Hindustan Aeronautics Limited: भारत में डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर की बड़ी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) बनाने की 511 करोड़ रुपये की बोली जीत ली है. इसी के साथ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स ने SSLV टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हासिल कर लिया है. इंडियन नेशनल स्पेस प्रोमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी.
भारत की स्पेस इकोनॉमी को बढ़ावा
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, IN-SPACe के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका ने कहा, यह पहली बार है जब किसी स्पेस एजेंसी ने किसी कंपनी को कम्प्लीट लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की है. HAL के पास अब स्वतंत्र रूप से SSLV लॉन्च बनाने, इस पर मालिकाना हक रखने और कमर्शियलाइज करने की क्षमता होगी. गोयनका ने इस डील को भारत की महत्वाकांक्षी 44 बिलियन डॉलर की स्पेस इकोनॉमी के लिए महत्वपूर्ण बताया. बता दें कि भारत का लक्ष्य 2022 में 8.4 बिलियन डॉलर की अपनी स्पेस इकोनॉमी को साल 2033 तक बढ़ाकर 44 बिलियन डॉलर करना है.
क्या है इसका मकसद?
रॉयटर्स ने भी पवन गोयनका के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया, यह SSLV 500 किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा तक ले जा सकेगा. इसका मकसद छोटे-छोटे सैटेलाइट्स को लो-अर्थ ऑर्बिट में भेजने की वैश्विक मांग को पूरा करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में पहली बार रॉकेट टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर किया जा रहा है.
HAL को होने वाला है फायदा
इसी डील के साथ अब हर साल HAL के 6-8 SSLV रॉकेट बनाने की उम्मीद है. इससे हर रॉकेट के लॉन्च होने पर अनुमानित 6.5 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट होगा. गोयनका ने CNBC-TV18 को बताया, SSLV रॉकेट बनाने का काम शुरू होने के बाद HAL को फायदा होगा. अब से दो साल बाद यह भारत में SSLV बनाने वाली इकलौती कंपनी होगी.
रेस में कई और कंपनियां भी शामिल
इसरो से टेक्नोलॉजी हासिल करने की रेस में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अलावा 2 अन्य कंसोर्शियम भी शामिल रहे. हालांकि, महीनों तक चले टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल इवैल्यूऐशन के बाद HAL ने आखिरकार अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज और भारत डायनेमिक्स को हरा दिया. शुरुआती चरण में इस बोली लगाने की प्रक्रिया में 20 कंपनियां शामिल हुई थीं. खबर के साथ आज दोपहर 2:53 बजे HAL के शेयर NSE पर 1.24 परसेंट बढ़कर 4,962.90 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.
27 जून को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की बोर्ड मीटिंग होगी, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निवेशकों को डिविडेंड देने पर फैसला किया जाएगा.
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