Raipur Information: कारोबारियों से सवा करोड़ की ठगी करने वाले जालसाज हिमांशु गुप्ता की जमानत खारिज

Raipur Information: कारोबारियों से ठगी करने और जेल प्रहरी से मारपीट करने वाले दिल्ली के जालसाज हिमांशु गुप्ता की जमानत कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना दीपक देवांगन ने की।

By Satish Pandey

Publish Date: Mon, 26 Feb 2024 02:02 PM (IST)

Up to date Date: Mon, 26 Feb 2024 02:02 PM (IST)

Raipur News: कारोबारियों से सवा करोड़ की ठगी करने वाले जालसाज हिमांशु गुप्ता की जमानत खारिज

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। Raipur Information: कारोबारियों से ठगी करने और जेल प्रहरी से मारपीट करने वाले दिल्ली के जालसाज हिमांशु गुप्ता की जमानत कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना दीपक देवांगन ने की।

अतिरिक्त लोक अभियोजक राजेंद्र जैन ने बताया कि कारोबारियों से भारत अमृत योजना के तहत एसटीपी बनाने का ठेका देने के नाम पर दिल्ली निवासी हिमांशु गुप्ता (43) ने 1.19 करोड़ की ठगी की थी। शिकायत पर पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था।जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।

इस दौरान बीमार होने पर पिछले दिनों पंडरी स्थित जिला अस्पताल लाया गया था। जहां प्रहरी के साथ पीड़ित पक्ष से पिता-पुत्र ने मारपीट की थी। इसकी शिकायत पंडरी पुलिस थाना में कराई गई थी। आरोपित ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाकर जमानत दिए जाने का अनुरोध किया था।

साथ ही जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग करने का उल्लेख अपने आवेदन में किया था। लोक अभियोजक राजेंद्र जैन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि गिरफ्तार किए गए हिमांशु गुप्ता के खिलाफ तेलीबांधा, गंज और विधानसभा थाना में अपराध दर्ज है।

वहीं जेल प्रहरी ने मारपीट किए जाने की प्राथमिकी पंडरी थाना में दर्ज कराई है। इन सभी प्रकरणों की अभी जांच चल रही है। ठगी के आरोप में पकड़े गए हिमांशु के अन्य साथी अब तक नहीं पकड़े गए हैं। जमानत देने पर वह गवाहों को प्रभावित करने के साथ पुलिस जांच को प्रभावित कर सकता है।अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।

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    वर्ष 2007 में दिल्‍ली की भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता में पोस्‍ट ग्रैजुएट डिप्‍लोमा किया है। अध्‍ययन के बाद मैंने दिल्‍ली में अलग-अलग संस्‍थानाें में दो वर्ष सेवा दी। इसके बाद मैंने हिंदुस्‍तान न्‍यूजपेपर मे