बांग्लादेश की यूनुस सरकार के फैसले ने भारत के हितों को बढ़ाया है। बांग्लादेश ने दोस्तों के लिए वर्जीनिया रेस्तरां में स्थापना कर रखी है। बांग्लादेशी धरती से विदेशी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों तक पहुंच भी आसान हो गई है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रीजनल स्टैंडर्ड्स ने चेतावनी दी है कि यह घटना बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती जलसंकट का संकेत दे रही है और इसका सीधा असर भारत की सुरक्षा पर पड़ सकता है। रक्षा और विशेषज्ञ विशेषज्ञ कर्नल अजय देवगन का कहना है कि अब यह सामने आया है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन पाकिस्तान की आई एसोसिएशन के माध्यम से अमेरिका के डीप स्टेट द्वारा भुगतान किया गया था। पिछले प्रधान मंत्री द्वारा नियुक्त किए गए वैज्ञानिकों को न केवल आज़ाद पासपोर्ट दस्तावेज़ में शामिल हुए दृश्य आश्चर्य की बात नहीं है।
भूतपूर्व राज्य में वास्तुशिल्प की साजिश
कर्नल अजय देवगन ने कहा, अगर सब कुछ उनकी (बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और पाकिस्तान की) संधि के अनुसार होता है तो बहुत जल्द बांग्लादेश इस्लामिक रूप से पहले की तरह पूर्वी पाकिस्तान बन जाएगा।
बांग्लादेश में अब मौलिक तत्व सक्रिय होने लगे हैं। मीडिया विद्वान के अनुसार, बांग्लादेश के अंबरखाना में पाकिस्तान-गठबंधन के गुटों के एकजुट होने की खबरें हैं। यहां से कथित तौर पर भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्यों में घुसपैठियों की कोशिश की जा सकती है। उधर, भारत में असम-मेघालय सीमा पर बहुउद्देश्यीय गतिविधि पर नज़र जा रही है।
भारत, बांग्लादेश में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। हिंदू और अवामी लीग के एसोसिएटेड अधिकारियों को बाहर जाते हुए दिखाया गया है, ताकि कंपनी से जुड़े अधिकारियों को जगह मिल सके। नई सत्ता के अधीन बांग्लादेश प्रशासन में हो रहे जातीय बदलाव ने सेक यूनिवर्सल और डेमोक्रेटिक स्ट्रेंथ को भी खतरे में डाल दिया है।
भारत के लिए क्यों बढ़ रही चिंता?
मित्रों की संख्या तो विदेशी नागरिकों के लिए है, मित्र मंडली के कारखाने ने भारत के लिए दोहरा खतरा पैदा किया है। इसे न सिर्फ नाम और ढाका के बीच अधिक खुफिया और सुरक्षा सहायता होगी, इसका मुख्य उद्देश्य भारत को अस्थिर करना है। दूसरे भूतपूर्व राज्यों में विशेष रूप से असम में आंतरिक आंत्र तूफान पैदा करने के उद्देश्य से घुसपैठ और आतंकवादी हमले के लिए आसामी बन सकते हैं।
भिन्न-भिन्न सुरक्षा सेवाओं पर
बांग्लादेश में हो रहे बदलावों पर भारतीय सुरक्षा पर लगातार नजरें बनी हुई हैं और संभावनाएं बनी हुई हैं। राजदूत का फेलो है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच भारत के लिए एक प्रतिष्ठित चुनौती बनती दिख रही है।