Well being Suggestions: तिल्ली सिर दर्द, आंखों और बालों के लिए भी है फायदेमंद। इसकी तासीर गर्म होने से ठंड करते हैं ज्यादा सेवन।
By Hemraj Yadav
Publish Date: Mon, 29 Jan 2024 04:35 PM (IST)
Up to date Date: Mon, 29 Jan 2024 04:35 PM (IST)
Well being Suggestions: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। आयुर्वेद में तिल का काफी महत्व है। सर्दियों के मौसम में जो सबसे अधिक च्यवनप्राश खाया जाता है, उसमें विशेष रूप से तिल्ली के तेल का प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में जितनी भी दवाइयां बनाई जाती हैं उनमें तिल्ली के तेल का भी प्रयोग किया जाता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. अखलेश भार्गव का कहना है कि तिल्ली तीन प्रकार की होती है श्वेत, कृष्ण एवं लाल। काले तिलों को अधिक महत्वपूर्ण एवं शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है। संक्रांति के अवसर पर जब तापमान में कमी आ जाती है, तो इसके लड्डुओं का प्रयोग पूरे भारतवर्ष में किया जाता है। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
तिल्ली के हैं कई लाभ
तिल प्रकृति से तीखी, मधुर, भारी, स्वादिष्ट, स्निग्ध, गर्म तासीर की, कफ तथा पित्त को कम करने वाली, बलदायक, बालों के लिए हितकारी, स्पर्श में शीतल, त्वचा के लिए लाभकारी, घाव भरने में लाभकारी, दांतों को उत्तम करने वाली होती है।
बालों की समस्या में भी फायदेमंद
बालों का झड़ना, असमय सफेद बाल होना, गंजापन, रूसी की समस्या आदि ऐसी समस्याएं हैं, जिससे अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। तिल के तेल का इस्तेमाल इन बीमारियों में बहुत फायदेमंद साबित होता है।
सिर दर्द में भी फायदेमंद
काले तिलों का काढ़ा बनाकर उनसे आंखें धोने पर नेत्र की बीमारियों में फायदा मिलता है, तिल को पानी में पीसकर सिर पर लगाने से सिर दर्द कम होता है, प्रतिदिन तिल को चबा-चबा कर खाने से दांत मजबूत होते हैं।