स्कूल मार्ग पर नशे की दुकान, नाबालिगों पर हो रहा है गहरा नुकसान

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स्कूल मार्ग पर नशे की दुकान, नाबालिगों पर हो रहा है गहरा नुकसान

समाधान और सुझाव: दुकानदारों पर कार्रवाई, जागरूकता अभियान और पुलिस की सक्रिय निगरानी से ही संभव होगी रोकथाम

नियम और कानूनी प्रावधान

किशोर न्याय अधिनियम, 2015:

इस अधिनियम के तहत नाबालिगों को किसी भी प्रकार का नशा या मादक पदार्थ बेचना या उनकी सुविधा में शामिल होना कानूनी रूप से अपराध है। ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003:

स्कूलों के आसपास 100 मीटर के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचना पूर्णतया प्रतिबंधित है। यह अधिनियम सीधे तौर पर उन दुकानदारों पर लागू होता है जो बच्चों को इन उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं।

वीडियो से स्थिति की गंभीरता

इस वीडियो के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे नाबालिग बच्चों तक नशीले पदार्थ आसानी से पहुंच रहे हैं। एक स्कूली बच्ची को युवक के साथ नशे का सामान खरीदते हुए देखना न केवल सामाजिक चिंता का विषय है, बल्कि यह पुलिस और प्रशासन के लिए कार्रवाई की मांग भी करता है। यह घटना बताती है कि दुकानदारों को न तो कानून का भय है और न ही बच्चों के भविष्य की चिंता।

लगातार हो रही कार्रवाई की मांग

इस मामले में पुलिस और प्रशासन को वीडियो का संज्ञान लेते हुए त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। वीडियो के आधार पर दोषियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया जाना चाहिए। साथ ही, ऐसे इलाकों में पुलिस को नियमित गश्त बढ़ानी चाहिए और नाबालिगों को नशीले पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। स्थानीय लोगों की माने तो इसे लेकर कई बार मौखिक शिकायत की जा चुकी है, इसके बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

समाधान के सुझाव:

वीडियो का उपयोग करके पहचान और कार्रवाई:

वीडियो में दिखाई दे रहे युवक और दुकानदार की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही, दुकानों की निरंतर निगरानी के लिए स्थानीय प्रशासन को कदम उठाने चाहिए।

सामाजिक जागरूकता अभियान:

स्कूलों और समाज के स्तर पर नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए। बच्चों और अभिभावकों को नशे के खतरे के बारे में जानकारी देना अत्यंत आवश्यक है।

पुलिस की सक्रिय भूमिका:

स्कूलों के आसपास पुलिस की गश्त बढ़ानी चाहिए और नियमित रूप से छापेमारी करनी चाहिए ताकि नाबालिग बच्चों को नशे के सामान तक पहुंचने से रोका जा सके।

वर्जन

वीडियो को गंभीरता से लिया जा रहा है। ठेला संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे दुकानदारों पर लगातार कार्रवाई भी की जा रही, जो नाबालिगों को नशे का सामान उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा पुलिस टीम लगातार स्कूल, कालेज व शैक्षणिक संस्थानों के आसपास पेट्रोलिंग कर रही और असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई भी कर रही।

प्रदीप आर्य

थाना प्रभारी, सिविल लाइन

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अवकाश के दिन खुला हाई कोर्ट, स्कूल के सामने बिक रहे नशे के सामान पर जताई नाराजगी

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: स्कूलों के सामने बिक रहे नशे के सामान को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताई है। मामले की गंभीरता का आलम ये कि शुक्रवार को अवकाश के दिन हाई कोर्ट खुला। चीफ जस्टिस ने नईदुनिया में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड कराने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिया। जनहित याचिका में राज्य शासन, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर व एसपी बिलासपुर सहित अलग-अलग आधा दर्जन विभाग के आला अफसरों को प्रमुख पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है।

बिलासपुर शहर में संचालित सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के सामने बिक रहे नशे के सामान को लेकर नईदुनिया ने खबर को 14 नवंबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसमें इस बात की जानकारी दी गई थी कि स्कूलों के सामने ठेलों में तंबाखू, गुटखा सहित नशे के सामान की धड़ल्ले के साथ बिक्री की जा रही है। जिला प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। इससे स्कूल के आसपास का माहौल खराब हो रहा है। स्कूली बच्चों के ऊपर इसका बुरा असर पड़ रहा है। ठेलों में गुटखा, तंबाखू लेने वालों की पूरे समय भीड़ लगी रहती है। कभी भी किसी भी समय अप्रिय स्थिति बन सकती है। कानून व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़ा हो सकता है। कानून व्यवस्था से लेकर स्कूलों के सामने बिक रहे नशे के सामान और बच्चों पर पड़ने वाले कुप्रभाव को लेकर प्रकाशित खबर को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने गंभीरता से लिया है। शुक्रवार को अवकाश होने के बाद भी हाई कोर्ट खुला। चीफ जस्टिस के निर्देश पर इस पूरे मामले को जनहित याचिका के रूप में रजिस्ट्री ने पंजीकृत किया है। राज्य शासन सहित शासन के आधा दर्जन विभाग के आला अफसरों को प्रमुख पक्षकार बनाते हुए जवाब पेश करने नोटिस जारी किया है।

इन विभाग के अफसरों को बनाया प्रमुख पक्षकार

मुख्य सचिव छग शासन, सचिव श्रम विभाग, सचिव उच्च शिक्षा विभाग, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कलेक्टर बिलासपुर, एसपी बिलासपुर, कमिश्नर नगर निगम बिलासपुर, डीईओ बिलासपुर व बीईओ बिल्हा ब्लाक।

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