‘आत्मनिर्भरता ही सच्ची आजादी…’ IIT-खड़गपुर में बोले गौतम अडानी, कहा- इतना बदलाव कभी नहीं देखा

‘आत्मनिर्भरता ही सच्ची आजादी…’ IIT-खड़गपुर में बोले गौतम अडानी, कहा- इतना बदलाव कभी नहीं देखा


Gautam Adani: बिजनेस टायकून गौतम अडानी का मानना है कि किसी भी एक भू-राजनीतिक घटना से उन सेक्टर्स में विकास रूक सकता है, जो टेक्नोलॉजी पर निर्भर हैं और ऊर्जा के मामले में संवेदनशील हैं. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)-खड़गपुर 75वें स्थापना दिवस पर छात्रों को संबोधित करते हुए गौतम अडानी ने कहा कि आत्मनिर्भरता ही सही मायने में आजादी दे सकती है.  

‘आत्मनिर्भरता ही सच्ची आजादी’

उन्होंने बताया, “तकनीकी निर्भरता के मामले में हमारे 90 परसेंट सेमीकंडक्टर दूसरे देशों से मंगाए जाते हैं. एक भी प्रतिबंध या व्यवधान से हमारी डिजिटल इकोनॉमी रूक सकती है. उर्जा के मामले में हमारी स्थिति कमजोर है. हम आना 85 परसेंट तेल आयात करते हैं. एक भी भू-राजनीतिक घटना हमारे विकास को बाधित कर सकती है.” 

उन्होंने आगे कहा, “जब हमारा डेटा भारत की सीमा के पार जाता है, तो इस डेटा का हर हिस्सा विदेशी एल्गोरिदम के लिए कच्चा माल बन जाता है, जिससे विदेशी संपत्ति बनाता है और विदेशी प्रभुत्व को मजबूत करता है. सैन्य निर्भरता के मामले में हमारे कई जरूरी सिस्टम आयात किए जाते हैं, जिससे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा अन्य देशों की राजनीतिक इच्छाशक्ति के अधीन हो जाती है. अगर हमें सचमुच आजाद होना है, तो हमें अब इसी आजादी के लिए लड़ना होगा, आत्मनिर्भरता की आजादी.”

तकनीक-आधारित युद्ध की ओर बढ़ रही दुनिया

वह आगे कहते हैं, ”आज जंग दिखाई नहीं देते… ये सर्वर फॉर्म पर होते हैं, बॉर्डर पर नहीं. हथियारों की जगह टेक्नोलॉजी ने ले ली है.” उन्होंने कहा, ”दुनिया पारंपरिक तरीके से लड़े जाने वाले युद्ध से तकनीक-आधारित युद्ध की ओर बढ़ रही है और हमारी तैयारी की क्षमता ही हमारा भविष्य तय करेगी क्योंकि आज हमें जो युद्ध लड़ने हैं, वे अक्सर अदृश्य होते हैं क्योंकि वे सर्वर फॉर्म में लड़े जाते हैं, सीमाओं पर नहीं. हथियार एल्गोरिदम हैं, बंदूकें नहीं. साम्राज्य ज़मीन पर नहीं, बल्कि डेटा सेंटरों में बनते हैं. सेनाएं बॉटनेट हैं, बटालियन नहीं.”

उन्होंने यह भी कहा, ”मैं 16 साल की उम्र से कारोबार संभाल रहा हूं. मैंने बदलाव के कई दौर देखे हैं. संकट और अवसर, दोनों के बीच अपना कारोबार बढ़ाया है. लेकिन मैं आपको पूरे विश्वास के साथ बता सकता हूं कि परिर्वतन का जो समय अभी सामने आ रहा है, ऐसा मैंने पहले कभी नहीं देखा.”

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