
यस्तु भार्यापरित्य परस्त्रिषु रामेत नरः। स कुंभिनिपके गोरे पच्यते कालसंत्य ॥ – गरुड़ पुराण के इस श्लोक के अनुसार जो व्यक्ति पत्नी के अलावा दूसरी स्त्री से संबंध रखता है उसे जीवन में कभी सुख प्राप्त नहीं होता साथ ही मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को उबलते तेल में फेंक दिया जाता है.

गरुड़ पुराण के सातवें अध्याय के अनुसार पत्नी को शारीरिक या मानसिक रूप से कष्ट देने वाले पति को मृत्यु के बाद ‘रौरव नरक’ में भेजा जाता है. जहां भयंकर सांप उसकी आत्मा को कष्ट पहुंचाते हैं.

गुरुड़ पुराण के अनुसार पत्नी के अधिकारों का हनन करने वाले, अपने उत्तरदायित्तव का निर्वाहन न करने वाले पुरुषों पर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं बरसती. ऐसे व्यक्ति को आर्थिक के साथ मानसिक रूप से परेशानी झेलनी पड़ती है.

महाभारत के अनुष्का पर्व के 88वें अध्याय में लिखा है कि जो व्यक्ति अपनी पत्नी का अपमान करता है, उसे बार बार नीचा दिखाता है वह जन्म-मरण के बंधन से कभी मुक्त नहीं हो पाता.

गुरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद जीव की यात्रा, नरकों और योनियों का विवरण, और मोक्ष प्राप्ति के उपायों का ज्ञान मिलता है.

गरुड़ पुराण में 14 लाख नर्क का वर्णन है. हर नर्क में अलग-अलग प्रकार की यातनाएं दी जाती हैं, जो पाप के प्रकार पर निर्भर करती हैं.
Published at : 23 Jun 2025 07:30 AM (IST)
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