1 अप्रैल से लागू होगा TDS का नया नियम, सीनियर सिटिजेंस के साथ इन्हें भी होगा फायदा

1 अप्रैल से लागू होगा TDS का नया नियम, सीनियर सिटिजेंस के साथ इन्हें भी होगा फायदा


New Tax Rule: 1 अप्रैल, 2025 से नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही कई नियम बदल जाएंगे. इनमें TDS नियमों में होने वाले बदलाव भी शामिल हैं, जिसका ऐलान फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश करने के दौरान किया था. इसका मकसद टैक्स अनुपालन को सरल बनाने के साथ ही साथ टैक्सपेयर्स को भी राहत देना है. इन सुधारों से न केवल टैक्स अमाउंट में कमी आएगी, बल्कि डिस्पोजेबल इनकम भी बढ़ेगी. आइए 1 अप्रैल से TDS के नियमों में होने जा रहे बदलावों पर एक नजर डालते हैं. 

सीनियर सिटिजंस को मिलेगी राहत

सरकार ने बजट 2025 में सीनियर सिटिजंस के साथ-साथ देश के मिडिल क्लास को भी ब्याज आय पर TDS लिमिट में छूट दी है. इसके तहत 1 अप्रैल, 2025 से  FD, RD और अन्य डिपॉजिट स्कीमों पर TDS तभी कटेगा, जब एक वित्त वर्ष में कुल ब्याज आय 1 लाख रुपये से अधिक होगी. ब्याज से इनकम 1 लाख रुपये से अधिक होने पर TDS डिडक्शन एक्स्ट्रा अमाउंट पर होगा. यह सीनियर सिटिजंस के लिए इसलिए राहत की बात है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उनकी आय का एक बड़ा जरिया बैंक डिपॉजिट पर मिलने वाला इंटरेस्ट होता है. 

नियमित करदाताओं के लिए बढ़ी TDS लिमिट

सरकार ने देश के सामान्य नागरिकों के लिए TDS डिडक्शन की लिमिट को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है. यानी कि FD पर सालाना 50,000 रुपये तक इंटरेस्ट इनकम पर कोई TDS नहीं कटेगा. 

गेमिंग के लिए नया नियम

सरकार ने लॉटरी, क्रॉसवर्ड पजल और घुड़दौड़ जैसी गेमिंग से होने वाली कमाई पर भी TDS के नियम बदल दिए हैं. अब विनिंग अमाउंट 10,000 रुपये से ज्यादा होने पर भी टीडीएस कटेगा. इस नए नियम के तहत अगर कोई व्यक्ति तीन बार 8,000 रुपये जीते, तो भी जीत के टोटल अमाउंट 24,000 रुपये पर टीडीएस नहीं कटेगा क्योंकि हर बार जीत की राशि 10,000 रुपये से कम है. जबकि पहले इस पूरे 24,000 रुपये पर टैक्स काटा जाता था. 

म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार निवेशकों को राहत

म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए डिविडेंड और इनकम एग्जेम्प्शन लिमिट को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है. इससे निवेशकों को फायदा हुआ. 

इंश्योरेंस और ब्रोकरेज कमीशन पर फायदा

सरकार ने नए नियमों के तहत कमीशन एजेंटों को भी राहत दी है. इंश्योरेंस एजेंट्स के लिए टीडीएस कटौती की लिमिट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया गया है. इससे छोटे बीमा एजेंटों और कमीशन कमाने वालों की टैक्स देनदारी कम होगी. 

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