राधा रानी को लेकर विवादित बयान का मामला माफी मांगने के बाद थम गया, लेकिन कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा अब नई मुश्किल में फंस गए हैं। सूर्यपुत्री मां ताप्ती को लेकर विवादित बयान इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर उनका विरोध शुरू हो गया है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 01 Jul 2024 05:31:24 PM (IST)
Up to date Date: Mon, 01 Jul 2024 05:47:01 PM (IST)
HighLights
- विवादित बयान पर महंत पुष्करानंद महाराज की मांग
- मां ताप्ती के चरणों में आकर नाक रगड़े पं. प्रदीप मिश्रा
- राधा-रानी मामले में माफी मांगने के बाद अब नया विवाद
नईदुनिया प्रतिनिधि, बुरहानपुर। राधा रानी को लेकर विवादित बयान देने और फिर बरसाने में जाकर नाक रगड़कर माफी मांगने को लेकर सुर्खियों में आए कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उनका सूर्यपुत्री मां ताप्ती को लेकर विवादित बयान इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर उनका विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को उदासीन आश्रम के महंत स्वामी पुष्करानंद महाराज सहित अन्य संतों ने राजघाट पहुंचकर मां ताप्ती से पं. प्रदीप मिश्रा को सद्बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की।
उन्होंने कहा कि प्रदीप मिश्रा बड़े कथावाचक हैं। लाखों धर्मप्रेमी उनकी कथा का श्रवण करते हैं, लेकिन आजकल वे बिना सिर पैर के बयान दे रहे हैं और लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उनको सोच समझकर शास्त्र सम्मत बात कहनी चाहिए। इसी माह ताप्ती प्रकटोत्सव भी है। पंडित प्रदीप मिश्रा मां ताप्ती के श्री चरणों में आकर नाक रगड़कर क्षमा याचना करें तो निश्चित रूप से मां ताप्ती उन्हें माफ करेंगी।
बुरहानपुर मजदूर यूनियन के अध्यक्ष ठाकुर प्रियांक सिंह ने कहा कि सूर्यपुत्री मां ताप्ती संपूर्ण बुरहानपुर वासियों की जीवनदायिनी व पालनहार हैं। उनके विरुद्ध किसी भी प्रकार की अशोभनीय टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हिंदू नेता महेश चौहान ने कहा कि मुलताई के पंडितों सहित संपूर्ण देश के साधु संत पंडित प्रदीप मिश्रा के ताप्ती नदी पर दिए बयान का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान शुभम वारुडे, विनोद बामले, चेतन भारद्वाज, विजय, सीताराम चौधरी, नाविक सदाशिव गवई आदि उपस्थित थे।
जानें कहा था पंडित प्रदीप मिश्रा ने
प्रियांक सिंह ने बताया कि पंडित प्रदीप मिश्रा बैतूल में शिव पुराण की कथा के लिए गए थे। इसी समय का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि माता यमुना और ताप्ती दोनों बहनें हैं, लेकिन आपस में उनकी कभी नहीं बनी। घाट पर भगवान जब रास करते थे, उस समय यमुना जी उनके विग्रह पर आए पसीने को पोंछने के लिए जाती थी।
एक बार यमुना का रूप धारण कर ताप्ती चली गई। ताप्ती ने श्री विग्रह के पसीने को पोंछ दिया लेकिन जैसे ही यमुना जी ने वहां ताप्ती को देखा उन्हें गुस्सा आ गया। पूछने पर ताप्ती ने बताया कि मैं कृष्ण को अपना बनाना चाहती हूं। इस पर यमुना मैया ने क्रोध में आकर मां ताप्ती को श्राप दे दिया।