ICC T-20 World Cup 2026: आईसीसी ने जून 2024 से टी-20 और वनडे में स्टाप क्लाक नियम को वेस्टइंडीज व अमेरिका में होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप से लागू कर दिया है।
By Sameer Deshpande
Publish Date: Sat, 16 Mar 2024 02:48 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 16 Mar 2024 02:51 PM (IST)
ICC T-20 World Cup 2026 स्पोर्ट्स डेस्क, इंदौर । भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में साल 2026 में होने वाले पुरूषों के टी-20 विश्व कप में सीधे 12 टीमें क्वालीफाई करेंगी। अभी तक आईसीसी रैंकिंग की शीर्ष आठ टीमें विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करती थी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन करने वाली सर्वोच्च संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने टी-20 विश्व कप के लिए क्वालीफाइंग प्रक्रिया पर मुहर लगा दी है। साल 2026 में मेजबान भारत और श्रीलंका के साथ ही इस साल होने वाले टी-20 विश्व कप संस्करण की शीर्ष आठ टीमें क्वालीफाई करेंगी।
साल 2026 में कुल 20 टीमें हिस्सा लेंगी। शेष आठ टीमों का फैसला क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये किया जाएगा।
स्टाप क्लाक, रिजर्व डे नियम लागू होंगे
आईसीसी ने जून 2024 से टी-20 और वनडे में स्टाप क्लाक नियम को वेस्टइंडीज व अमेरिका में होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप से लागू कर दिया है। आईसीसी ने इस नियम के सफल ट्रायल के बाद यह निर्णय लिया है। इस नियम को दिसंबर 2023 में प्रायोगिक तौर पर शुरू किया था, जिसे अब क्रिकेट के छोटे फार्मेट (टी-20 व वनडे) में लागू कर दिया गया है। इस नियम के तहत गेंदबाजी करने वाली टीम को एक ओवर समाप्त होने के 60 सेकंड के अंदर नया ओवर शुरू करना होता है।
आईसीसी के मुताबिक, इस नियम के ट्रायल के दौरान एक मैच के दौरान करीब 20 मिनटों की बचत हुई है। मैदान के भीतर फील्ड अंपायरों को टीम को यह सुनिश्चित करना होगा। इस नियम के उल्लंघन पर टीम को दो चेतावनी दी जाएगी, जिसके बाद 5 रनों की पेनाल्टी की जाएगी।
टी-20 विश्व कप सेमीफाइनल व फाइनल के लिए रिजर्व डे
आईसीसी की शुक्रवार को संपन्न हुई बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णयों में विश्व कप के नाकआउट मैचों में रिजर्व डे रखे जाने का भी निर्णय लिया गया है। टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल (27 जून) और फाइनल (29 जून) के लिए रिजर्व डे रखा गया है। सुपर एट दौर के लिए किसी भी एक मैच में कम से कम पांच ओवर प्रति टीम फेंके जाने हैं। वहीं नाकआउट मैचों में किसी मैच के पूरे होने के लिए कम से कम 10 ओवर प्रति टीम होना जरूरी है।