रूस-पाकिस्तान संबंध: पिछले कुछ समय से रूस और पाकिस्तान के बीच में बेहतरी देखने को मिल रही है। इसी तरह बेहतरी के साथ-साथ बढ़ते पाकिस्तान और रूस देशों ने ऊर्जा सहयोग, तेल और गैस व्यापार के लिए एक ठोस कदम उठाया है। दोनों देशों के बीच यह समझौता गुरुवार (12 दिसंबर) को एक उच्च स्तरीय बैठक में हुआ है। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी में सहयोग को लेकर बातचीत हुई। रूस और पाकिस्तान के बीच पाकिस्तान पेट्रोलियम और गैस पाइपलाइन (पीएसजीपी) में रूस के निवेश, तेल और गैस की खोज (ऑफशोर कमीशनिंग) जैसी कंपनियों को लेकर सहमति बनी हुई है। बता दें कि दोनों देशों ने पीएसजीपी इंफ्रास्ट्रक्चर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम का हिस्सा माना है। उद्देश्य वस्तुनिष्ठ गैस आपूर्ति को सुनिश्चित करना है।
पाकिस्तान की वेबसाइट ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पीएसजीपी प्रोजेक्ट एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोग्राम का हिस्सा है। इस कार्यक्रम के तहत गैस के बुनियादी ढांचे का विकास और मानक गैस के पासपोर्ट का सत्यापन किया जा रहा है। रूस की कंपनी ऑपरेशनल सेंटर, पाकिस्तान में तेल की पेट्रोलिंग करता है और कंपनी ने आगे भी इस तेल की पेट्रोलिंग को जारी रखने की योजना बनाई है। खास बात यह है कि रूस और पाकिस्तान दोनों देशों ने ब्लैक सोना ईसीजी तेल और ब्लू सोना ईसीजी गैस की खोज पर जोर दिया है।
रूस और पाकिस्तान के बीच हुए कई अहम सितारे
रूस की कंपनी आर्टेल ने पाकिस्तान के गैस और तेल बाजार के लिए औद्योगिक कम्युनिकेशन सिस्टम पर आधारित काम करने की बात कही है। रूस ने पाकिस्तान को कोयला और कोयले के रासायनिक मिश्रण की इच्छा भी बताई है। पाकिस्तान और रूस के बीच इन दोनों देशों में बेहतर कारोबार देखने को मिल रहा है।
भारत के लिए चिंता का सबब
रूस और पाकिस्तान के बीच सीधी हवाई सेवा शुरू करने को लेकर चर्चा हो रही है, जिस पर जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है। इन दोनों देशों के बीच बेहतर हो रहा है सबका ध्यान खींचा जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि रूस कई दशकों से भारत का दोस्त बना हुआ है और अब पाकिस्तान के साथ उसकी दोस्ती सबसे अच्छी दिख रही है। ऐसा उल्लेख है कि कुछ समय पहले ही रूस ने पाकिस्तान के साथ मिलकर उसकी ताकत पर कब्ज़ा कर लिया था। कुछ बहसें पाकिस्तान और चीन के साथ रूस के भारत के साथ बेहतर संबंधों को लेकर चिंता का सबब भी मन रह रहे हैं।
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