फ्लू के टीके वास्तव में दिल के दौरे और मृत्यु के जोखिम को कम करते हैं स्वास्थ्य समाचार

फ्लू के टीके वास्तव में दिल के दौरे और मृत्यु के जोखिम को कम करते हैं स्वास्थ्य समाचार


फ्लू के टीके: विद्यार्थियों में फ्लू वैक्सीन के स्वास्थ्य संबंधी मौलिकता को लेकर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। इस अध्ययन के निष्कर्ष से पता चला है कि फ्लू के टीके से दिल की बीमारी वाले लोगों में मौत का खतरा कम हो सकता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज से मौत का खतरा कम करता है। साथ ही इससे जुड़े मौत के मामलों में 42 प्रतिशत की कमी का आकलन किया गया है।

इस अध्ययन में क्या देखा गया?

इस अध्ययन में पाया गया कि वैज्ञानिक वैज्ञानिकों के बावजूद, इन्फ्लूएंजा वैक्सीन “हार्ट फेलियर” नॉच के लिए निर्धारित दी जाने वाली मुख्य निवारक रणनीति बनी हुई है। इस दौरान अवलोकन में उत्तरजीविता लाभ सामने आया। जिसमें एक साल के बाद कुल मृत्यु दर में 24% की कमी और समग्र मृत्यु दर में 20% की गिरावट सामने आई। विश्लेषण से इन्फ्लूएंजा प्रकोप के दौरान उल्लेखनीय रूप से गंभीर हुई उत्तरजीविता दर का पता चला, जिसमें गैर-इन्फ्लूएंजा अवधि के दौरान 21% की कमी की तुलना में मृत्यु दर में 48% की कमी आई। इसके अलावा, डेटा ने इन्फ्लूएंजा के मौसम में हार्ट एसोसिएटेड हॉस्पिटल में भर्ती होने वालों में 16% की कमी का संकेत दिया।

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‘इन्फ्लूएंजा वैक्सीन फ्लू की रोकथाम हर जगह बड़े पैमाने पर…’

अध्ययन के लेखक और एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अंबुज रॉय ने कहा कि इन्फ्लूएंजा वैक्सीन फ्लू की रोकथाम के लिए दुनिया भर में बड़े पैमाने पर हमले हो रहे हैं, यह हार्ट कोस्ट को बाद में होने वाले दिल के दौरे और अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को कम करके सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है, जैसा कि परीक्षण में साबित हुआ है।

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शैक्षणिक संस्थानों में हर साल इन्फ्लूएंजा के कारण दुनिया भर में 290,000 से 650,000 लोगों की मौत होती है, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया में होती हैं। भारत में, हर साल लगभग 130,000 लोग इन्फ्लूएंजा के कारण होते हैं, जिनमें श्वसन और संचार संबंधी इन्फ्लूएंजा के कारण होते हैं।

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