बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा: बांग्लादेश में आदिवासियों और अन्य अल्पसंख्यकों पर मसूद के विरोध में अब पूरी दुनिया में आवाज उठ रही है। अमेरिकी कांग्रेस के नेता राजा कृष्णमूर्ति ने इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के अपहरण के बाद बांग्लादेश में गुटबाजी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से मानवाधिकारों को बनाए रखने, कानूनी सुरक्षा की स्थापना और आतंकवादियों पर हो रहे हमलों को ख़त्म करने का आग्रह किया।
‘हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसा ठीक है’
उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में बांग्लादेश और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ जारी हिंसा ठीक है और इसे तुरंत ख़त्म किया जाना चाहिए।” 25 अक्टूबर को बांग्लादेश में इस तूफान के बाद चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगाते हुए चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया और उनकी जमानत हो गई।
उनके सहयोगियों के बाद बांग्लादेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी विरोध प्रदर्शन हुआ। चटगांव कोर्ट के बाहर चिन्मय दास और बांग्लादेश के अधिकारियों के बीच इतना हिंसक प्रदर्शन हुआ कि एक वकील की मौत हो गई।
इस्कॉन कोलकाता के, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को 29 नवंबर को न्याय में लिया गया था, जब वे न्याय के लिए चिन्मय कृष्ण दास से मिलने गए थे। संगठन के उपाध्यक्ष राधा रमन ने यह भी दावा किया कि दंगाइयों ने बांग्लादेश के इस्कॉन केंद्र में अशांति फैलाई।
अमेरिकी कांग्रेसी कृष्णमूर्ति ने बांग्लादेश से हिंदू विरोधी हिंसा समाप्त करने, मौलिक अधिकार सुनिश्चित करने का आह्वान किया
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– एएनआई डिजिटल (@ani_digital) 7 दिसंबर 2024
चिन्मय दास की गिरफ़्तारी पर विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में बहुधा हिंसा और चरमपंथी बयानबाजी पर चिंता व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत ने बांग्लादेश के सामने अल्पसंख्यकों पर लक्षित दावे का मुद्दा लगातार उठाया है। इस बीच भारत ने विदेश सचिव 9 दिसंबर 2024 को बांग्लादेश का दौरा करेंगे। संत चिन्मय कृष्ण दास की अपराधी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस मामले में मंत्रियों, न्यायसंगत और निचली अदालतों में कानूनी प्रक्रिया अपनाए जाने की उम्मीद करता है।
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