US Attacks Iran: अमेरिका ने रविवार (22 जून 2025) तड़के ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमले किए. यूएस के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि ईरान के परमाणु ठिकाने पूरी तरह से तबाह हो गए. फोर्डो न्यूक्लियर साइट को लेकर दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी हमलों से वहां ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा.
अमेरिकी हमलों का नहीं हुआ ज्यादा असर
ईरानी मीडिया के अनुसार अमेरिकी हमले के दौरान बम एक ही जगह पर लगातार नहीं गिराए जा सके, जिसकी वजह से अंदर ज्यादा असर नहीं हुआ होगा. मैक्सार टेक्नोलॉजी की ओर से जारी सैटेलाइट इमेज में फोर्डो परमाणु स्थल पर तीन बड़े छेद देखे जा सकते हैं. इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जमीन के भीतर जो भी सुविधाएं होंगी वो बरकरार हो.
एंट्री गेट पर कई गाड़ियां थी मौजूद
सैटेलाइट इमेज में नजर आ रहा है कि हमले के बाद जमीन अंदर की ओर धंस गई, जबकि सुरंग के एंट्री गेट मिट्टी से बंद कर दिए गए थे. फोर्डो न्यूक्लियर साइट तक जाने के कई रास्ते हैं. सैटेलाइट इमेज ने इसके एंट्री गेट पर कई गाड़ियां कतार में खड़ी दिखाई दे रही है.
B-2 बॉम्बर्स… बस्टर बम से ईरान के ठिकानों पर हुआ हमला
अमेरिका ने ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के जरिए ईरान के तीन परमाणु ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फाहान को निशाना बनाया. अमेरिकी वायुसेना ने B-2 बॉम्बर्स से फोर्डो और नतांज परमाणु ठिकानों पर 30000 पाउंड के बंकर बस्टर बम गिराए. इस्फाहान पर टोमाहॉक क्रूज मिसाइल से हमला किया गया. यह पूरा ऑपरेशन 18 घंटे का था, जिसमें कम्युनिकेशन का इस्तेमाल बहुत कम किया गया था ताकि ईरान को हमारी कार्रवाई की भनक तक न लगे.
बंकर-बस्टिंग बम की क्षमता
अमेरिका का बंकर-बस्टिंग बम एकमात्र ऐसा हथियार है जो ईरान की दबी हुई परमाणु सुविधाओं को नष्ट करने में सक्षम है. GBU-57 एक 30,000 पाउंड (13,607 किलोग्राम) का बम है जो विस्फोट होने से पहले जमीन के 200 फीट (61 मीटर) अंदर जाने में सक्षम है. यह चट्टान या कंक्रीट को भी पार कर सकता है.
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