इस साल मौसम का जानलेवा रूप देखने को मिला। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 के पहले 9 माह में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 176 दिन किसी ने किसी रूप में मौसम बहुत खराब रहा। हालांकि, इस अवधि में सबसे ज्यादा केरल में लोगों ने जान गंवाई है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 09 Nov 2024 12:15:35 PM (IST)
Up to date Date: Sat, 09 Nov 2024 02:08:49 PM (IST)
HighLights
- यूपी, कर्नाटक, केरल में हालात ज्यादा खराब रहे
- मध्य प्रदेश में भी खराब मौसम के 38 दिन बढ़े
- पिछले साल की तुलना में हीटवेव की 77 घटनाएं हुईं
एजेंसी, नई दिल्ली (Climate Alert)। साल 2024 के पहले नौ माह यानी 274 दिनों की हैरान करने वाली वेदर रिपोर्ट सामने आई है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की ’स्टेट ऑफ एक्सट्रीम वेदर इन इंडिया 2024’ रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह इन 274 दिनों में से 255 दिन देश में कहीं न कहीं एक्सट्रीम वेदर रहा। मतलब या तो भीषण गर्मी या सर्दी पड़ी, या भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति रही।
साल 2024 के 70 फीसदी से अधिक समय में बुरा मौसम रहा। इसका असर आम जनजीवन पर पड़ा। इस अवधि में 3238 लोगों की मौत किसी न किसी तरह के बुरे मौसम के कारण हुई।
भीषण बाढ़ के कारण न केवल फसलों को नुकसान पहुंचा, बल्कि कई परिवारों के घर भी टूट गए। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 32 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुआ है और 2.36 लाख घर टूटे हैं।
Excessive Climate: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर भी असर
- मौसम की बेरहमी का असर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर भी पड़ा। साल 2024 के पहले 274 में से देश में सबसे ज्यादा खराब मौसम वाले दिन मध्य प्रदेश ने झेले।
- मध्य प्रदेश में मौसम के 176 बुरे दिन रहे। 156 बुरे दिनों के साथ यूपी दूसरे नंबर पर रहा। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र रहा, जहां के लोगों ने 142 बुरे दिन देखे।
- मौतों के मामलों में केरल सबसे ऊपर रहा। यहां 550 लोगों ने जान गंवाई। सबसे ज्यादा लोग वायनाड भूस्खलन में मरे। एमपी में मृतकों की संख्या 353 रही।
- छत्तीसगढ़ ने इस दौरान मौसम के 92 बुरे दिन देखे, जबकि यहां जान गंवाने वालों की संख्या 110 रही। बिहार ने 88 बुरे दिन देखे और 205 लोगों ने जान गंवाई।
फसलों की सबसे ज्यादा बर्बादी महाराष्ट्र में
भारी बारिश और भीषण बाढ़ के कारण महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा फसलों की बर्बादी हुई। यहां कुल 19.51 लाख हेक्टेयर से अधिक की फसल को नुकसान पहुंचा। बिहार में 3 लाख हेक्टेयर, तो गुजरात में 1 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई। मध्य प्रदेश में 25 हजार हेक्टेयर से कुछ ज्यादा फसल को नुकसान पहुंचा है।
प्राकृतिक आपदाओं में क्या-क्या शामिल
- बिजली गिरना और आंधी चलना
- भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन
- भीषण गर्मी, हीटवेव की स्थिति
- कड़ाके की सर्दी यानी कोल्ड वेव
- बादल फटना, चक्रवाती तूफान
इस रिपोर्ट में कही गई बातों को क्लाइमेट चेंज से जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा कहा है कि यह क्लाइमेट चेंज का ही असर है, जिसने अब भारत की बड़ी आबादी को प्रभावित करना शुरू कर दिया है।