अब्दुल रहमान मक्की मृत: मुंबई में 26/11 के हमलों का मास्टरमाइंड शहीद अब्दुल रहमान मक्की की पाकिस्तान में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। फोर्ब्स न्यूज समा टीवी ने एक रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है। बता दें मक्की की मौत लाहौर के एक निजी अस्पताल में हुई है। वह काफी दिन से बीमार चल रही थी।
हजरत अब्दुल रहमान मक्की अंडकी की बहनोई थी। मक्की ने एंटरप्राइज-ए-तैयबा (एलईटी), एक यूएस-नामांकित विदेशी अपराधी संगठन (एफएटीओ) के लिए काम किया था और समूह के संचालन के लिए धन ओहाने वाली आपराधिक संस्था में भी शामिल था। मक्की संगीत-ए- तैय्यबा का ‘कुबेर’ था. उनके निर्देशन में संबंध थे और इसी तरह के पोर्टफोलियो में वह फंडों की उगाही करते थे। संगठन में पैसा और फंड के सारे जजमेंट मक्की के जिम्मे था.
कौन हैं साबिम अब्दुल रहमान मक्की?
शस्त्रागार मक्की रॉकेट संगठन एमबीएच-ए-तैयबा का उप-प्रमुख था। ऐसा माना जाता है कि सईद सईद के गैर-सहायक में अब्दुल रहमान मक्की ही विश्विद्यालय-ए-तैयबा की झलक थी। भारत और अमेरिका ने भारत और अमेरिका को अपराधी घोषित कर दिया था। अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने अपनी जानकारी में 20 लाख डॉलर की राशि की स्वीकृति दी थी।
साल 2023 में मक्की को टेरर फंडिंग मामले में 6 महीने की सजा सुनाई गई है। 2023 में UNSC ने अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। 2012 में अमेरिका ने शहीद मोहम्मद सईद को 10 मिलियन डॉलर जबकि अब्दुल रहमान मक्की को 2 मिलियन डॉलर का आतंकवादी घोषित किया था।
किस दावे में खून शामिल था मक्की और किन इंसानों के से सने थे हाथ?
वर्ष 2008 में रिजर्व सेंट्रल पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कैंप पर हमला करने के दौरान यूनिवर्सिटी-ए-तैयबा का हाथ था, इस हमले के पीछे का मास्टरमाइंड मक्की को बताया गया है। इसके ठीक 11 महीने बाद 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमले के पीछे भी सईद के साथ-साथ मक्की का हाथ था। इस हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
मक्की ने 12-13 फरवरी, 2018 को श्रीनगर में सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। इसके बाद 30 मई, 2018 बारामूला हमला, 7 अगस्त, 2018 बांदीपोरा हमले में भी मक्की मास्टरमाइंड था।
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