क्रिकेट में क्या होता है बॉल-आउट? 18 साल बाद WCL में हुआ है रिटर्न; भारत-पाकिस्तान से कनेक्शन


क्रिकेट के नियम समय-समय पर बदलते रहे हैं, लेकिन कुछ नियमों को बंद भी किया जा चुका है. इन्हीं में से एक बॉल-आउट रूल भी है, जिसका इस्तेमाल वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स 2025 में किया गया है. दरअसल वेस्टइंडीज चैंपियंस बनाम दक्षिण अफ्रीका चैंपियंस (WI vs SA Match Bowl Out) मैच टाई हो गया था, जिसके बाद टाईब्रेकर के रूप में बॉल-आउट नियम का इस्तेमाल किया गया. बॉल-आउट नियम के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम विजयी रही, लेकिन आखिर यह बॉल-आउट नियम (Bowl Out Rule Cricket) होता क्या है, यहां डिटेल में समझिए.

क्या होता है बॉल-आउट रूल?

क्रिकेट में बॉल आउट का नियम बहुत कम बार इस्तेमाल किया गया है. इसे टाई-ब्रेकर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. मान लीजिए कि दो टीमों का स्कोर बराबरी पर छूटता है, तब आमतौर पर प्रत्येक टीम से पांच-पांच गेंदबाज बॉलिंग करेंगे (सामने बल्लेबाज नहीं रहेगा), लेकिन स्टंप्स के पीछे विकेटकीपर मौजूद रहेगा. दोनों टीमों के सभी पांच गेंदबाज एक-एक प्रयास में स्टंप्स को हिट करने का प्रयास करेंगे, जिस टीम के ज्यादा गेंदबाज स्टंप्स को हिट करेंगे, उस टीम को विजेता घोषित किया जाएगा.

भारत-पाकिस्तान वर्ल्ड कप मैच में हुआ था बॉल-आउट

बॉल-आउट का नियम 2007 टी20 वर्ल्ड कप के उस ऐतिहासिक मैच से भी जुड़ा है, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को हराया था. ये बात है 14 सितंबर 2007 की जब टी20 वर्ल्ड कप के ग्रुप मैच में भारत और पाकिस्तान का मैच हो रहा था. दोनों टीम निर्धारित 20 ओवरों में 141 रन बना पाई थीं, ऐसे में रिजल्ट पाने के लिए बॉल-आउट नियम को लागू किया गया था.

भारत के लिए वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह और रॉबिन उथप्पा, तीनों ने अपने-अपने प्रयास में बॉलिंग करते हुए स्टंप्स को हिट किया था. जबकि पाकिस्तान के यासिर अराफात, उमर गुल और शाहिद अफरीदी स्टंप्स को हिट नहीं कर पाए थे. इस तरह बॉल-आउट में भारत ने 3-0 से जीत दर्ज की थी.

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