भारत के लिए खतरा? ऑपरेशन सिंदूर में शिकस्त खाने के बाद तेजी से युद्ध का साजो-सामान जुटा रहा पाक


J-35A Stealth Fighter Jet: भारत से करारी शिकस्त मिलने के बाद पाकिस्तान ने युद्ध का साजो-सामान जुटाना शुरू कर दिया है, जिसमें उसका जिगरी दोस्त चीन मदद कर रहा है. चीन ने पाकिस्तान के लिए अपने पांचवीं पीढ़ी के J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट की डिलीवरी तेज कर दी है. ये हथियार पाकिस्तान को 50 परसेंट डिस्काउंट और लचीली भुगतान शर्तों के साथ दिए जा रहे हैं.

न्यूज 18 ने राजनयिक सूत्रों के हवाले से पुष्टि की है कि अगस्त महीने तक पाकिस्तान के पास J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट्स की पहली खेप पहुंच जाएगी. पहले बैच में 30 फाइटर जेट भेजे जाएंगे. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के साथ चली 3-4 दिन की लड़ाई में पाकिस्तान ने J-10C और JF-17 जैसे चीनी हथियारों का पर भरोसा जताया था. हालांकि, चीनी एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 जो पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर लगे थे, वे भारतीय सेना ने तबाह कर दिए थे.

रिपोर्ट के अनुसार चीन का ये कदम भारत के साथ हुई सैन्य झड़प में पाकिस्तान की भूमिका के लिए एक इनाम है. पिछले साल चीन के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट को लेकर चर्चा थी कि पाकिस्तान चीन से 40 J-35A स्टेल्थ फाइटर जेट खरीदेगा. 

ड्रैगन का यह कदम क्षेत्रीय तनाव और दक्षिण एशिया में बीजिंग की बढ़ती रणनीतिक रुचि के बीच चीन-पाकिस्तान रक्षा सहयोग में तेजी का संकेत है. हाल के दिनों में बीजिंग और इस्लामाबाद में चीनी और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच कई हाई-प्रोफाइल मीटिंग हुई हैं, जो इशारा करती हैं कि इन बैठकों में J-35A की तेज डिलावरी पर चर्चा हुई और भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण को देखते हुए अधिकारियों ने रणनीतिक सैन्य साझेदारी के विस्तार पर भी बात हुई होगी.

पाकिस्तान ने J-35A को J-31 नाम दिया है और पिछले साल जुलाई में पाकिस्तानी चैनल BOL न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया था कि पाक एयर फोर्स (PAF) के पायलट चीन में J-31 के लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं. इससे पहले जनवरी में पीएएफ चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने घोषणा की थी कि J-31 स्टेल्थ फाइटर जेट खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और कुछ महीने बाद ही पीएएफ ने पायलट चीन भेज दिए.

J-35A को शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन ने विकसित किया है. इसका निर्माण विदेशों में निर्यात के लिए किया गया है. 12 नवंबर, 2024 में पहली बार चीन इंटरनेशनल एविएशन एंड एयरोस्पेस एग्जिबिशन में J-35A की झलक दिखाई गई थी. इसे अमेरिकी F-35 की नकल माना जाता है क्योंकि इसका डिजाइन उससे काफी ज्यादा मिलता-जुलता है. 

J-35A की खासियतें
इस जेट में डबल इंजन लगा है, अपने लॉ ऑब्जर्वेबल डिजाइन की वजह से यह जल्दी रडार की पकड़ में नहीं आता है. इसमें इंटरनल वेपन अपलोड किए जा सकते हैं और यह हवा से हवा और हवा से सतह पर मिसाइलें भी दाग सकता है. इसकी रफ्तार 2,200 किमी प्रति घंटा है और इसको रूस के Su-57 की टक्कर का माना जाता है.

 

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