अमेरिकी आप्रवासन सूची: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड हिटलर ने 20 जनवरी, 2025 को अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा निर्वासन करने का निर्णय लिया। अमेरिकी अव्रजन और सीमांत शुल्क निदेशालय (आईसीई) ने निर्वासन के लिए लगभग 1.5 मिलियन लोगों की सूची तैयार करने की तैयारी कर ली है। उनमें से लगभग 18 हजार भारतीय नागरिक अमेरिकी सरकार की ओर से तैयार की गई सूची में हैं और उन्हें भारत वापस भेजे जाने का खतरा है।
नवंबर 2024 में जारी आईसीई डेटा के, संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतिम निष्कासन डिक्री के साथ गैर-हिरासत में दिए गए 15 लाख लॉग में 17,940 भारतीय शामिल हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में भारत से लगभग 725,000 अवैध अप्रवासी हैं, जिसके अनुसार यह मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अवैध अप्रवासी की तीसरी सबसे बड़ी आबादी बन गई है।
तीन साल में 90 हजार भारतीय अमेरिकी सरहद पार कर गए
इस डेटा के जारी होने से पहले, अक्टूबर में अमेरिका ने अवैध रूप से देश में रह रहे भारतीय नागरिकों को निर्वासित करने के लिए एक चार्टर्ड फ़्लाइट का इस्तेमाल किया था। 22 अक्टूबर को भारत सरकार के सहयोग से फ़्लाइट का प्रक्षेपण होमलैंड पुरातत्व विभाग के अनुसार किया गया। अमेरिका में हजारों दस्तावेज कानूनी दस्तावेजों के साथ रहने वाले भारतीय अपनी स्थिति को वैध बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिनमें से कई को आईसीई से मंजूरी मिलने में वर्ष लग गए हैं।
पिछले तीन वित्तीय वर्ष में लगभग 90,000 भारतीय अवैध रूप से अमेरिकी सीमा पार करने का प्रयास करते हुए पकड़े गए। अमेरिकी विमानन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (सीसीआई) के अधिकारियों ने सहयोग में देरी का आरोप लगाते हुए भारत को “आशायोगी” श्रेणी में रखा है। दस्तावेज़ के, 261,651 अवैध प्रवासी के साथ होंडुरास निर्वासन सूची के अनुसार शीर्ष पर है, उसके बाद ग्वाटेमाला, मैक्सिको और अल साल्वाडोर का स्थान है।
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