जोधपुर और बाड़मेर में मिलिट्री एक्सरसाइज करेगी इंडियन एयरफोर्स, एयरस्पेस के लिए जारी किया NOTAM


पाकिस्तान की मिलिट्री एक्सरसाइज का जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना भी बुधवार से तीन दिवसीय (23-25 जुलाई) एयर एक्सरसाइज करने जा रही है. इस बाबत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान से सटे जोधपुर और बाड़मेर की एयर-स्पेस को लेकर नोटम (नोटिस टू एयरमैन) जारी कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के जोधपुर और बाड़मेर एयरबेस पर तैनात फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, टोही विमान और ड्रोन इस एक्सरसाइज में हिस्सा लेंगे. हालांकि, वायुसेना ने इस एक्सरसाइज को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि इस युद्धाभ्यास में दुश्मन की वायु-रक्षा प्रणाली को तबाह करने वाली ‘सीड’ (SEAD) यानी सप्रेशन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस और ‘डेड’ (DEAD) यानी डिस्ट्रक्शन ऑफ एनेमी एयर डिफेंस से जुड़ी ड्रिल का अभ्यास किया जाएगा.

पाकिस्तान को सता रहा भारत की एयर स्ट्राइक का डर

दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट टीआरएफ पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद पाकिस्तान को फिर से भारत की एयर स्ट्राइक का डर सता रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरे एक हफ्ते के लिए पाकिस्तान ने अपनी एयर स्पेस में नोटम जारी कर दिया है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान में मिलिट्री एक्सरसाइज या फिर मिसाइल टेस्ट चल रहा है.

पाकिस्तान के सेंट्रल सेक्टर में 16-23 जुलाई तक एयर-स्पेस पूरी तरह बंद रहेगी. वहीं, दक्षिणी पाकिस्तानी की एयर-स्पेस 22-23 जुलाई को बंद रहेगी. इस बाबत पाकिस्तान ने नोटम यानी नोटिस टू एयरमैन जारी किया है.

जोधपुर और बाड़मेर में मिलिट्री एक्सरसाइज करेगी इंडियन एयरफोर्स, एयरस्पेस के लिए जारी किया NOTAM; पाकिस्तान की बढ़ गई धुकधुकीजोधपुर और बाड़मेर में मिलिट्री एक्सरसाइज करेगी इंडियन एयरफोर्स, एयरस्पेस के लिए जारी किया NOTAM; पाकिस्तान की बढ़ गई धुकधुकी

भारत ने PAK के एयर डिफेंस सिस्टम को किया था तबाह

पिछले हफ्ते ही चीन के कार्गो विमानों को पाकिस्तान में देखा गया था. ऐसे में माना जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान को नए हथियार और एयर डिफेंस सिस्टम सप्लाई किए हैं क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के दौरान, भारत ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों और एयरबेस तबाह करने के साथ ही बड़े पैमाने पर रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को बर्बाद कर दिया था. चीन से मिली HQ-9 और LQ-80 मिसाइल सिस्टम पर भारत ने एंटी-रेडिएशन ड्रोन से अटैक किया था.

इसके साथ, पाकिस्तान ने 23 अगस्त तक पूरी एयर स्पेस को भारत के सिविल और मिलिट्री विमानों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान ने भारत के विमानों के लिए हवाई क्षेत्र में नोटम जारी कर रखा है.

तीन दिन पहले अमेरिका ने TRF को घोषित किया आतंकी संगठन

शनिवार (19 जुलाई, 2025) को अमेरिका ने पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल) के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फोर्स (टीआरएफ) को सीधे तौर से आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक ‘फ्रंट’ और ‘प्रॉक्सी’ करार देते हुए वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. अमेरिका के मुताबिक, पहलगाम आतंकी हमला साल 2008 में 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद सबसे घातक हमला है.

ISI ने लश्कर का हेडक्वार्टर शिफ्ट करने का दिया निर्देश

इस बीच खबर है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर को मुरीदके से बहावलपुर शिफ्ट करने का निर्देश दिया है. 80 के दशक के आखिरी सालों में अफगानिस्तान में सोवियत-तालिबान युद्ध खत्म होने बाद से लश्कर का मुख्यालय पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में था. एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, बहावलपुर में ऐसे पोस्टर दिखाई पड़े हैं जिससे ये साबित होता है कि लश्कर अब मुरीदके में सक्रिय है.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, मुरीदके और बहावलपुर में भारतीय वायुसेना ने मिसाइल स्ट्राइक की थी. भारत की ब्रह्मोस मिसाइल ने बहावलपुर और मुरीदके, दोनों जगह जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था. मुरीदके में लश्कर के हेडक्वार्टर के भीतर आईएसआई के फील्ड ऑफिस का भी खुलासा हुआ था.

लश्कर का नाम बदलेगी ISI

ऑपरेशन सिंदूर में जैश और लश्कर के आतंकियों के मारे जाने के बाद भारत विरोधी गतिविधियों को तेज करने के इरादे से ये फैसला लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, लश्कर के हेडक्वार्टर को मुरीदके से शिफ्ट करने के पीछे एक कारण ये भी हो सकता है कि अमेरिका सहित पूरी दुनिया को दिखाया जा सके कि लश्कर को खत्म कर दिया गया है. बहुत हद तक मुमकिन है कि लश्कर को नया नाम दे दिया जाए. ऐसा आईएसआई पहली भी कर चुकी है. मुंबई में 26/11 हमले के बाद जब लश्कर को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर बैन लगाया था, तो उसका नाम जमात-उद-दावा कर दिया गया था.

आतंकी संगठनों के नाम बदलने में ISI माहिर

आईएसआई, पाकिस्तान में पल-बढ़ रहे आतंकी संगठनों के नाम और उपनाम बदलने में माहिर है. यही वजह है कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए आईएसआई ने लश्कर को नया नाम टीआरएफ यानी द रजिस्टेंस फ्रंट दे दिया. ऐसा इसलिए ताकि, लश्कर को कश्मीर से जुड़ा संगठन माना जाए. जबकि लश्कर, एक इस्लामिक (धर्म से जुड़ा) शब्द है. लेकिन अमेरिका के टीआरएफ को बैन करने से पाकिस्तान की साजिश का भंडाफोड़ हो गया है और अब उसे भारत की एयर-स्ट्राइक का डर लगने लगा है. क्योंकि भारत ने साफ कह रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को महज रोका गया है, यह खत्म नहीं हुआ है.

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