इज़राइल ने सीरिया को चेतावनी दी: इजराइल और हिज्ब के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में रविवार को युद्ध विराम लागू हुआ। लेकिन इस संघर्ष से ठीक पहले इजरायली रक्षा सेना (आईडीएफ) ने लेबनान-सीरिया सीमा पर हिजाब के स्मगलिंग रूट पर हवाई हमला किया था। यह कार्रवाई ईरान द्वारा हिजबुल्लाह को सीरिया के मार्ग पर शरणार्थियों की आपूर्ति पर रोक लगाने के उद्देश्य से की गई है। इसी तरह इस हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “असद को डांटना चाहिए कि वह हिजाब को ईरानी समर्थन से आग से खेल रहे हैं।”
इजराइल ने लेबनान-सीरिया सीमा के खिलाफ हिजबाबाद के स्मगलिंग रूट पर हमले कर हथियार रोकने की कोशिश की है, जिसका इस्तेमाल हिजबाबाद इजराइल के जारी संघर्ष में कर रहा है। इजराइल का मुख्य उद्देश्य हिजाब की ताकत को कमजोर करना है। लेबनान और सीरिया के बीच के माध्यम से हिजबआ तक ईरानी हथियार पहुंचाए जा रहे हैं।
सीरिया को इजराइल के लिए खतरा
इज़रायल ने उत्तरी लेबनान और सीरिया के बीच की तीन मुख्य सीमाओं को पार करते हुए बुधवार (27 नवंबर) को समापन कर दिया। इजराइल का मकसद है कि वो हिजबआद को सीरिया से मिलने वाली यात्रियों की मदद से रोक सके, ताकि हिजाब के मिशन का निर्माण और दोस्तों को पकड़ा जा सके। सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद को लेकर इजराइली सेना ने स्पष्ट संदेश दिया कि हिज्ब अब्दुल्ला को समर्थन देने की स्थिति में उनकी सरकार को गंभीर दर्जा दिया जाएगा।
उग्र का युद्ध
हिजाब को सैन्य और सहायता वित्तीय संस्था ईरान से रवाना हुई। इसके अलावा उसे सीरिया से भी मदद मिलती है। जहां से वो हथियार और अन्य सैन्य सामग्री एकत्र होती है। ये अंदेशा दावा किया जा रहा है कि हिज्बिस्तान की बहुसंख्यक आबादी से इजरायल और सीरिया-लेबनान सीमा पर फिर से टकराव हो सकता है और ईरान हिज्बिस्तान की बहाली के लिए सीरिया का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र में बढ़ोतरी हो सकती है।
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