जिले के हाथी टैकरों की टीम के अलावा धरमजयगढ़ में हाथी की बड़ी संख्या में हाथी टैकरों की टीम के साथ वन विभाग, मित्र दल के अलावा हाथी टैकरों की टीम के अलावा अन्य तरीकों से हाथी की हर लहर पर नजर रखी जा रही है। इस दल में 58 हाथियों के अलावा नर हाथी की संख्या 14, मादा हाथी 29 के अलावा 15 बच्चे शामिल हैं।
द्वारा मनोज कुमार तिवारी
प्रकाशित तिथि: शनिवार, 23 नवंबर 2024 10:28:43 पूर्वाह्न (IST)
अद्यतन दिनांक: शनिवार, 23 नवंबर 2024 10:28:43 पूर्वाह्न (IST)
पर प्रकाश डाला गया
- तालाब के पानी में डूबकर हाथी के बच्चे की मौत।
- हाथियों का बड़ा दल इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा है।
- वन विभाग हाथियों की हर यात्रा पर नज़र बनाये रखें।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायगढ़। हाथी वन परिक्षेत्र क्षेत्र में हाथी के बच्चे के तालाब के पानी में डूबने से मौत होने के बाद हाथियों का बड़ा दल इसी क्षेत्र में विचरण कर रहा है। इस दल में 58 हाथी विचार करते हुए जंगल में नजर रखी गई है, वन विभाग की पूरी सक्रियता के साथ धनुर्धर कैमरे और अन्य माध्यमों से नजर रखी गई है, जबकि जननी आर्थिक निषेध के जंगल से दूरी बनाए रखने के लिए मुनादी और अपील कर रही हैं।
वन विभाग के डीएफओ ने बताया कि सबसे हाथी हाथी रेंज के हाटी बीट में हैं।
हाथियों का यह दल सिथरा मेन रोड को पार कर ईस्ट कारिडोर रेल लाइन के करीब पहुंचा।
भटकते हुए जंगलों से घिरे जनसंख्या क्षेत्र में दे रहे हैं धमाका
लगातार कटे जंगल और जंगल के बीच रेल लाइन के मिश्रण से हाथियों का दल अब भटकते-भटकते या तो किसानों के गंतव्य में आकस्मिक क्षति पहुंचाता है या फिर किसी इंसान से सामना होने पर इंसान की जान जा रही है। इसी बीच एक महीने के अंदर ही अब तक तीन लोगों की मौत के मरीज़ों के हमले से हो चुकी है। वर्तमान समय की बात करें तो रायगढ़ जिले में कुल 151 हाथी अलग-अलग रेंज के अलग-अलग बीट में विचरण कर रहे हैं।
संस्करण
हाथियों से हुए नुकसान का विनाश भटकते ग्रामीण क्षेत्र से हुआ
क्षतिग्रस्त घर के सामने पीड़ित परिवार : नईदुनिया
सरगुजा जिले के लखनपुर वन क्षेत्र के हाथी प्रभावित ग्राम पटकुरा के ग्रामीण आश्रम विभाग पिछले एक साल से वन कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा समर्थित के बाद भी आज तक ग्रामीण को स्मारक नहीं मिल सका। प्रभावित ग्राम पटकुरा निवासी सोन साय हाथी मंझवार के घर में जुलाई माह 2023 में हाथियों द्वारा तोड़ दिया गया था।
वन विभाग की ओर से मिशन और मिशन पर सूचना तैयार की गई। लेकिन एक वर्ष के लिए प्रवेश के बाद भी ग्रामीण को स्मारक नहीं मिल सका। वैज्ञानिक लाभ ग्रामीण वन विभाग कार्यालय का चक्कर लग रहा है। जब ग्रामीण लखनपुर वन विभाग कार्यालय से संपर्क और साझा समिति को लेकर वन क्षेत्र के अधिकारियों से मुलाकात की गई।
लगातार ग्रामीण कार्यालय का चक्कर लग रहा है ना तो अधिकारी फोन उठा रहे हैं और ना ही कार्यालय में उनसे मुलाकात हो रही है। आरोप है कि लखनपुर वन निगम अधिकारी एक दिन के कार्यालय से नदारत रहता है।
वन विभाग कार्यालय में आने वाले लोगों से मुलाकात नहीं हो पा रही है। इस संबंध में वन परिक्षेत्र के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उन्होंने फोन करके कोई जवाब नहीं दिया।