राज्य सरकार 2025-26 के सत्र से बुधनी, राजगढ़, श्योपुर, सिंगरौली और मंडला वर्ष के स्मारकों में प्रवेश प्रारंभ करने की तैयारी में है। सभी जगह 150-150 मंज़िल। फैकल्टी की संख्या ज्यादा नहीं तो सिवनी, नीमच और मंदसौर में भी बढ़ोतरी मुश्किल हो।
द्वारा नवोदित शक्तावत
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 05 अक्टूबर 2024 08:41:35 अपराह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 05 अक्टूबर 2024 09:08:51 अपराह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- अब नए कालेज़ों में फैकल्टी के पद पर नियुक्ति में मदद।
- एसोसिएटेड प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद पर असमंजस की स्थिति।
- होटल व्यवसायियों को अतिरिक्त कोचिंग मिल रही है।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया.भोपाल। राज्य सरकार ने आगामी वर्षों में 14 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज की घोषणा की है। इनमें से पांच से अगले वर्ष तक ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है। कॉलेज शुरू करने में सबसे बड़ी चुनौती यहां फैकल्टी के उच्च पदों को भरना है।
इसके लिए सरकार छोटे और पिछड़े वर्ग के मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी को 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त प्रोत्साहन कोचिंग की तैयारी कर रही है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने शीघ्र ही इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है।
रिश्ते बन रहे हैं ये हालात
इस वर्ष सिवनी, नीमच और मंदसौर की शुरुआत हुई चिकित्सीय परीक्षण फैकल्टी की कमी के कारण 100 डिग्रियों की संख्या ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिल पाई, जबकि चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने 150-150 डिग्रियों के लिए आवेदन किया था। सबसे अधिक असंगठित प्रोफेसर और प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति आ रही है।
नीमच, सिवनी, मंदसौर मेडिकल प्रोटोटाइप से साबित हुआ
तीन क्षेत्र के प्राथमिक और सेलेब्रिटी स्वास्थ्य सेवाएं सरकार के सहयोगियों को पहले से ही अतिरिक्त छूट दे रही है। असली, निजी प्रैक्टिस के मोह में बड़े भाई छोटे टैटू में नहीं जाना चाहते। नीमच, सिवनी और मंदसौर मेडिकल कॉलेज में यह साबित हो चुका है। इस कारण मजबूरन सरकार नीति बनाने की तैयारी कर रही है।
नहीं मिल शाइन फैकल्टी
- नये में पहले साल तो गैर-ज्यामितीय विषय एनटॉमी, फिलाजी और बायोकेमेस्ट्री में ही फैकल्टी की आवश्यकता है।
- लेकिन आगे के वर्षों के लिए चिकित्सा, सर्जरी आदि विषयों में फैकल्टी नहीं मिल पाई।
- प्रोत्साहन राशि के संबंध में विस्तृत आभूषण के बाद तय किया जाएगा कि किन स्टूडियो को बैक के श्रेणी में रखा जाएगा।
- यहां काम करने वाले फैकल्टी को कितना लाभ मिलेगा।