आपराधिक मामले में दोषमुक्त होने की स्थिति में पदोन्नित का है अधिकार

हेड कांस्टेबल गेंदराम सोनवानी ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर डीजीपी के आदेश को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि वह वर्ष 2006 में जिला-बस्तर में पुलिस विभाग में हेड कान्स्टेबल के पद पर पदस्थ था।

By Radha Krishna Sharma

Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 01:34 AM (IST)

Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 01:34 AM (IST)

आपराधिक मामले में दोषमुक्त होने की स्थिति में पदोन्नित का है अधिकार
याचिकाकर्ता हेड कांस्टेबल की याचिका पर हाई कोर्ट ने दी व्यवस्था,डीजीपी के समक्ष पेश करना होगा अभ्यावेदन

बिलासपुर। हेड कांस्टेबल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक प्रकरण में दोषमुक्त होने की स्थिति में पदोन्नति व वरिष्ठता की मिलेगी सुविधा। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पुलिस महानिदेशक के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने और अभ्यावेदन पर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

हेड कांस्टेबल गेंदराम सोनवानी ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर डीजीपी के आदेश को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि वह वर्ष 2006 में जिला-बस्तर में पुलिस विभाग में हेड कान्स्टेबल के पद पर पदस्थ था। वर्ष 2006 में उसके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने पर उसे सेवा से निलंबित कर दिया गया था। आपराधिक मामले में संपूर्ण ट्रायल के बाद 2015 में दोषमुक्त कर दिया गया। दोषमुक्ति के पश्चात् पुलिस महानिरीक्षक बस्तर ने वर्ष 2006 से सहायक उपनिरीक्षक (एएसआइ) के पद पर पदोन्नति प्रदान कर दी। डीजीपी पुलिस मुख्यालय द्वारा उसे सब इन्सपेक्टर एवं इन्सपेक्टर के पद पर पदोन्नति व वरिष्ठता प्रदान नहीं की गई। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने सिंगल बेंच के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि कोई भी शासकीय कर्मचारी यदि आपराधिक मामले में दोषमुक्त किया जाता है तब वह भूतलक्षी प्रभाव से उच्च पद पर पदोन्नति व वरिष्ठता का पात्र है। याचिकाकर्ता से जुनियर गोवर्धन दास दीपक को वर्ष 2006 में एएसआइ, वर्ष 2013 में सब इन्सपेक्टर एवं वर्ष 2022 में इन्सपेक्टर के पद पर पदोन्नति दे दी गई। याचिकाकर्ता भी उपर्युक्त वर्ष एवं पदों पर पदोन्नति एवं वरिष्ठता का पात्र है। पुलिस महानिरीक्षक जगदलपुर द्वारा याचिकाकर्ता से कनिष्ठ गोवर्धनदास दीपक को वर्ष 2006 से एएसआइ के पद पर प्रमोशन प्रदान किये जाने के आधार पर याचिकाकर्ता को भी वर्ष 2006 से एएसआइ के पद पर प्रमोशन एवं वरिष्ठता प्रदान कर दी गई। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि पूर्व में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर द्वारा लिए गए निर्णय के आधार पर याचिकाकर्ता को वर्ष 2013 से सब इन्सपेक्टर एवं 2022 से इन्सपेक्टर पद पर पदोन्नति व वरिष्ठता प्रदान की जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को विभाग के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया है।