आईआरडीएआई की रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि स्वास्थ्य बीमा दावे का केवल 71 प्रतिशत दावा ही निपटाया जाता है

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बीमा लोकपाल: हेल्थ केयर बिजनेस की लोगों में होड़ लगी रहती है। स्वास्थ्य में किसी अनहोनी की आपदा से पैसे के भारी खर्च से बचने के लिए लोग स्वास्थ्य आश्रम बनाते हैं। लेकिन हेल्थ केयर किटनों का भला होता है, इसकी पोल खुल गई है। ऑर्केस्ट्रा रेगुलेटर कंपनी रेगुलेटरी डायनामिक्स क्रिएटिविटी आई ड्रूमा की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्थ केयर के तहत क्लेम का केवल 71 प्रतिशत ही सेट होता है। हालाँकि, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का इस मामले में रिकॉर्ड अच्छा है। इन कंपनियों ने 103 प्रतिशत क्लेम का भुगतान किया। वित्तीय वर्ष 2024 में हेल्थ केयर के तहत केवल 83,493 करोड़ का भुगतान किया गया। जबकि हेल्थकेयर कंपनी ने 1.1 लाख करोड़ प्रीमियम के रूप में प्राप्त किया। ज्ञात हो कि स्मारक ओंबड्समैन ने हेल्थकेयर के तहत वर्षभर में 34,336 लाभांश अर्जित किए।

26 हजार करोड़ का क्लेम रिजेक्ट

आईड्रामा के आंकड़ों के मुताबिक, साल भर में 26 हजार करोड़ के क्लेम की भरपाई कर दी गई। इनमें से 15 हजार 100 करोड़ के स्टूडेंट का स्टॉल और कंडीशन का पालन नहीं करने के कारण भुगतान करना बंद कर दिया गया। इसी तरह तीन लाख 60 हजार पॉलिसियों के तहत करीब 10,937 करोड़ के क्लेम का पुनर्निर्माण किया गया। 7,584 के दावे भुगतान के लिए मतदाता रह गये। सालभर में एक लाख 10 हजार करोड़ के मकान जो प्रीमियम वसूले गए, उनमें से 40,993 करोड़ सरकारी इंश्योरेन, कंपनी ने प्राप्त किए। इसी तरह 34,503 करोड़ प्राइवेट एंटरप्राइजेज और 32,180 करोड़ स्टैंडए इंश्योरेंस लोन हासिल हुए।

पुणे, मुंबई, पाइवाची, चंडीगढ़ में सबसे अधिक जनसंख्या

इंशोरेंस ओम्बुड्समैन को पुणे, मुंबई, कराची और चंडीगढ़ में बीमा कंपनी के खिलाफ सबसे ज्यादा शेयर मिले। इंश्योरेंस ओम्बुड्समैन ने कुल 34 हजार स्वास्थ्य बीमा कंपनियों में से 6,235 का निर्णय शेयरधारकों के पक्ष में किया।

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