अक्षरधाम मंदिर में तुलसी गबार्ड: अमेरिका के सबसे पहले हिंदू मुस्लिम तुलसी गबार्ड (तुलसी गबार्ड) ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित अक्षरधाम मंदिर का दौरा किया। तुलसी ख़ुद को प्राउड हिंदू कहानियाँ कहते हैं। अक्षरधाम मंदिर में अपने टूर को लेकर तुलसी गबार्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट भी शेयर किया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए तुलसी गबार्ड ने लिखा, ‘बीती रात अक्षरधाम मंदिर की स्थापना मुझे बहुत अच्छी लगी। मैं पूरे देश से आया हूं हिंदू नेताओ, रॉबिन्सविले मेयर और काउंसिल के सदस्यों के इस दौरे में प्रवेश के लिए आपका स्वागत है।’ इस दौरान अक्षरधाम मंदिर में विश्व के हिंदू धर्मगुरु और भक्त के लिए विशेष प्रार्थना की गई।
वास्तविक प्रशासन में राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के निदेशक शामिल तुलसी
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड खैल ने तुलसी गबार्ड को अपने अगले पद में राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी का निदेशक नियुक्त किया है। इससे पहले तुलसी गबार्ड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में तुलसी गबार्ड हिंदू धर्म के पारंपरिक परिधान सूट और सलवार पहने देखा गया था। वहीं, वह पूरी तरह से भक्ति में डूबकर हरे कृष्ण..हरे राम.. का नारा लगाते हुए उग्र हिंदू धर्म का प्रचार कर रहे हैं।
प्रतिष्ठित स्थान का दौरा करना सौभाग्य की बात थी @अक्षरधाम_यूएसए कल रात मंदिर. मैं देश भर से एकत्र हुए हिंदू नेताओं, रॉबिंसविले के मेयर और परिषद के सदस्यों और प्रार्थना, संगति और … की एक विशेष शाम के लिए एकत्र हुए हजारों लोगों के गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभारी हूं। pic.twitter.com/dBsFaXrm5H
– तुलसी गब्बार्ड 🌺 (@तुलसीगबार्ड) 16 दिसंबर 2024
पहले राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन, फिर से किया समर्थन
उल्लेखनीय है कि तुलसी गबार्ड ने साल 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश की थी। लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया और 2022 में अपनी डेमोक्रेटिक पार्टी भी छोड़ दी थी.
डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने के बाद तुलसी गबार्ड ने रिपब्लिकन पार्टी का हाथ थाम लिया और राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड यूक्रेन के फ्रैंक का समर्थन किया। तुलसी खुद को प्राउड हिंदू कहते हैं और अक्सर पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ आतंकवादियों की निंदा करते हैं।
हालाँकि तुलसी गबार्ड अब गुप्तचर मामलों पर व्हाइट हाउस के सलाहकार भी चिंतित हैं और अमेरिका के 18 जासूस एसेनियो का काम देखेंगे।
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