दम था’, 5 जुलाई को रिलीज होगी। इस फिल्म का पहला गाना ‘तू’ रिलीज हो गया है। इसे ऑस्कर अवॉर्ड विनिंग म्यूजिक कंपोजर एम.एम. कीरवानी ने कंपोज किया है।

जबकि इसका लिरिक्स मनोज मुंतशिर ने लिखा है। स्पेशल-26, ए वेडनेसडे और बेबी जैसी फिल्में बना चुके फिल्म मेकर नीरज पांडे ने इसका डायरेक्शन किया है। एम.एम. कीरवानी, मनोज मुंतशिर और नीरज पांडे ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की है।

पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश..
सवाल- कीरवानी साहब, फिल्म के फ्लोर पर जाने से पहले ही आपने गाने पर काम करना शुरू कर दिया था, इसके बारे में कुछ बताइए?
जवाब- मैंने कुछ समय पहले नीरज पांडे के साथ एक फिल्म में काम करना शुरू कर दिया था। हालांकि यह फिल्म कभी कम्पलीट नहीं हो पाई। इस फिल्म के लिए हमने गाने पहले ही रिकॉर्ड कर लिए थे। फिल्म भले ही नहीं बन पाई, लेकिन उस वक्त से ही हमने प्लान किया था कि कभी न कभी साथ में काम जरूर करेंगे। शायद इसी वजह से मैंने नीरज जी की फिल्म के लिए पहले ही गानों पर काम करना शुरू कर दिया था।

सवाल- मनोज, आपने इस फिल्म के गाने में पोएट्री का बहुत अच्छा समावेश किया है, ऐसे गाने बहुत कम सुनने को मिलते हैं, क्या कहेंगे?
जवाब-
मेरे लिए लिरिक्स लिखना आसान भी है और मुश्किल है। आसान इसलिए है क्योंकि मुझे कविताएं आती हैं। इस वजह से मैं लिरिक्स में पोएट्री को शामिल कर पाता हूं, जो कि गानों को बहुत अच्छा बना देते हैं। मुश्किल इसलिए है, क्योंकि आप हर दिन अपना बेस्ट नहीं दे सकते। हो सकता है कि कभी सही लाइनें याद न आएं। हमें पता है कि अगर हमने थोड़ा भी दोयम दर्जे का काम किया तो उसे पसंद नहीं किया जाएगा। इसलिए एक हिसाब से लिरिक्स लिखना काफी मुश्किल काम भी है।

सवाल- नीरज, इस फिल्म के लिए गाने बनाते वक्त आपका प्रोसेस क्या रहा?
जवाब-
मैं और कीरवानी साहब पहले ट्यून्स लॉक करते थे। मैं कीरवानी साहब को सिचुएशन समझाता था, वे उस हिसाब से गाने बनाते थे। कीरवानी साहब की एक खासियत है कि वे कभी भी बहुत ज्यादा सवाल-जवाब नहीं करते। अगर मैं कहता हूं कि सर, मुझे यह चीज पसंद नहीं आई तो वे तुरंत बदलाव करने लगते हैं। कभी यह नहीं कहते कि इसमें क्या कमी है या क्यों नहीं पसंद कर रहे। वे तुरंत दूसरे क्रिएशन पर काम करना शुरू कर देते हैं। एक बार जब हमने धुन पर काम कर लिया तब हम मनोज को फ्रेम में लाते हैं। वे फिर धुन के हिसाब से लिरिक्स लिखते हैं।

सवाल- मनोज, आप उन चुनिंदा लिरिक्स राइटर्स में से एक हो, जिसे हिंदी और उर्दू दोनों की बहुत अच्छी जानकारी है। आपने फिल्म के गाने में इसका मिश्रण भी किया है, क्या कहेंगे?
जवाब-
हिंदी और उर्दू, ये दोनों भाषाएं एक दूसरे में सांस लेती हैं। दोनों में बहुत ज्यादा समानता है। पिछले कुछ समय से ये बात फैलाई जा रही है कि दोनों भाषाएं अलग-अलग हैं, ऐसा कुछ नहीं है। आप इस फिल्म के गाने में हिंदी और उर्दू का कम्पलीट मिक्चर देखेंगे।

सवाल- नीरज, अजय और तब्बू की जोड़ी बहुत सारी फिल्मों में दिख चुकी है, इन्हें कास्ट करने का क्या उद्देश्य था?
जवाब-
आपको हमेशा अपनी फिल्म के लिए एक राइट एक्टर की जरूरत होती है। अजय और तब्बू से बेहतर ऑप्शन मेरे पास हो ही नहीं सकता था। एक डायरेक्टर के तौर पर अगर आपके पास अच्छे एक्टर हों, तो जर्नी काफी हद तक आसान हो जाती है।

सवाल- कीरवानी साहब, आप बहुत कम हिंदी गाने कंपोज करते हैं, ऐसा क्यों?
जवाब-
सबसे पहली बात तो मैं हैदराबाद में रहता हूं, जबकि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री मुंबई से रन करती है। दूसरी बात यह है कि मेरी कुछ शर्तें होती हैं। अगर फिल्म मेकर्स वो बात समझते हैं, तभी मैं उनके साथ काम करता हूं। एक उदाहरण देता हूं। मैं शादी के कॉन्सेप्ट को नहीं मानता। नीरज जी की ही फिल्म स्पेशल-26 में एक शादी वाला गाना है। मैंने उन्हें साफ कह दिया था कि मैं यह गाना कंपोज नहीं कर सकता। जब मैं एक पर्टिकुलर चीज को मानता ही नहीं, फिर उसे सेलिब्रेट कैसे कर सकता हूं। नीरज जी ने मेरी समझी और उन्होंने वो गाना किसी और से कंपोज करा लिया।

इस सवाल का मनोज मुंतशिर ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा- मैं चाहता हूं कि कीरवानी साहब हिंदी फिल्मों के लिए कम ही काम करें। घी एक चम्मच ही अच्छा लगता है, एक बाल्टी भरकर दे दिया जाए तो शायद पचा नहीं पाएंगे। मैं चाहता हूं कि कीरवानी साहब भले दो साल में एक म्यूजिक दें, लेकिन वो म्यूजिक अद्भुत हो।

सवाल- नीरज, आप पिछले काफी समय से बड़े पर्दे से दूर रहे, इसकी क्या वजहें रहीं?
जवाब- कोविड का दौर आ गया था। यह एक बड़ी वजह थी। दूसरी तरफ मैं सीरीज स्पेशल ऑप्स और खाकी- द बिहार चैप्टर को बनाने में बिजी था, इस वजह से फिल्मों पर काम नहीं कर रहा था।

सवाल- मनोज, आप नीरज पांडे की फिल्म मेकिंग या राइटिंग को कैसे देखते हैं?
जवाब-
मैं हमेशा से नीरज सर की फिल्म मेकिंग का फैन रहा हूं। उनकी राइटिंग का तो कोई जवाब ही नहीं है। वो जैसा लिखते हैं, शायद मैं भी वहां तक न पहुंच पाऊं।

सवाल- आज कल के गाने उतने मेलोडियस नहीं रह गए हैं, इसके पीछे क्या कारण हो सकता है? कीरवानी साहब आप बताइए।
जवाब-
देखिए, ऐसा कुछ नहीं है कि आज कल के गाने मेलोडियस नहीं हैं। जब यही गाने आप आज से चार-पांच साल बाद सुनेंगे तो अच्छे लगेंगे। बात बस समय की है।

Bilaspur Crime Information : बैंक के सामने से उठाईगीरी, किसान के 20 हजार रुपये पार

बिल्हा क्षेत्र के ग्राम खपराखोल में रहने वाले शत्रुहन प्रसाद दीक्षित किसान हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि सोमवार की सुबह उन्होने बिल्हा स्थित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से 50 हजार रुपये निकलवाया। इसके बाद उन्होंने 15 हजार रुपये अपने लोन खाते में जमा कर दिया।

By Yogeshwar Sharma

Publish Date: Thu, 27 Jun 2024 12:53:02 AM (IST)

Up to date Date: Thu, 27 Jun 2024 12:53:02 AM (IST)

बिल्हा स्थित जिला सहकारी बैंक के सामने की घटना, जांच में जुटी पुलिस

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। बिल्हा स्थित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सामने उठाईगीरी का मामला सामने आया है। चोरों ने किसान को चकमा देकर 20 हजार रुपये और दस्तावेज पार कर दिए। किसान की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बिल्हा क्षेत्र के ग्राम खपराखोल में रहने वाले शत्रुहन प्रसाद दीक्षित किसान हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि सोमवार की सुबह उन्होने बिल्हा स्थित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से 50 हजार रुपये निकलवाया। इसके बाद उन्होंने 15 हजार रुपये अपने लोन खाते में जमा कर दिया। बैंक के पास ही उन्होंने 15 हजार रुपये अपने परिचित को उधार दे दिए। शेष रकम और जरूरी दस्तावेज को झोले में रखे हुए थे। बैंक परिसर में ही चोरों ने उन्हें चकमा देकर रुपये और दस्तावेज का थैला पार कर दिया। किसान ने घटना की जानकारी अपने साथ आए ग्रामीण को देकर बैंक प्रबंधन को इसकी सूचना दी। इसके बाद उन्होंने घटना की शिकायत बिल्हा थाने में की है। किसान की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले को जांच में लिया है। बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस चोरों की पहचान में जुटी है।