Iran Israel War: इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में दुनिया दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है. इस बीच इजरायल ने एक बड़ा ऐलान किया है. इजरायल की ओर से कहा गया है कि ईरान के साथ जंग में अमेरिका जल्द ही शामिल होने वाला है. इजरायल ने कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जंग में जल्द ही शामिल होने वाले हैं. वहीं, ईरान से लेकर रूस तक ने इस युद्ध में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी दी है.
अगले 24-48 घंटे में अमेरिका लेगा फैसला- ट्रंप
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल के एक अधिकारी ने कहा कि ईरान पर हमला करने में शामिल होने को लेकर अगले 24-48 घंटे में अमेरिका के रुख का पता चल जाएगा. उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि अमेरिका इस जंग में शामिल होगा, लेकिन कोई भी उन पर दवाब नहीं बना रहा है. उन्हें अपना फैसला खुद करना होगा.”
अमेरिकी ने कहा दो हफ्ते के भीतर लेंगे फैसला
इजरायल के रक्षा मंत्री ने कहा कि खामेनेई हिटलर हैं. उन्होंने कहा, “खामेनेई जैसे तानाशाह को जीने का अधिकार नहीं है. उन्होंने हमेशा अपने एजेंटों के जरिए इजराइल को खत्म करना चाहा है.” इसे लेकर इजरायल के अधिकारी ने कहा, “कैट्ज हमेशा नेतन्याहू के कहे अनुसार ही बयान देते हैं. वे यह सब अपने आप नहीं कह रहे हैं.” वहीं व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो हफ्ते के भीतर अपना निर्णय लेंगे.
ट्रंप के बयान के बाद रूस-चीन ने इजरायल की निंदा की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप ने ईरान को बिना किसी शर्त के सरेंडर करने के लिए कहा. उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि अमेरिका ईरान पर हमला कर सकता है. ट्रंप के बयान के बाद रूस और चीन ने ईरान पर किए गए हमले को लेकर इजरायल की निंदा की. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दो टूक कहा कि मिडिल ईस्ट में लड़ाई सुलझाने के लिए सबसे जरूरी है कि पहले युद्ध विराम हो. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विवादों को बल का प्रयोग कर नहीं सुलझाया जा सकता.
रूस ने अमेरिका को इस जंग से दूर रहने की दी चेतावनी
रूस ने कहा है कि अगर अमेरिका इस जंग में कूदता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. रूस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बुधवार (18 जून 2025) को इजराइल-ईरान युद्ध को तत्काल समाप्त करने और तेहरान के परमाणु मुद्दे का हल करने के लिए राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों को तेज करने की अपील की थी. राष्ट्रपति पुतिन ने यूएई के अपने समकक्ष मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ फोन पर बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की थी.