राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह को कांग्रेस सरकार ने नियुक्त किया था। उन्होंने एक जनवरी 2019 को कार्यभार संभाला और यह 30 जून को पूरा हो रहा है। नई नियुक्ति की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं होने से सिंह पद पर बने रहेंगे। मुख्य सचिव वीरा राणा की की सेवावृद्धि की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाया जा सकता है।
By Neeraj Pandey
Publish Date: Fri, 28 Jun 2024 09:48:10 PM (IST)
Up to date Date: Fri, 28 Jun 2024 09:48:10 PM (IST)
HighLights
- नई नियुक्ति नहीं हुई इसलिए बसंत प्रताप सिंह संभालते रहेंगे पदभार
- सितंबर में मुख्य सचिव वीरा राणा को दिया जा सकता है मौका
- अगले मुख्य सचिव के लिए राजेश राजौरा समेत चर्चा में तीन नाम
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल : राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह अभी अपने पद पर बने रहेंगे। उनका कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है लेकिन नई नियुक्ति की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है, इसलिए वह अभी पदभार संभालते रहेंगे। यह व्यवस्था अधिकतम छह माह तक चल सकती है। माना जा रहा है कि तीन माह बाद जब मुख्य सचिव वीरा राणा का कार्यकाल पूरा होगा, तब उन्हें मौका दिया जा सकता है।
मुख्य सचिव वेतनमान के अधिकारियों के लिए सेवानिवृत्त होने पर पुनर्वास के लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त, भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण, वाणिज्यिक अपीली बोर्ड समेत कुछ ही पद हैं। इसमें राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद तीस जून को रिक्त हो रहा था पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।
30 जून को पूरा हो रहा कार्यकाल
बसंत प्रताप सिंह को कांग्रेस सरकार ने नियुक्त किया था। उन्होंने एक जनवरी 2019 को कार्यभार संभाला और यह 30 जून को पूरा हो रहा है। इसके पहले नियुक्ति हो जानी थी लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। चूंकि, यह पद रिक्त नहीं रखा जाता है इसलिए राज्य निर्वाचन आयुक्त सेवा शर्तें नियम 1994 के नियम पांच में यह प्रविधान किया गया है कि अवधि समाप्त होने के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त के उत्तराधिकारी की नियुक्ति होने और पद ग्रहण करने तक पद पर बना रहेगा किंतु यह अवधि किसी भी दशा में छह माह से अधिक नहीं होगी यानी बसंत प्रताप सिंह दिसंबर 2024 तक इस पद पर रह सकते हैं।
सितंबर में पूरी होगी मुख्य सचिव वीरा राणा की सेवावृद्धि की अवधि
सूत्रों का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा महालेखाकार को स्थिति से अवगत कराने लिखे पत्र से यह भी स्पष्ट हो गया है कि मुख्य सचिव वीरा राणा अपना कार्यकाल पूरा करेंगी। उनकी छह माह की सेवावृद्धि की अवधि सितंबर में पूरी होगी। इसके बाद उन्हें राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाया जा सकता है। उनका मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव के साथ समन्वय बेहतर है। अपर मुख्य सचिव डा.राजेश राजौरा के मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ होने के बाद समन्वय और अच्छा हुआ है।
मप्र का अगला मुख्य सचिव
वीरा राणा का कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रदेश का मुख्य सचिव किसे बनाया जाएगा, इसको लेकर मंत्रालय में कई अटकलें चल रही हैं। इस पद के लिए तीन अधिकारियों अनुराग जैन, मोहम्मद सुलेमान और डा.राजेश राजौरा के नाम चर्चा में है। 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और केंद्रीय सचिव का दायित्व निभा रहे हैं। वे अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होंगे।
वहीं, इसी बैच के अधिकारी अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान हैं, जो अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। इस बैच के दो अन्य अधिकारी विनोद कुमार और जेएन कंसोटिया को मंत्रालय से बाहर पदस्थ किया जा चुका है।
1988 बैच के अधिकारी संजय बंदोपाध्याय पहले से बाहर हैं। उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटाए जाने पर मंत्रालय में पदस्थ करने के स्थान पर कर्मचारी चयन मंडल का अध्यक्ष बनाया गया था। मुख्य सचिव के लिए 1990 बैच के डा.राजेश राजौरा का नाम भी चर्चा में है, जिन्हें मुख्यमंत्री ने अपना अपर मुख्य सचिव बनाया है। वे मई 2027 में सेवानिवृत्त होंगे।
उपेंद्र कुमार जैन होंगे विशेष पुलिस महानिदेशक
प्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम के प्रबंध संचालक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र कुमार जैन एक जुलाई से विशेष पुलिस महानिदेशक होंगे। गृह विभाग ने 30 जून को विशेष पुलिस महानिदेशक अशोक अवस्थी के सेवानिवृत्त होने से रिक्त होने वाले पद पर उनकी पदोन्नति करने का निर्णय लिया है।
1991 बैच के आइपीएस अधिकारी जैन अभी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हैं और प्रबंध संचालक के तौर पर मध्य प्रदेश पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम का काम देख रहे हैं। उनके पदोन्नत होने पर यह पद महानिदेशक के समकक्ष हो जाएगा।
अन्निगिरी बने मप्र आइएफएस एसोसिएशन के अध्यक्ष
मध्य प्रदेश आइएफएस एसोसिएशन के नए अध्यक्ष बीएस अन्निगिरी बनाए गए हैं। अब तक अतुल श्रीवास्तव अध्यक्ष थे। वर्तमान अध्यक्ष एवं पीसीसीएफ वन्य प्राणी डा. अतुल श्रीवास्तव 30 जून को सेवानिवृत हो रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार को मध्य प्रदेश आइएफएस एसोसिएशन की बैठक आयोजित कर अध्यक्ष पद पर एपीसीसीएफ आइटी बीएस अन्निगिरी का चयन सर्वानुमति से किया गया।
इसके अलावा एपीसीसीएफ भू-प्रबंध एच एस मोहंता को उपाध्यक्ष, रितेश सरोठिया को सचिव, वन संरक्षक भोपाल आलोक पाठक को कोषाध्यक्ष एवं संचालक वन विहार मीना अवधेश कुमार शिव कुमार को सह सचिव बनाया गया। एपीसीसीएफ डा. समिता राजौरा और एपीसीसीएफ पुरुषोत्तम धीमान कार्यकारिणी के सदस्य बनाए गए। चुनाव की कार्यवाही भारतीय वन सेवा संघ के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में पीसीसीएफ सत्यानंद द्वारा संपन्न की गई।