नेपाल की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है. हिंसक विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता के बीच अब कुलमन घिसिंग का नाम देश के अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए आगे चल रहा है. इससे पहले पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को इस पद के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा था, लेकिन सहमति न बनने के कारण अब कुलमन घिसिंग को जनता और खासकर जेनरेशन-जेड का समर्थन मिल रहा है.
क्यों चर्चा में हैं कुलमन घिसिंग?
कुलमन घिसिंग नेपाल विद्युत प्राधिकरण (NEA) के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं. उनका नाम उस समय सुर्खियों में आया जब उन्होंने नेपाल की लंबे समय से चली आ रही बिजली कटौती (लोड शेडिंग) की समस्या को खत्म कर दिया. जहां कभी नेपाल में रोजाना 8 से 18 घंटे तक बिजली जाती थी, वहीं घिसिंग के नेतृत्व में यह समस्या केवल कुछ महीनों में दूर हो गई.
कहां से की है पढ़ाई-लिखाई?
कुलमन घिसिंग की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी बेहद मजबूत है. उनका जन्म 25 नवंबर 1970 को बेथन, रामेछाप, नेपाल में हुआ. शुरुआती पढ़ाई उन्होंने अपने गांव से पूरी की और आगे की शिक्षा के लिए काठमांडू चले गए. इसके बाद उन्होंने भारत के जमशेदपुर स्थित क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया और आगे नेपाल के पुलचौक इंजीनियरिंग कॉलेज से मास्टर्स डिग्री हासिल की.
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कब और कैसे बने थे NEA के प्रमुख?
14 सितंबर 2016 को नेपाल सरकार ने कुलमन घिसिंग को पहली बार NEA का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया था. उनका पहला कार्यकाल चार साल का था और इस दौरान उन्होंने बिजली आपूर्ति की तस्वीर पूरी तरह बदल दी. बाद में उन्हें 11 अगस्त 2021 को दोबारा इसी पद पर नियुक्त किया गया. हालांकि, मार्च 2025 में सरकार ने अचानक उन्हें पद से हटा दिया.
सबसे बड़ी उपलब्धियां
- लोड शेडिंग खत्म किया, जो नेपाल की सबसे बड़ी समस्या थी.
- NEA को घाटे से निकालकर मुनाफे वाली संस्था बनाया.
- बिजली चोरी पर सख्ती से रोक लगाई.
- हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स को तेजी से आगे बढ़ाया.
- वितरण नेटवर्क में बड़े सुधार किए.
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