मामला शनिवार का है। भारतीय नगर निवासी राहुल तिवारी ने परिवार के सदस्यों के साथ अचानकमार टाइगर रिजर्व भ्रमण की योजना बनाई। सैर करने में किसी तरह की बाधा न आए, इसलिए उन्होंने टाइगर रिजर्व की साइट पर जाकर दो दिन पहले ही आनलाइन जिप्सी की बुकिंग कराई थी।
By Shiv Soni
Publish Date: Solar, 04 Feb 2024 12:44 AM (IST)
Up to date Date: Solar, 04 Feb 2024 12:44 AM (IST)
बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व पहुंचा शहर का एक परिवार को बिना सैर किए मायूस होकर लौटना पड़ा। उन्हें मौके पर जिप्सी मिली न गाइड व चालक। शिवतराई बैरियर में उनसे हुज्जतबाजी भी की गई। जिससे वह बेहद नाराज हुए। इस अव्यवस्था की शिकायत उन्होंने उच्चाधिकारियों से करने की बात कही है, ताकि जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।
मामला शनिवार का है। भारतीय नगर निवासी राहुल तिवारी ने परिवार के सदस्यों के साथ अचानकमार टाइगर रिजर्व भ्रमण की योजना बनाई। सैर करने में किसी तरह की बाधा न आए, इसलिए उन्होंने टाइगर रिजर्व की साइट पर जाकर दो दिन पहले ही आनलाइन जिप्सी की बुकिंग कराई थी। उन्हें शनिवार की सुबह छह बजे के लिए जिप्सी बुक किया गया। बुकिंग के समय को ध्यान में रखते हुए पूरा परिवार रात तीन बजे ही बिलासपुर से अचानकमार टाइगर रिजर्व के लिए रवाना हो गए और ठीक सुबह 5:30 बजे शिवतराई बैरियर पहुंच गए। बैरियर पर मौजूद कर्मचारी से उन्होंने बुकिंग के संबंध में जानकारी दी। लेकिन वहां मौजूद कर्मचारी ने पर्यटकों के साथ सही बर्ताव नहीं किया और न जानकारी दी। इससे वे निराश हो गए। करीब आधे घंटे बाद कोई डिप्टी रेंजर आए और उन्होंने पर्ची बनाकर दी और कहा कि अचानकमार बैरियर में जिप्सी मिल जाएगी। इस पर्ची को बैरियर में दिखाना पड़ेगा। तिवारी परिवार अचानकमार के लिए रवाना हुआ। वहां बैरियर पर पहुंचने के बाद जैसे ही उन्होंने बुकिंग होने की जानकारी कर्मचारी यह कह दिया कि जिप्सी तो हैं लेकिन, चालक या गाइड अभी नहीं आए हैं। इसके लिए उन्हें इंतजार करना पड़ेगा। सवा घंटे गुजरने के बाद भी कोई नहीं पहुंचा। वह बार- बार यही कहते रहे है कि बुकिंग का समय सुबह छह बजे दिया गया। इतने विलंब से अंदर लेकर जाने का क्या मतलब। कर्मचारी ने इसके बाद भी सही जवाब नहीं दिया और पर्यटकों को टरकाते रहे। अंत में पर्यटक मायूस होकर लौट आए।
नहीं मिली बुकिंग की राशि
तिवारी परिवार ने जिप्सी बुकिंग के लिए 3500 रुपये आनलाइन जमा किया। टाइगर रिजर्व प्रबंधन की अव्यवस्था के कारण वह सैर नहीं कर पाए और उनकी जमा राशि भी वापस नहीं हुई। बुकिंग के लिए जमा राशि को लेकर डिप्टी डायरेक्टर विष्णु नायर से बात करने कार्यालय जाएंगे। इसके बाद भी वापसी नहीं होती है, तब उस स्थिति में उच्चाधिकारियों से लिखित शिकायत की जाएगी।
वनकर्मियों की हड़ताल का असर
आमतौर पर अचानकमार टाइगर रिजर्व में सफारी के दौरान इस तरह की लापरवाही नहीं होती। इस अव्यवस्था की वजह वनकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल को मानी जा रही है। वनकर्मियों की अनुपस्थिति में टाइगर रिजर्व की कमान दैनिक वेतन भाेगी के पास है। बताया जा रहा है कि बैरियर में दैनिक वेतन भोगी ही ड्यूटी पर थे, जिन्होंने वनकर्मियों की अनुपस्थिति खुद को प्रभारी समझकर पर्यटकों से हुज्जतबाजी कर रहे हैं।
वर्जन
सैलानियों को इस तरह की लापरवाही पहले कभी नहीं हुई है। यह बेहद गंभीर मामला है। इसकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा संबंधित पर्यटक परिवार को उनकी बुकिंग की राशि भी लौटाई जाएगी।
विष्णु नायर
डिप्टी डायरेक्टर, अचानकमार टाइगर रिजर्व