IND vs BAN: एक फैमिली का इवेंट नहीं, पूरे शहर का सेलिब्रेशन बने मैच

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पिछले कुछ दिनों से पता चला है कि यह एक परिवार का निजी कार्यक्रम है जिसमें वह हर हाल में शामिल होना चाहती हैं। शहर और आंचलिक के राजनीतिक मुद्दे एक बार भी शहर के विकास से जुड़ी इस कहानी को लेकर न तो साथ बैठे न बात की।

द्वारा वीरेंद्र तिवारी

प्रकाशित तिथि: रविवार, 06 अक्टूबर 2024 08:15:59 पूर्वाह्न (IST)

अद्यतन दिनांक: रविवार, 06 अक्टूबर 2024 08:15:59 पूर्वाह्न (IST)

शंकरपुर मर्करीटेडियम में युके बैन्कलादेश और भारत सिरीज़ का पहला मैच खेला गया

पर प्रकाश डाला गया

  1. सामान्य ज्ञान में आज से खुलेगी खेलों के इतिहास की गौरवमयी इतिहास की पुस्तक
  2. उम्मीद है कि अब सिटी को क्रिकेट मैच बीसीसीएआई के मैच सिस्टम से मिलेंगे
  3. यह क्रिकेट धर्म और मैच शहर का उत्सव साझेदारी स्थानीय उद्योग के रनरेट को बेहतर बनाने की इच्छा रखता है

1.तिवारी. अन्य। आज से पहेली ने खेलों के गौरवमयी इतिहास की किताब फिर से शुरू कर दी है। इस देश में क्रिकेट मैच भले ही कुछ प्राइवेट स्टॉक और उस पर जर्नल डायलॉग्स की आखिरी सालगिरह की किताब हो लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि इससे जुड़ी जगह की इंडस्ट्री भी प्लेमैन रहती है जहां यह फलता-फूलता है। दिन दूनी रात चौगुनी तीरंदाज करने वाले डेरे की समृद्धि में क्रिकेट का अहम योगदान है।

मैंने वहां पर स्टूडेंट स्टूडेंट के रूप में नगर निगम के नेहरू स्टेडियम में इंटरनेशनल मैच भी देखा और ग्रैंड उषा राजे क्रिकेट स्टेडियम में इंटरनेशनल मैच और आईपीएल भी देखा। मैच के दौरान सिटी और सिस्टम की रगों में जो करंट दौड़ता है वही बदलाव की कहानी लिखता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के खिलाड़ी देश-विदेश के सैकड़ों लोग आपके शहर का दीदार करते हैं, खान-पान, कला, संस्कृति, इतिहास को जानते हैं। विभिन्न स्थानों,सोशल-टीवी की चर्चाओं में शहर का ज़िक्र होता है।

इसका नाम रनवे लगता है। बस येशीवे नाम के व्यापारी की उस खोज को पूरा करते हैं जिसे वह “इमर्जिंग मार्केट” कहते हैं। क्रिकेट के मामले में अब मध्यभारत का सबसे बड़ा स्टेडियम हमारा यहां है। जाहिर तौर पर वह धड़ा बिल्कुल खुश नहीं है जो हर फिल्म पर पहला हक-डोर का मालिक है। अनामने से ही वह स्टालिश के मैच को लॉट में रखते हैं। रही कसर यहां स्थानीय गुटबाजी पूरी कर रही है।

पिछले कुछ दिनों से पता चला है कि यह एक परिवार का निजी कार्यक्रम है जिसमें वह हर हाल में शामिल होना चाहती हैं। शहर और आंचलिक के राजनीतिक मुद्दे एक बार भी शहर के विकास से जुड़ी इस कहानी को लेकर न तो साथ बैठे न बात की। नतीजा यह हुआ कि बटलर के बीच मेहमान टीम सिटी सेंटर के होटल में कैद रही और भारतीय टीम के खिलाड़ी भी शहर में नहीं निकले। उम्मीद है कि अब सिटी में क्रिकेट मैच बीसीसीआइ के मैच सिस्टम से जुड़े रहेंगे लेकिन सभी को खराब मूड में रहना होगा, उन्हें जो दूर जाना है और उन्हें जो इस पर कब्जा कर लिया है क्रिकेट रखना चाहते हैं तभी यह धर्म और मैच सिटी का जश्न स्थानीय है अर्थव्यवस्था के रनरेट को बेहतर बनाने की चाहत।

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