आपस में भिड़ गए प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य के भक्त! सोशल मीडिया पर जमकर मचाया गदर

आपस में भिड़ गए प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य के भक्त! सोशल मीडिया पर जमकर मचाया गदर


रामभद्राचार्य और प्रेमानंद महाराज के बीच चल रहे बवाल से तो आप बखूबी वाकिफ होंगे. हाल ही में रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज के लिए कुछ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया जिससे कहीं ना कहीं बवाल हो गया. इतना ही नहीं, उन्होंने प्रेमानंद महाराज को संस्कृत में श्लोक बोलने की चुनौती दे डाली जिसके बाद संत समाज में बयानों का दौर जारी है.

आपस में भिड़ गए प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य के भक्त! सोशल मीडिया पर जमकर मचाया गदर

लेकिन अब ये बवाल बढ़ता बढ़ता इन दोनों के भक्तों तक आ पहुंचा है. जी हां, जमीनी विवाद के बाद अब इस बवाल ने इंटरनेट के गलियारों में भी कदम रख दिया है जिसके बाद इंटरनेट पर इन दोनों के भक्त आपस में ही उलझ पड़े हैं.

सोशल मीडिया पर आपस में उलझे प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य के भक्त

सोशल मीडिया पर इन दिनों धार्मिक युद्ध छिड़ा हुआ है, लेकिन ये युद्ध किसी धर्म को लेकर नहीं है बल्कि हिंदू धर्म के दो बड़े चेहरों जगदगुरू रामभद्राचार्य और प्रेमानंद महाराज के भक्तों के बीच है. सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज के भक्त रामभद्राचार्य के लिए कई सारे कड़वे बोल कह रहे हैं तो वहीं प्रेमानंद महाराज को लेकर जगदगुरू रामभद्राचार्य के भक्त भी तंज कसते दिखाई दे रहे हैं.

आपस में भिड़ गए प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य के भक्त! सोशल मीडिया पर जमकर मचाया गदर

लोग जगदगुरु के जन्मांधता का मजाक बना रहे हैं तो कुछ लोग प्रेमानंद महाराज के महंगी गाड़ियों के इस्तेमाल को लेकर तंज कसते दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं, लोग जगदगुरु रामभद्राचार्य को ज्ञान का अहंकार करने वाला शख्स भी बता रहे हैं.

आपस में भिड़ गए प्रेमानंद महाराज और रामभद्राचार्य के भक्त! सोशल मीडिया पर जमकर मचाया गदर

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क्या थी पूरे विवाद की वजह?

बता दें कि जगदगुरू रामभद्राचार्य ने एक पॉडकास्ट में प्रेमानंद जी महाराज को संस्कृत बोलने की चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि प्रेमानंद महाराज न तो विद्वान है और न ही चमत्कारी हैं. वो उनके सामने एक बालक के समान है. अगर उनमें क्षमता है तो वो उनके संस्कृत के श्लोक का अर्थ बताएं तब मैं उन्हें चमत्कारिक मानूंगा. हालांकि बाद में रामभद्राचार्य ने कहा कि उन्होंने प्रेमानंद जी पर कोई अभद्र टिप्पणी नहीं की है. वो उनके पुत्र के समान है.  

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