ईरान हिजाब कानून: ईरान एक ऐसा देश है जहां शरिया कानून के तहत शासन चलता है। लोगों को सार्वजनिक और व्यक्तिगत जीवन में भी इन विधानमंडलों में उपदेशों का पालन किया जाता है। वहीं, महिलाओं को हिजाब ओके से न मॉडल और बिल्कुल भी न वर्जन पर सजा दी जा रही है। जिसके खिलाफ समय-समय पर महिलाओं ने हिजाब के खिलाफ भी प्रदर्शन किया है। साल 2022 में एक ईरानी कुर्दिश महिला महसा अमीनी को हिजाब कानून तोड़ने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन पुलिस प्रशासन में महसा अमीनी की मौत के बाद भारी विरोध हुआ। जिससे ईरानी प्रशासन को बहुत परेशानी हुई थी।
लेकिन हाल ही में, देश की संसद ने एक नया हिजाब कानून पारित किया है, जिसे लेकर एक बार फिर से दुनिया में चर्चा शुरू हो गई है। यहां तक कि खुद ईरान के राष्ट्रपति ने भी इसे सही नहीं बताया है।
ईरान का हिजाब कानून क्या है??
ईरान की संसद ने हाल ही में नया “पवित्रता और हिजाब” कानून पास कर दिया है। ईरानी संसद में इस बिल के पक्ष में 152 सदस्यों ने मतदान किया। वहीं इसके विरोध में 34 वोट ही मिले। हालाँकि स्वयं राष्ट्रपति ने इस विधेयक का विरोध किया था। लेकिन अब इस नए कानून के तहत अगर किसी भी महिला ने सार्वजनिक स्थानों पर कपड़े पहने हुए कपड़े पहने हैं तो उसे चौथे दर्जे की सजा का प्रावधान किया गया है।
पुराने और नए हिजाब कानून में क्या अंतर है?
ईरान में लागू नया हिजाब कानून में सजा में तख्तापलट का विधान किया गया है। पहले इस कानून के उल्लंघन पर दोषी महिला को 10 दिन से लेकर 2 की सजा और 5 हजार से 5 लाख रियाल (भारतीय रुपये में 10 से 1 हजार रुपये तक) तक का जुर्माना शामिल था।
वहीं, नए पास में पवित्रता और हिजाब कानून का उल्लंघन करते हुए 5 से 10 साल की सजा के साथ 5 से 10 साल की सजा दी गई है। वहीं असिस्टेंट को 18 करोड़ से 36 करोड़ रियाल के बीच (36 हजार से 75 हजार भारतीय रुपये) कर दिया गया है।
नए कानून के तहत विक्रय विक्रय
ईरान में इस नए कानून के पास होने के बाद देश में निगरानी के लिए सख्ती होगी। हर जगह पर एसेट से निगरानी की जाएगी।
यह भी पढ़ें: अलेप्पो के बाद एचटीएस विद्रोहियों ने दमिश्क की ओर बढ़ाया कदम, चिंता में बशर अल-असद, रूस और ईरान के साथ कर रहे बैठक