इज़राइल यहूदी प्रवासन: मिडिल ईस्ट में समुद्र तट से तनाव की स्थिति बनी हुई है। इजराइल के मोर्चों पर जंग में उलाहना हुआ है. 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया, जिसके बाद हजारों युवाओं को लगा कि इजराइल अब सुरक्षित देश नहीं है। हालाँकि इज़रायल ने हमास पर पलटवार करते हुए अपने कई कमांडरों पर हमला कर दिया था, लेकिन फिर भी हज़ारों यहूदियों ने इज़रायल छोड़ दिया है।
‘हमास के हमलों ने इजराइल की पोल खोल दी’
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट में इजरायली सिंगर शिरा जेड का यह कहना है। कार्मेल का कहना है कि अभी इजराइल से निकलना आसान है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमलों ने इजराइल की सुरक्षा एजेंसियों की पोल खोल दी। उन्होंने कहा, ”इजरायल दावा कर रहा है कि वह दुनिया का सबसे सुरक्षित देश है, लेकिन उस दिन हजारों लोगों ने देश की सीमा सुरक्षा को भंग कर दिया, 1,200 लोगों को मार डाला और 250 से अधिक लोगों को घेराबंदी में डाल दिया।” गाजा में कब्जा कर लिया। यह घटना ऐसे देश में हुई, जो अपनी सैन्य शक्तियों पर गर्व करती है। यहां सेना एक चौथाई तक नहीं है।”
इजराइली सिंगर ने छोड़ा देश
इस घटना के 10 दिन बाद कार्मेल अपने पति और बच्चों के साथ ऑस्ट्रेलिया चली गईं। कार्मेल ऑटोमोबाइल मेलबोर्न में रहते हैं। घटना के एक साल बाद उन्होंने कहा कि वह अपने परिवार के साथ इजरायल से मिलना चाहते थे, हालांकि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था। शिरा कार्मेल का कहना है कि उन्हें अपने फैसले पर कोई अफ़सोस नहीं है। वह लंबे समय से नेतन्याहू की सरकार के कानूनी व्यवस्था में सुधार के प्रयासों पर जोर दे रहे थे। हमास के हमलों के दौरान वह गर्भवती थी, इसलिए डरी हुई थी और अपने बच्चे को यह दिखाने से भी डर रही थी। वह अपने बच्चों के लिए ऐसा जीवन नहीं चाहती थी। कार्मेल का भाई दो दशक से वहाँ रह रहा था।
हज़ारों इज़रायली नागरिक देश छोड़ गए
कनाडा और जर्मनी की ओर से जारी सरकारी आंकड़ों की रिपोर्ट तो हमास हमलों के बाद हजारों इजराइली नागरिक देश छोड़ गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यरूशलम में हिब्रू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने बताया कि अगर इजराइल के लोगों को रिहा करने की योजना ऐसी ही जारी रहेगी तो 2024 तक इजराइल छोड़ने वाले लोगों की संख्या यहां आने वाले अप्रवासियों की संख्या से ज्यादा हो जाएगी।
सरकारी आंकड़ों और हाल के महीनों में कनाडा, स्पेन और ऑस्ट्रेलिया में यात्रा करने वाले परिवारों के अनुसार, 7 अक्टूबर के हमलों के बाद हजारों इजराइलियों ने वित्तीय नुकसान के कारण दूसरे देशों में जाने का विकल्प चुना। रिपोर्ट के मुताबिक अब इजरायल की कुल आबादी 10 करोड़ की ओर बढ़ रही है। इजराइल के सेंट्रल स्टॉक ब्यूरो (सीबीएस) ने सितंबर में अनुमान लगाया था कि 2024 के पहले महीने में 40 हजार 600 इजराइली देश चले गए, जो पिछले साल की तुलना में 59 प्रतिशत अधिक है। साल 2023 में 25 हजार 500 लोग इजराइल छोड़ चले गए।
जर्मनी-कनाडा की साइट के लिए आवेदन
इजरायली सरकार का कहना है कि युद्ध की शुरुआत से लेकर अब तक 33,000 से ज्यादा लोग देश छोड़कर चले गए हैं, जो पिछले साल के बराबर ही है। हालाँकि आंतरिक मंत्री ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। सितंबर में आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि 2024 में 18 हजार से ज्यादा इजराइलियों ने जर्मन नागरिकता के लिए आवेदन किया था, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना ज्यादा है।
मेडिल ईस्ट में युद्ध से भाग रहे इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के लिए कनाडा का तीन साल का कार्यशाला कार्यक्रम है। एपी की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा को जनवरी 2024 से अक्टूबर के बीच इजरायली नागरिकों से वर्कशॉप के लिए 5,759 आवेदन मिले। आव्रजन, रिफ्यूजी और सिटीजनशिप कनाडा के अनुसार, 2023 में 1,616 और 2022 में 1,176 आवेदन मिले थे।
मिशल हरेल नाम की महिला 2019 अपने पति के साथ चली गई टोरंटो। उन्होंने बताया कि अक्टूबर 2023 में हमास के हमलों के बाद उनके फोन बजने लगे और लोगों ने इजराइल को ठीक करने के लिए कनाडा जाने की सलाह दी। रिपोर्ट के मुताबिक 23 नवंबर, 2023 को हेरेल और उनके पति ने इजरायलियों की मदद के लिए कनाडा जाकर एक वेबसाइट बनाई थी, जिस पर उन्होंने करीब 28 डॉलर खर्च किए थे।
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