Jabalpur Information : डुमना एयरपोर्ट पर छह घंटे हुई जांच में केनोपी फटने की यह वजह आई सामने

प्रारंभिक स्तर पर जबलपुर एयरपोर्ट में एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की तरफ से इस हादसे की जांच के लिए टीम भेजी गई थी। शनिवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी के रीजनल एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जे.टी राधाकृष्णा जबलपुर पहुंचे जहां उन्होंने करीब छह घंटे पांच सदस्यी दल के साथ घटना स्थल का मुआयना किया। उन्होंने अफसरों और टेक्निकल स्टाफ से भी सवाल जवाब किया।

By Pankaj Tiwari

Publish Date: Mon, 01 Jul 2024 11:19:56 AM (IST)

Up to date Date: Mon, 01 Jul 2024 11:19:56 AM (IST)

डुमना विमानतल का निरीक्षण करते सांसद आशीष दुबे, भाजपा महानगर अध्यक्ष प्रभात साहू, विधायक अशोक रोहाणी, अभिलाष पांडेय।

HighLights

  1. एयरपोर्ट अथारिटी के अफसरों ने की जांच।
  2. अब मंत्रालय भी जल्‍द भेज सकता विशेषज्ञ।
  3. 27 जून को टर्मिनल भवन में हुआ था हादसा।

नईदुनिया प्रतिनिधि,जबलपुर। डुमना एयरपोर्ट में 27 जून को टर्मिनल भवन में केनोपी फटने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जबलपुर के बाद 28 जून को दिल्ली और फिर 29 जून को गुजरात के राजकोट एयरपोर्ट में लगी केनोपी फट गई। ऐसे में इसकी डिजाइन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। वर्षा के जल की बराबर निकासी नहीं होने से केनोपी पर पानी भरा और उसके भार से केनोपी फट गई।

गोपनीय रिपोर्ट

केनोपी (फेबरिक शेड) फटने से जुड़ी जांच की यह रिपोर्ट पूरी तरह से गोपनीय रखी गई है। अथारिटी के पास पूरी रिपोर्ट अफसरों ने तैयार कर भेजी है। अब चूंकि देश के तीन एयरपोर्ट में केनोपी गिरने के हादसे हुए है इसमें दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 में हादसे में जनहानि भी हुई है। ऐसे में नागर विमानन मंत्रालय भी अपने स्तर पर एक जांच करवाने की तैयारी कर रहा है। माना जा रहा है कि उसकी तरफ से भी एक विशेषज्ञों का दल जांच के लिए भेजा जा सकता है।

डिजाइन गलत

एयरपोर्ट प्रबंधन से जुड़े सूत्रों की माने तो इस मामले में अथारिटी से जुड़े अफसर केनोपी लगाने की डिजाइन को भी वजह मान रहे हैं। तकनीकी खराबी होने की वजह से यह हादसा हुआ क्यों वर्षा के जल की बराबर निकासी नहीं थी। फिलहाल केनोपी क्रोनिकल शेप में लगाई गई है।

रखरखाव नहीं था

वर्षा जल निकासी के लिए बेहतर इंतजाम होना था। इसका रखरखाव भी नहीं किया जा रहा था। ऐसे में घटना हुई। जांच अफसरों ने इस बारे में तकनीकी जानकारों से भी राय ली। पता चला कि विभागीय विशेषज्ञों ने भी निर्माण के वक्त ऐसी समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया ना ही कंसल्ट्रेसी की तरफ से कोई सुझाव मिला।

एक करोड़ की लागत से बना

450 करोड़ रुपये की लागत डुमना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण का काम किया गया है इसमें कई अलग-अलग कार्य शामिल है। केनोपी लगाने पर एक करोड़ रुपये करीब का खर्च आया है। दिल्ली की एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने काम किया। अधिकारियों का दावा है कि केनोपी पर लगा फेबरिक फेरारी कंपनी का था लेकिन तकनीकी वजहों से वह फटा।