भारत के ‘सुदर्शन चक्र’ में ऐसा क्या है? जिसे देख चीन भी हो गया फैन, घबराने लगा पाकिस्तान


ओडिशा के समुद्री तट पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम (IADWS) का सफल परीक्षण किया. इस सिस्टम में क्विक रिएक्शन मिसाइलों के साथ ही हाई-पावर लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) भी शामिल हैं. इसे आधुनिक सुदर्शन चक्र कहा जा रहा है. भारत के इस सुरक्षा कवच की चीन भी तारीफ कर रहा है.

बीजिंग स्थित एयरोस्‍पेस नॉलेज (Aerospace Knowledge) मैगजीन के एडिटर वांग यानान ने चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से कहा कि भारत का IADWS वाकई एक बड़ी उपलब्धि है. लेजर हथियार भविष्य की लड़ाइयों का अहम हिस्सा हैं और भारत अब उन चुनिंदा देशों की कतार में आ गया है, जिनके पास यह तकनीक है. 

चीन ने भी की तारीफ
यानान ने कहा कि मिसाइल और मैन-पोर्टेबल सिस्टम तो कई देशों के पास हैं, लेकिन लेजर हथियार का टेस्ट और उसे तैनात करने की क्षमता हर किसी के पास नहीं है. बता दें कि इस सिस्टम को खासतौर पर इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह दुश्मन के ड्रोन, क्रूज़ मिसाइल, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ते फाइटर जेट्स को तुरंत ढेर कर सके.

कितना पावरफुल है भारत का सुदर्शन चक्र
QRSAM (क्विक रिएक्शन मिसाइल)- 30 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल, दुश्मन की चाल को सेकंडों में नाकाम कर सकती है. VSHORADS सैनिकों के कंधे पर रखकर दागी जाने वाली मिसाइल, जो हेलीकॉप्टर और ड्रोन को गिरा सकती है. DEW (लेजर वेपन) यह सबसे घातक तकनीक है. इसमें न आवाज है, न धुआं, लेकिन दुश्मन का ड्रोन या मिसाइल हवा में गायब हो जाता है. यह सिस्टम भारत को ऐसी सुरक्षा देता है जो पहले सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के पास थी.

घबराए चीन और पाकिस्तान
पाकिस्तान लंबे समय से चीन से ड्रोन और रॉकेट लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करता रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन भारतीय सेना ने उसे नाकाम कर दिया. अब जब भारत के पास लेजर डिफेंस सिस्टम है तो पाकिस्तान के ड्रोन और क्रूज मिसाइलें बेअसर हो जाएंगी. यही वजह है कि चीनी विशेषज्ञों को भी मानना पड़ा कि यह भारत के लिए गेमचेंजर है.

चीन पहले से LW-30 लेजर सिस्टम पर काम कर रहा है, जिसका दावा है कि वह ड्रोन गिरा सकता है, लेकिन भारत के IADWS में मिसाइल और लेज़र दोनों हैं, जो इसे और प्रभावी बनाता है. अगर यह सिस्टम LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर तैनात हो गया तो चीन के लिए घुसपैठ की कोशिशें बेहद मुश्किल हो जाएंगी.

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