पंबन ब्रिज निरीक्षण रिपोर्ट रेलवे सुरक्षा डिजाइन की खामियां और विशेषज्ञ समिति की जांच आरडीएसओ एन
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पंबन ब्रिज: दक्षिण जोन के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने अपने निरीक्षण में कमियां पाईं और अपनी रिपोर्ट में कमियों का जिक्र किया है। रेल मंत्रालय ने जारी की इस रिपोर्ट में रेलवे कमिश्नर कमिश्नर ने पंबन ब्रिज को लेकर 3 मुख्य सिद्धांत दिए हैं।
1. नए पंबन ब्रिज के कंपोजिट में गलती से आरडीएसओ का मानक डिजाइन नहीं किया गया था।
2. न्यू पंजाब ब्रिज का एक्जिट आरडीएसओ का नहीं बल्कि इंटरनेशनल है।
3. नए पंबन ब्रिज का डिजाइन और निर्माण के लिए एआरसीओएसओ को इनवॉल्व नहीं किया गया।
आरडीएसओ की रिपोर्ट क्या बोले रेल मंत्री
आरडीएसओ की इस रिपोर्ट में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ किया कि रेल मंत्रालय ने आरडीएसओ की इस रिपोर्ट के आधार पर पांच लोगों की समिति बनाई है। इस समिति का माहवार अपनी रिपोर्ट देवी है।
आर के गोयल के नेतृत्व वाली इस समिति में ये विशेषज्ञ शामिल हैं
1. आर के गोयल, पीडी, ब्रिज, रेलवे बोर्ड
2. निर्माण आपरेशन, आरवीएनएल
3. एकल कार्यकारी निदेशक, रेलवे बोर्ड
4. एकल एकल निदेशक, आरडीएसओ
5. स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञ
रेल मंत्रालय का पक्ष
रेलवे कमिश्नर के एतराज पर रेल मंत्रालय ने बताया कि पंबन ब्रिज 2.05 किमी लंबा 72 मीटर वर्टिकल स्टेबल स्टैन वाला ब्रिज है जो देश में अपनी तरह का अनोखा ब्रिज है। इस स्टील ब्रिज का डिज़ाइन TYPSA, इंटरनेशनल कंसल्टेंट द्वारा किया गया है। पुल को यूरोपीय और भारतीय कोड के साथ डिजाइन किया गया है। इसका डिज़ाइन का निर्माण, चेन्नई से फुल ड्रूम स्कैनिंग किया गया था। इसके अन्य पारंपरिक मानक की पहचान मुंबई ने भी की थी।
अब इस ब्रिज का डिजाइन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित है और इस ब्रिज पर विदेशी कंसल्टेंट की मदद नहीं ली गई है इसलिए ऐसा माना गया है कि इसमें आरडीएसओ के पारंपरिक डिजाइन से काम नहीं चल रहा है इसलिए इस प्रक्रिया में आरडीएसओ की मदद नहीं ली गई है। हालांकि आरडीएसओ ने इस ब्रिज को एक दिलचस्प कर दिया है, लेकिन उसकी कुछ विशेषताएं जिनपर जांच समिति की राय हैं।
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