Sandeshkhali Case Replace: खाली हाथ लौटी सीबीआई की टीम, शेख शाहजहां को पश्चिम बंगाल सीआईडी ने नहीं सौंपा
Sandeshkhali Case Replace: टीएमसी नेता शेख शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्यालय पहुंची। राज्य सीआईडी ने एक याचिका का हवाला देते हुए आरोपी को सौंपने से इनकार कर दिया।
By Kushagra Valuskar
Publish Date: Tue, 05 Mar 2024 08:27 PM (IST)
Up to date Date: Tue, 05 Mar 2024 08:27 PM (IST)

एएनआई, नई दिल्ली। Sandeshkhali Case Replace: केंद्रीय जांच ब्यूरो की एक टीम ने मंगलवार को निलबिंत टीएमसी नेता शेख शाहजहां को हिरासत में लेने के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्यालय पहुंची। राज्य सीआईडी ने एक याचिका का हवाला देते हुए आरोपी को सौंपने से इनकार कर दिया। ऐसे में सीबीआई टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा। याचिका बंगाल सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायक की गई है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
इससे पहले सरकार ने संदेशखाली गांव में ईडी टीम पर 4 जनवरी को हुए हमले की जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी। वह सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। शाहजहां कथित तौर पर राशन घोटला मामले में छापेमारी के दौरान ईडी टीम के हमले के बाद से फरार था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे बंगाल पुलिस की हिरासत में रखा गया।
फरार रहने के दौरान शेख शाहजहां संदेशखाली में महिलाओं के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों में केंद्रीय व्यक्ति के रूप में सामने आए। जिसमें उनपर और अन्य स्थानीय टीएमसी नेताओं पर गांव में यौन हिंसा का आरोप लगाया गया। मामले बढ़ने पर उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी का आदेश दिया।
#WATCH कोलकाता स्थित पुलिस मुख्यालय से CBI की टीम रवाना हुई। पश्चिम बंगाल CID ने शेख शाहजहां की हिरासत CBI को नहीं सौंपी क्योंकि राज्य सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। pic.twitter.com/pKgBV3QHa7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2024
संदेशखाली केस का दिनभर का अपडेट
मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नेतृत्व वाली डिविजन बेंच ने राज्य पुलिस को शेख शाहजहां को तुरंत सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने आरोपी का ट्रांसफर शाम 4.30 बजे तक करने का आदेश दिया।
कलकत्ता एचसी पीठ ने ईडी टीम पर हमले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने के आदेश को भी रद्द कर दिया।
पश्चिम बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया।


