Ambikapur Information : सरगुजा संभाग सहित मध्य प्रदेश के यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी शहडोल-अंबिकापुर मेमू ट्रेन की लेटलतीफी से यात्री हलाकान हैं। भीषण गर्मी के बीच शहडोल से प्रतिदिन दोपहर 12़ 30 बजे अंबिकापुर रवाना होने वाले यह ट्रेन रोज विलंब से छूट रही है।
By Anang Pal Dixit
Publish Date: Mon, 01 Apr 2024 12:30 AM (IST)
Up to date Date: Mon, 01 Apr 2024 12:30 AM (IST)
नईदुनिया प्रतिनिधि अंबिकापुर। सरगुजा संभाग सहित मध्य प्रदेश के यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी शहडोल-अंबिकापुर मेमू ट्रेन की लेटलतीफी से यात्री हलाकान हैं। भीषण गर्मी के बीच शहडोल से प्रतिदिन दोपहर 12़ 30 बजे अंबिकापुर रवाना होने वाले यह ट्रेन रोज विलंब से छूट रही है। रविवार को इस ट्रेन ने देरी का नया रिकार्ड कायम कर दिया। यह निर्धारित समय दोपहर साढ़े बारह बजे की जगह दोपहर बाद तीन बजकर 50 मिनट पर शहडोल से रवाना हुई। यह रात करीब नौ बजे अंबिकापुर पहुंची।
अंबिकापुर से इसी ट्रेन को अनूपपुर पैसेंजर के रूप में रात में रवाना किया गया। घंटों इस ट्रेन के विलंब से चलने से यात्री परेशान रहे। उन्हें ट्रेन की प्रतीक्षा में काफी समय व्यतीत करना पड़ा। प्रतिदिन विलंब से चल रही इस ट्रेन को सुचारू रूप से चलाने रेलवे प्रबंधन तनिक भी ध्यान नहीं दे रहा है। इसका खामियाजा दो राज्यों के रेल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। आने वाले समय में गर्मी की छुट्टी भी आरंभ हो जाएगी। उस दौरान ट्रेनों में भीड़ भी बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में शहडोल अंबिकापुर मेमू ट्रेन के संचालन में रेलवे प्रबंधन को ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि भीषण गर्मी में लोगों को कुछ राहत मिल सके।
शहडोल से अंबिकापुर के लिए दिन की पहली ट्रेन
दिल्ली, भोपाल, इंदौर, कटनी सहित अन्य इलाके से सरगुजा संभाग और मध्य प्रदेश के अनूपपुर, बिजुरी, कोतमा की ओर जाने वाले यात्रियों को शहडोल से प्रतिदिन पहली ट्रेन दोपहर 12़ 30 बजे शहडोल अंबिकापुर मेमू के रूप में मिलती है। इसके बाद दोपहर ढाई बजे शहडोल अंबिकापुर एवं शाम को जबलपुर अंबिकापुर ट्रेन है। पहली ट्रेन होने के कारण उसमें लंबी दूरी तय कर शहडोल पहुंचे यात्री काफी संख्या में यात्रा करते हैं। ऐसे यात्री इसी ट्रेन में अनूपपुर स्टेशन से भी सवार होते हैं। ऐसे में इस ट्रेन के लगातार घंटों विलंब से चलने के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यात्री ट्रेनों के प्रति प्रबंधन का ध्यान नहीं
आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग के लिए ट्रेन सुविधा आवागमन का बेहतर साधन है। इस सुविधा का संचालन बेहतर तरीके से नहीं होने के कारण आज स्थिति यह है कि कभी भी यात्री ट्रेनों की आवाजाही तकनीकी कारणों से रोक दी जाती है। कारण ये बताया जाता है कि तीसरी लाइन या एआइ कार्य किया जा रहा है, जबकि उसी रूट पर मालगाड़ियों का संचालन निर्बाध ढंग से होता रहता है। यात्रियों का कहना है कि मालगाड़ी का परिवहन होता रहे क्योंकि यह लोगों के लिए जरूरी है। यही मापदंड यात्री ट्रेनों के लिए भी होना चाहिए। अचानक कैंसिल करने एवं विलंब से चलने वाली ट्रेनों को सुचारू रूप से संचालित करने रेलवे प्रबंधन को ध्यान देने की जरूरत है।