महाकुंभ 2025 में ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए यूपी पुलिस नवीनतम तकनीक और साइबर गश्त का उपयोग करेगी

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महाकुंभ 2025: आस्था के महापर्व महाकुंभ 2025 की शुरुआत में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। 45 दिन तक चलने वाला यह मेला 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 26 फरवरी को समाप्त होगा। इसका आयोजन उत्तर प्रदेश के अंतर्देशीय में हो रहा है और इस मेले में विशाल भव्य हिस्सा शामिल है। डिजिटल वंचितों के आकर्षक मामलों के बीच इन मछुआरों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए पुलिस ने विशेष खुलासे किए हैं। घोटाले की शुरुआत से पहले साइबर ही क्राइम के आरोप में गिरफ़्तारियाँ भी शुरू हो गईं।

पुलिस ने देखे हैं ये चॉकलेट

उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने निर्देश दिया कि साइबर पेट्रोलिंग के लिए कम से कम 150 जवानों को नियुक्त किया जाए. इनका काम साइबर वेबसाइट पर नजर रखना, सोशल मीडिया एक्टिविटी पर नजर रखना और फ्रॉड्स पर नजर रखना है। इसके अलावा महाकुंभ हेल्पडेस्क हॉटलाइन 1920 पर भी टीचर्स को लगाया गया है। यह चौबीस घंटे खुला रहता है।

सोशल मीडिया पर नजर जा रही है

पुलिस सोशल मीडिया पर भी नज़र रखती है इसलिए इस इवेंट को लेकर कोई भी साज़िश या गलत जानकारी लोगों तक नहीं पहुंचती है। इसके साथ ही पुलिस की नजर में भी है अफवाह फैलाने वाले अकाउंट्स। डीजीपी ने बताया कि अभी तक 78 वेबसाइटों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 7 फर्जी वेबसाइटों को बंद कर दिया गया है और उनके खिलाफ 5 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने साइबर क्राइम के आरोप में 4 चार लोगों को भी गिरफ्तार किया है और उनके पास से लैपटॉप, मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड जब्त कर लिए हैं।

लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है

उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया ने बताया कि सोशल और प्रिंट मीडिया के जरिए जागरुकता अभियान के जरिए लोगों से ओटीपी फ्रॉड, फर्जी वेबसाइट और निवेश फ्रॉड से बचने की अपील की जा रही है। इसके अलावा पुलिस किसी भी प्रकार के हमलों, साइबर से बचने के लिए छात्रों की मदद भी ले रही है।

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