ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने एडिलेड फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के मानव बांह विश्वविद्यालय में एक अतिरिक्त धमनी विकसित होने का पता लगाया है


मानव का तंत्रिका तंत्र: हमारे शरीर में कुल कितने नसें हैं और ये नसें शरीर के क्या-क्या काम करते हैं, ये सभी बातें एक शरीर विज्ञान के सिद्धांत से पूरी तरह से अलग होती हैं। चाहे वह न छोटा हो या बड़ा वे सब जानते हैं, कहां-कहां खून पहुंचाते हैं और कहां से खून दिल तक दिखाते हैं। इसके बाद रक्त कैंसर से पूरे शरीर में कैसे पता चलता है।

लेकिन उदाहरण ने शरीर के ऐसे एक नस को ढूंढा है, जो हमारे शरीर में पैदा होने से पहले तक ही रहा था और पैदा होने के बाद खो गया था। लेकिन नए शोध में खुलासा हुआ कि यह अब लोगों के शरीर में काफी लंबे समय तक रहता है।

एक्स्ट्री नस मौजूद है

ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड एंड फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार, हमारे उपकरणों के बीच से एक पोर्टेबल नास (आर्टरी) पहले के कॉलेज अब आसानी से गायब नहीं होता है। इसका मतलब यह है कि दुनिया में अब ऐसे कई लोग हैं जिनके पास यह अतिरिक्त मौजूद नहीं है।

रिसर्च ने जादू को भी चौंका दिया

जर्नल ऑफ एनोटमी में छपे इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाया है कि यह नस लोगों में कितने अच्छे से खून का संचार करता है। इसके बाद उन्होंने इस जानकारी की तुलना पुराने रिकॉर्ड्स में की, तो पाया कि यह पिछली सदी की तुलना में अब 3 गुना अधिक सक्रिय है। इस खुलासे में मोटरसाइकिल को भी चौंका दिया गया है।

फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शरीर विज्ञानी तेघन लुक्स का कहना है कि 18वीं सदी के शरीर विज्ञानी शरीर में एक अतिरिक्त नासा का अध्ययन कर रहे हैं और उन्होंने यही पाया है कि इस नास वाले वयस्क लोगों की संख्या में लगातार अध्ययन हो रहे हैं। 1880 में यह केवल 10 प्रतिशत लोग सामने आये थे। लेकिन 20वीं सदी के यूक्रेन में यह उछाल 30 प्रतिशत बढ़ गया।

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