Manisha Rani acquired fame from ‘Bigg Boss OTT’, has a luxurious automotive and an opulent home. | 16 की उम्र में घर से भागी थीं मनीषा रानी: ​​​​​​​पापा डांस के खिलाफ थे, बिग-बॉस OTT से फेम मिला, आज आलीशान घर की मालकिन

Manisha Rani acquired fame from ‘Bigg Boss OTT’, has a luxurious automotive and an opulent home. | 16 की उम्र में घर से भागी थीं मनीषा रानी: ​​​​​​​पापा डांस के खिलाफ थे, बिग-बॉस OTT से फेम मिला, आज आलीशान घर की मालकिन

22 मिनट पहलेलेखक: किरण जैन

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हाल ही में ‘बिग बॉस ओटीटी’ फेम मनीषा रानी ने अपनी पहली लग्जरी कार मर्सिडीज बैंज A-क्लास खरीदी है। इस कार की कीमत तकरीबन 35 लाख रुपए है। साथ ही मनीषा ने बिहार में एक आलीशान घर भी खरीदा, जिसकी कीमत भी लाखों में है।

इन रियलिटी शो ‘झलक दिखला जा 11’ में बतौर कंटेस्टेंट नजर आ रही मनीषा बिहार के मुंगेर से निकलीं एक इन्फ्लुएंसर और सोशल मीडिया स्टार हैं। सोशल मीडिया पर उनके 9 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। इस हफ्ते ‘स्टार टॉक्स’ में मनीषा ने हमसे अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए। आप भी पढ़िए ये किस्से खुद मनीषा की जुबानी…

पापा डांस नहीं करते देते तो घर से भाग गई थी

मुझे बचपन से ही डांस का बहुत शौक था लेकिन पापा बहुत स्ट्रिक्ट थे। हालांकि, मैं ठान चुकी थी कि मैं अपने सपनों का बलिदान नहीं दूंगी। मैं 16 साल की थी, डांस सीखना चाहती थी पर पापा मुझे परमिशन नहीं दे रहे थे। एक दिन मैंने पापा को एक लेटर लिखा और एक दोस्त के साथ घर छोड़कर कोलकाता भाग गई।

घर से ना भागती तो घुट-घुटकर मर जाती

मैं अपने सपने पूरे करने के लिए जब घर से भागी, उस वक्त बस एक ही बात मेरे जहन में चल रही थी – ‘जो चल रहा है, उससे बुरा क्या हो सकता है? क्या पता, मेरे मेहनत करने से हम सभी की जिंदगी में कुछ अच्छा हो जाए। जो होगा देखा जाएगा।’ बस यहीं सोचकर मैंने घर से बाहर कदम रख दिया। अगर मैं ये कदम ना उठाती, तो घुट-घुटकर मर जाती। मेरी बड़ी बहन ने मेरे इस फैसले को सपोर्ट किया था।

पापा अपनी जगह गलत नहीं थे

आज जब पीछे मुड़कर देखती हूं तो अपने पापा को गलत नहीं ठहराती। दरअसल, वो अपनी जगह पर बिलकुल सही थे। हम मिडिल क्लास बैकग्राउंड से थे। हमारे पास डांस वगैरा पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं होते थे। हमारे पूरे खानदान में कभी कोई डांस या ग्लैमर फील्ड का हिस्सा भी नहीं रहा तो पापा उस वक्त डरे हुए थे। उन्हें इस बात का डर था कि यदि कुछ गलत हो गया तो समाज क्या कहेगा? घर के लोग उनपर उंगलियां तो नहीं उठाएंगे?

आज पापा मुझ पर गर्व महसूस करते हैं

आज पापा बहुत खुश हैं। वो मुझ पर गर्व महसूस करते हैं। मैं अपने शहर की इकलौती लड़की हूं जो नेशनल टेलीविजन पर आई, ‘बिग बॉस’ का हिस्सा रही और सोशल मीडिया पर इतनी पॉपुलर हूं। मेरे मुंगेर जिले (बिहार) के लोगों के लिए ये बहुत बड़ी बात है।

एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरता जब लोग पापा को मनीषा रानी के पिता कहकर नहीं बुलाते। किसी वक्त हमारे परिवार वालों को कोई पूछता नहीं था लेकिन अब मुंगेर के डिस्ट्रिक्ट, मेजिस्ट्रेट, बड़े-बड़े बिजनेसमैन सामने से आकर मेरे पापा से बात करते हैं। बड़े-बड़े लोग अपने परिवार वालों को मेरे परिवार वालों से मिलवाते हैं। पापा के लिए ये गर्व की बात हैं। वे कहते हैं कि मेरी बेटी ने जो भी किया.. अच्छा किया।

शुरुआत में कई लोगों ने गलत ऑफर दिए

मुंबई में मेरी शुरुआत अच्छी नहीं थी। जब मैं ऑडिशन के लिए जाती थी तो कई लोग मुझे गलत ऑफर देते थे। हालांकि, मैंने पहले ही तय कर लिया था कि मैं कभी शाॅर्ट कट नहीं अपनाउंगी। इस बात से इंकार नहीं करूंगी कि लोगों में मुझे गलत काम करने के लिए अप्रोच किया था। हां, खुद को खुशनसीब मानती हूं कि मैं कास्टिंग काउच से बच गई।

लोग देर रात होटल में मिलने को कहते थे

‘बिग बॉस’ में पार्टिसिपेट करने का सपना बहुत पहले से था। ‘बिग बॉस ओटीटी’ में आने के लिए भी मैं 2-3 साल से कोशिश कर रही थी। इस बीच ऐसे कई झूठे लोगों से सामना हुआ जिन्होंने मुझसे देर रात होटल में मिलने की बात कही।

कोई कहता था कि तुम्हारा नाम हमने चैनल को भेजा है, वह से अप्रूवल आ गया है। मैं भी खुशी के मारे अपने घर पर बता देती थी लेकिन जब पता चलता कि किसी ने बेवकूफ बनाया, तब बहुत निराशा होती थी। इसके बाद मैं अकेले में खूब रोती थी। बेचारे फैमिली मेंबर्स को भी बहुत बुरा लगता था।

आखिरी बार, जब मैंने कॉन्ट्रैक्ट साइन किया तब भी थोड़ी बहुत डरी हुई थी। लग रहा था कि कहीं इस बार भी बेवकूफ ना बन जाऊं और इसलिए घर पर कुछ नहीं बताया। जब शो में एंट्री के लिए सिर्फ दो दिन बचे थे, तब मैंने फैमिली को बताया था।

देखो, मनीषा रानी की मर्सिडीज आ रही है

बिग बॉस से मुझे बहुत फेम मिला। हाल ही में मैंने अपनी पहली कार ली। सच कहूं तो मुझे कार के ब्रांड के बारे में ज्यादा समझ नहीं। हां, केवल इतना तय किया था कि एक खुद की कार खरीदना है। ‘बिग बॉस’ के बाद मैं ऑटो में ट्रेवल करती थी जिससे मुझे कोई दिक्कत नहीं होती थी लेकिन मेरे आसपास के लोग मुझसे कहते की अब तो कार ले लो।

मैंने कार के लिए पैसे जमा करना शुरू किए। पहले मैं 16 लाख की हैरियर कार लेने वाली थी पर फिर भाई ने कहा की जब ले ही रही हो तो ऐसी कार लो, जो लोग देखें। कुछ दिन और इंतजार करने के बाद मैंने मर्सिडीज ले ली। ताकि लोग यह कह सकें कि वो देखो, मनीषा रानी की मर्सिडीज आ रही है।’

अब बिहार में भी एक बड़ा घर भी लिया है। ‘झलक दिखला जा’ खत्म होने के बाद घर के रजिस्ट्रेशन के लिए अपने होमटाउन जाउंगी।

‘झलक दिखला जा’ की जर्नी बहुत अलग है

‘झलक दिखला जा’ की जर्नी बहुत अलग है। जॉइन करने के बाद एहसास हुआ कि घर बैठे टीवी पर शो देखना आसान है लेकिन जब आप बतौर कंटेस्टेंट आते हो तब पता चलता हैं कि ये कितना मुश्किल है। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। हालांकि, हर दिन कुछ नया सिखने मिलता है। ये मौका शायद मुझे फिर कभी ना मिले। इसीलिए मैं पूरी तरह से इस जर्नी को एन्जॉय करना चाहती हूं। कई बार शो छोड़ने का भी ख्याल आया क्योंकि ये फिजिकली काफी हेक्टिक है। लेकिन मेरे कोरियोग्राफर हमेशा मोटीवेट करते रहते हैं। उन्हीं की बदौलत मैं इतने दूर तक पहुंच पाई।

शो के तीनों जजेस के दिलों में मेरे लिए एक सॉफ्ट कार्नर हैं

शो के तीनों जजेस- मलाइका अरोड़ा, अरशद वारसी और फराह खान के दिलों में मेरे लिए एक सॉफ्ट कार्नर है। मैंने नोटिस किया है कि दूसरे कंटेस्टेंट्स की परफॉर्मेंस जब सही नहीं होती तो जजेस का कमेंट थोड़ा कड़क होता है। उनसे ये तक कहा जाता है कि आपकी परफॉर्मेंस अच्छी नहीं थी लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं होता।

मेरी परफॉर्मेंस की हमेशा तारीफ होती है। तीनों जजेस मुझसे कभी स्ट्रिक्ट बात नहीं करते। अगर कुछ बोलना भी होता है तो वो कोरियोग्राफर से कहते हैं, मुझसे नहीं। मुझे लगता है कि तीनों जजेस मुझे सबसे ज्यादा मानते हैं। मैं खुद को बहुत लकी मानती हूं।

बहुत निराश होती थी पर कभी मेहनत करना नहीं छोड़ा। कहते हैं न कि अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है। मेरे साथ ऐसा ही कुछ हुआ। बचपन का मेरा देखा हुआ सपना ‘झलक दिखला जा’ में आने से पूरा हुआ।

आज भी कई बार सोचती हूं कि जो हो रहा है क्या वो वाकई में सच है? मुझे आज भी याद है कि बचपन में मैं छुप छुपकर डांस सीखने जाती थी। कई बार छिपकर डांस शो के लिए ऑडिशन तक दिए लेकिन कभी सिलेक्शन नहीं हुआ। निराशा खूब होती थी लेकिन मैंने कभी मेहनत करना नहीं छोड़ा।

मैं सिंगल हूं, एल्विश यादव सिर्फ मेरे दोस्त

एल्विश यादव सिर्फ और सिर्फ मेरे दोस्त है। अब सोशल मीडिया पर लोग कुछ भी कह दें तो कोई क्या कर सकता है? मैं तो सिंगल हूं। यदि कोई जिंदगी में आया तो मैं अपने फैंस से जरूर शेयर करूंगी।

कोई लड़की डांसर-एक्ट्रेस बनना चाहे तो उसे सपोर्ट नहीं मिलता

बिहार में खासतौर पर अपने होमटाउन में मैंने एक बात देखी है। जब किसी की बेटी डॉक्टर, इंजीनियर या शिक्षक बनती है तो उनके माता-पिता बहुत गर्व से उनके बारे में सभी को बताते हैं। उनका उदाहरण दिया जाता है। वहीं कोई लड़की यदि डांसर या एक्ट्रेस बनना चाहे तो उसे इतना सपोर्ट नहीं मिलता।

मैं उन लड़कियों को सपोर्ट करना चाहती हूं। मैं सभी पैरेंट्स से निवेदन करना चाहूंगी कि जिस तरह वो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए ट्यूशन छोड़ने जाते हैं उसी तरह उन्हें डांस क्लास जाने की भी इजाजत दें। अपनी लड़कियों पर विश्वास करें। जल्द ही मैं इन लड़कियों के लिए कुछ करूंगी।

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