अंतरिक्ष में लगातार कम हो रहा है डायनासोर का वजन, जानें अचानक वेट लॉस की खतरनाक मात्रा

अंतरिक्ष में लगातार कम हो रहा है डायनासोर का वजन, जानें अचानक वेट लॉस की खतरनाक मात्रा


सुनीता विलियम्स वजन घटाना : भारतीय मूल के अमेरिकी एस्ट्रोनॉट, विलियम्स अंतरिक्ष में फंसी हैं। इस दौरान उनका तेजी से वजन कम हो रहा है, जो कि दार्शनिकों और वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। जून 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने के बाद उनका वजन लगातार कम हो रहा है।

अमेरिकी न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, नासा के शोधकर्ताओं का वजन सामान्य होने की हर संभव कोशिश की जा रही है। ऐसे में सवाल है कि आखिर अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स (सुनीता विलियम्स) का वजन कम क्यों हो रहा है। अचानक से वेट लॉस कितना खतरनाक हो सकता है। आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब…

अंतरिक्ष में क्यों घट रहा है विलियम्स का वजन

अंतरिक्ष में वजन की घटना काफी आम होती है। ज्यादातर लंबे मिशन के दौरान ऐसा देखा जाता है। मत के अनुसार, अंतरिक्ष में जाने वाले लोगों को धरती की तुलना में सबसे अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है। जॉन विलियम्स जब मिशन पर गए थे, तब उनका वजन 63.5 किलो और ऊंचाई 5.8 फुट थी। लेकिन उनके पास उपलब्ध उच्च सामग्री सामग्री की आवश्यकता पूरी नहीं हो रही है। अंतरिक्ष में इंसानों के शरीर का मेटाबॉलिज्म तेजी से बढ़ता है, जिससे उन्हें सबसे ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है।

नासा के वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि एक सामान्य अंतरिक्ष यात्री को प्रतिदिन 3,500 से 4,000 चिकित्सक चाहिए ताकि उनका वजन सही हो सके। इसके अलावा जीरो ग्रेविटी बॉडी को फिट रखने के लिए हर दिन करीब दो घंटे की खुराक भी जरूरी होती है, जिससे कैलोरी खर्च होती है और वजन कम होता है।

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प्लास्टिसिटी लॉस खतरनाक

1. व्युत्पत्ति की कमी

वजन कम होने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। शरीर में सही तरह की परंपरा न मिलने से सेहत को गंभीर खतरा हो सकता है। इसलिए धरती पर भी औषधियों का वजन कम करने से मना किया जाता है।

2.संपत्ति की कमजोरी

वजन कम होने से मांसपेशियां ख़राब होती हैं, जिससे मछली पकड़ने की सक्रियता में परेशानी होती है। वास्तव में, जमीन पर अस्थिरता से थकान होती है, लेकिन पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ टुकड़ों और टुकड़ों का काम करना शून्य या बहुत कम गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ होता है, शरीर में कोई जोर नहीं होता है, जिससे टुकड़ों और टुकड़ों को नुकसान होता है।

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3. दिल की धड़कन

अचानक वेट लॉस से दिल पर दबाव बढ़ गया है, जिसके कारण हृदय से जुड़े हुए प्रभाव हो सकते हैं। अंतरिक्ष में शरीर का तरल पदार्थ शरीर उस तरह नहीं रहता जैसा धरती पर रहता है। इसका जीवित शरीर का काम का तरीका बदल जाता है। शरीर में आरबीसी हड्डियों के बोन मैरो में धारियाँ होती हैं। अंतरिक्ष में फ़्लूइड नक्शों का परिवर्तन बोन मैरो साम्यावस्था आरबीसी से नहीं हुआ है। इसके शरीर में खून का खतरा होता है और आरबीसी में पाया जाने वाला हीमोग्लोबिन कम हो जाता है। हीमोग्लोबिन के नाम ही खून के साथ बहते शरीर के लिए आवश्यक उपचार है। हीमोग्लोबिन की कमी से कार्डियो-वैस्कुलर सिस्टम पर दबाव बनता है, जिससे दिल की बीमारियां हो सकती हैं।

4. मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित

अचानक वेट लॉस से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, जिससे तनाव और अवसाद हो सकता है। असल में, ओहियो विलियम्स को वैज्ञानिक महत्व देने का कारण यह है कि वह सिर्फ 8 दिनों के लिए अंतरिक्ष में गई थी और वहां 8 महीने से ज्यादा समय तक रुकना पड़ा था, ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

अस्वीकरण: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया पर आधारित है। आप भी अमल में आने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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