लोनावाला जैसी घटना का मंगलवार को बस्तर में भी देखने को मिली। यहा तेज बहाव के बीच तीन युवक फंस गए। तीनों युवक नदी के बीच एक पत्थर का सहारा लेकर बहने से बच गए। बाद में एसडीआरएफ की टीम और नगर सेवा के जवानों को भेजा गया। 5 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Wed, 03 Jul 2024 09:19:21 PM (IST)
Up to date Date: Wed, 03 Jul 2024 09:19:21 PM (IST)
HighLights
- पांच घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
- 3 युवकों को सकुशल बाहर निकाला
- चित्रकोट जलप्रपात के पास की घटना
नईदुनिया प्रतिनिधि, जगदलपुर। करीब 3 दिन पहले महाराष्ट्र के लोनावाला में पिकनिक मनाने गए गए एक ही परिवार के 5 सदस्य पहाड़ी नदी (भुशी बांध के समीप) के तेज बहाव में बहकर अपनी जान गंवा बैठे। बरसात के मौसम में नदी-नालों का जलस्तर जब बढ़ जाता है, तब बाढ़ में डूबने और बहने की घटनाएं आम तौर पर सुनने को मिलती हैं।
ऐसी घटनाओं से भी सबक न लेकर कुछ लोग आज भी मनोरंजन, रोमांच के लिए खतरों के खिलाड़ी बनकर स्टंट करते हुए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं। जब जान गंवाने की स्थिति निर्मित हो जाती है तो भगवान से बचाने की गुहार लगाते हैं।
चित्रकोट जलप्रपात के एक किमी दूर की घटना
लोनावाला जैसी घटना का मंगलवार को यहां बस्तर में भी दोहराव होते-होते बच गया। जगदलपुर से 35 किलोमीटर दूर चित्रकोट जलप्रपात से एक किलोमीटर पहले इंद्रावती नदी में नहाने उतरे 3 युवक पानी की तेज धार में फंस गए।
मिनी गोवा के नाम से चर्चित इंद्रावती नदी के इस तटबंध क्षेत्र में लोग पिकनिक मनाने मौज मस्ती करने आते हैं। जगदलपुर के तीन युवक चेतन बघेल (25), लखेश्वर बघेल (30) व नितेश कुमार कुर्रे (28) भी पिकनिक मनाने के लिए शाम को पहुंचे थे।
तेज बहाव में फंस गए युवक
नदी में नहाने के दौरान तेज बहाव में फंस गए। जैसे-तैसे नदी के बीच एक पत्थर का सहारा लेकर बहने से बच गए और वहां आसपास लोगों को आवाज देकर बचाने की गुहार लगाते रहे।
पुलिस को सूचना मिलने के बाद जगदलपुर से एसडीआरएफ की टीम और नगर सेवा के जवानों को भेजा गया। 5 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एसडीआरएफ और नगर सेना के जवानों ने रात लगभग 12 बजे तीनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
पिछले साल 7 लोगों की बचाई थी जान
पिछले साल बरसात में नदी-नालों में बहने से बस्तर संभाग में 7 लोगों को जान गंवाना पड़ा था। अभी ज्यादा बारिश नहीं हुई है और बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं लेकिन पहाड़ी नदियों में जल बहाव फिर भी तेज है। इंद्रावती नदी में जहां यह घटना घटी, वहां नदी में कुछ क्षेत्रों में गहराई अधिक है और चित्रकोट जलप्रपात से पहले यहां जल बहाव भी अपेक्षाकृत अधिक रहता है।