रुपये की कमजोरी से किसे मिलेगा फायदा और कौन टूटेगा? इस सेक्टर पर क्या होगा असर, जानें डिटेल

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Rupee fall impact: भारतीय शेयर मार्केट में बुधवार, 3 दिसंबर को दोनों ही प्रमुख बेंचमॉर्क इंडेक्स लाल निशान पर ट्रेड करते हुए बंद हुए थे. साथ ही डॉलर की तुलना में रुपये की कीमतों में भी जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. 90 रुपया प्रति डॉलर के पार पहुंच कर रुपये ने नया रिकॉर्ड बनाया था.

जिसका सीधा प्रभाव देश के विभिन्न सेक्टरों में देखने को मिलेगा. मनी कंट्रोल हिंदी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, रुपये की इस गिरावट से कुछ सेक्टरों को फायदा होगा तो वहीं कुछ सेक्टरों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं, अलग-अलग सेक्टरों पर इसका क्या प्रभाव दिखने वाला है….

फार्मा सेक्टर पर प्रभाव

फार्मा सेक्टर में रुपये में हो रही इस गिरावट का असर सीमित रह सकता है, क्योंकि फार्मा कंपनियां अपने डॉलर एक्पोजर के लिए हेजिंग कर लेती हैं. जिससे दवाईयों की कीमत पहले ही तय हो जाती है और करेंसी के कमजोर होने पर भी डील पर प्रभाव नहीं पड़ता है. हालांकि. कंपनियों का इनपुट कॉस्ट बढ़ सकता है. 

आईटी सेक्टर पर प्रभाव

रुपये में आई इस गिरावट से आईटी सेक्टर को फायदा हो सकता है, क्योंकि आईटी कंपनियों की ज्यादातर इनकम डॉलर में होती है. रुपये के कमजोर होने से कंपनियों को मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलती है. बुधवार के कारोबारी दिन आईटी सेक्टर के शेयर हरे निशान पर ट्रेड करते हुए बंद हुए थे. निफ्टी आईटी इंडेक्स ने बाजार को संभालने का काम किया था.  

केमिकल सेक्टर

केमिकल सेक्टर में रुपये की कमजोरी से लाभ पहुंच सकता है. केमिकल सेक्टर की कई कंपनियों की कमाई डॉलर में होती है. साथ ही बहुत से कंपनियां अमेरिकी बाजार से जुड़ी हुई हैं. रुपये में आई इस गिरावट से इन कंपनियों के आय में इजाफा हो सकता है.  

तेल और गैस सेक्टर 

रुपये की कीमत कम होने से ऐसी कंपनियां जो तेल और गैस आयात करती है, उनकी लागत बढ़ जाती है. जिससे उनका मुनाफा कम होता है. वहीं, वे कंपनियां जो तेल और गैस का उत्पादन और निर्यात का काम करती है, उन्हें फायदा होने की उम्मीद होती है. 

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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IIMC में नौकरी का मौका, टीचिंग एसोसिएट और प्रोफेसर के पदों पर भर्ती; 26 दिसंबर तक करें आवेदन

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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) ने देशभर के युवाओं के लिए शानदार रोजगार अवसर खोल दिए हैं. संस्थान ने टीचिंग एसोसिएट और प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है. नई दिल्ली, ढेंकनाल, कोट्टायम, अमरावती, आइजोल और जम्मू कैंपस के लिए ये नियुक्तियां की जाएंगी, जिनके लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है.

5 टीचिंग एसोसिएट पदों पर भर्ती शुरू

IIMC को एकेडमिक कम टीचिंग एसोसिएट के कुल 05 पदों पर भर्ती करनी है. ये पद न्यू मीडिया, जर्नलिज्म, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन और ब्रांड मैनेजमेंट जैसे कोर्सों के लिए निकाले गए हैं. आवेदन करने की अंतिम तिथि 26 दिसंबर 2025 तय की गई है.

योग्यता

उम्मीदवार के पास जर्नलिज्म, मास कम्युनिकेशन, कंप्यूटर साइंस, मैनेजमेंट, पब्लिक रिलेशन, डिजिटल मीडिया आदि विषयों में मास्टर डिग्री (55% अंकों के साथ) होनी चाहिए. किसी भी विषय में ग्रेजुएशन + संबंधित विषय में पीजी डिप्लोमा भी मान्य होगा. UGC NET पास उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलेगी. कम से कम 1 साल का टीचिंग या प्रोफेशनल अनुभव जरूरी है. अधिकतम उम्र सीमा 40 साल तय है.

प्रोफेसर पद के लिए भी निकली वैकेंसी

IIMC ने साथ ही प्रोफेसर के 01 पद पर भी भर्ती निकाली है, जो EWS कैटेगरी के लिए आरक्षित है. यह पद मास कम्युनिकेशन, जर्नलिज्म, एडवरटाइजिंग, पब्लिक रिलेशन, स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन और मीडिया बिजनेस स्टडीज जैसे विषयों में विशेषज्ञता रखने वालों के लिए है. ज्यादा डिटेल्स नोटिफिकेशन में देख सकते हैं.  

कितनी होगी सैलरी

इस भर्ती अभियान के तहत चयनित अभ्यर्थियों को 40,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा.

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इतना देना होगा आवेदन शुल्क

आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क देना होगा. कैंडिडेट्स को 500 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा करना होगा.

आवेदन प्रक्रिया

टीचिंग एसोसिएट के लिए ऑफलाइन आवेदन नोटिफिकेशन में दिए गए फॉर्मेट को डाउनलोड करें और सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ Deputy Registrar, IIMC, Aruna Asaf Ali Marg
JNU, New Delhi – 110067 के पते पर भेज दें. ज्यादा डिटेल्स के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट की मदद ले सकते हैं.

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हार पचा नहीं पा रहे केएल राहुल, दूसरे वनडे के बाद खुलकर बताई टीम इंडिया की बड़ी गलती

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IND vs SA 2nd ODI: रायपुर में खेले गए दूसरे वनडे में टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के हाथों करारी हार मिली. 359 रन का बड़ा लक्ष्य देने के बाद भी भारत मैच नहीं बचा सका. प्रोटियाज ने 4 गेंद बाकी रहते 6 विकेट पर 362 रन बनाकर मुकाबला अपने नाम किया. तीन मैचों की सीरीज अब 1-1 की बराबरी पर आ गई है. 6 दिसंबर को विशाखापत्तनम में होने वाला आखिरी वनडे अब सीरीज का असली ‘फाइनल’ बन गया है. मैच के बाद भारतीय कप्तान केएल राहुल का दर्द साफ झलकता दिखा. उन्होंने माना कि टीम कई अहम जगहों पर चूक गई, खासकर गेंदबाजी और फील्डिंग में.

ओस बनी सबसे बड़ा दुश्मन

राहुल ने साफ शब्दों में कहा कि दूसरी पारी में गेंदबाजी करना बेहद मुश्किल हो रहा था, क्योंकि लगातार ओस गिर रही थी. इससे गेंदबाजों को गेंद पकड़ने में दिक्कत आई और उनकी ग्रिप कमजोर पड़ी.  राहुल ने कहा, “हार को पचा पाना बेहद मुश्किल है. इतनी ज्यादा ओस में गेंदबाजी करना बिल्कुल आसान नहीं था. अंपायर ने भी गेंद बदलने में साथ दिया. हमारे लिए टॉस जीतना भी बहुत जरूरी था और मैं टॉस हारने के लिए खुद को ही दोष दे रहा हूं.”

उन्होंने बताया कि टीम ने 350 से ज्यादा का स्कोर खड़ा किया, जो बल्लेबाजों के प्रदर्शन को देखते हुए अच्छा था, लेकिन गेंदबाज उसी का फायदा नहीं उठा पाए.

फील्डिंग और निचले क्रम ने बिगाड़ा मैच

राहुल ने माना कि कुछ मौकों पर टीम फील्डिंग में बेहतर कर सकती थी. यशस्वी जायसवाल ने एडेन मार्करम का कैच छोड़ा, जो भारत को बहुत भारी पड़ा. क्योंकि मार्करम ने बाद में शानदार शतक जड़ दिया और मैच का रुख बदल दिया.

कप्तान ने यह भी माना कि उनके बल्लेबाजों ने आखिर में 20-25 रन और बनाने की कोशिश की, लेकिन निचले क्रम से उम्मीद के मुताबिक योगदान नहीं मिला. उन्होंने कहा कि अगर निचला क्रम थोड़ा और रन जोड़ देता, तो मैच का नतीजा अलग हो सकता था.

कोहली और गायकवाड़ की तारीफ

हालांकि, राहुल ने विराट कोहली और ऋतुराज गायकवाड़ की खूब सराहना की. दोनों ने शानदार शतक लगाए और भारत को 358 के विशाल स्कोर तक पहुंचाया. राहुल ने कहा, “दोनो को ऐसे बल्लेबाजी करते देखना शानदार था. विराट हमेशा की तरह परफेक्ट था. ऋतुराज ने स्पिन को जिस तरह खेला, उसने हमें 20 रन और दिलाए.”

सीरीज का फैसला विशाखापत्तनम में

अब भारत और साउथ अफ्रीका दोनों की नजरें अंतिम वनडे पर हैं. जो टीम यह मैच जीतेगी, वह सीरीज अपने नाम कर लेगी. टीम इंडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती फील्डिंग और गेंदबाजी की रणनीति को सुधारने की होगी. 

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छपरीगिरी के चक्कर में तंदूर बन गया लड़का, दोस्तों ने नंगा करके बचाई जान- वीडियो वायरल

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कभी कभी होशियारी करना इतना भारी पड़ जाता है कि जान और इज्जत दोनों दांव पर लग जाते हैं. सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक चौंकाने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें शादी में खुशियों के बीच एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. वीडियो में दिख रहा है कि एक युवक शादी में लगे घूमने वाले रील कैमरे के सामने खड़ा होकर पोज दे रहा था, इसी दौरान भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने मजाक के तौर पर उसके कपड़ों में हल्की-सी आग लगा दी.

आशिकी के चक्कर में तंदूर बन जाता लड़का

शुरू में युवक को इसका एहसास तक नहीं हुआ, लेकिन कुछ ही सेकंड में चिंगारी बढ़कर लपटों में बदल गई. जैसे ही उसने पीछे मुड़कर आग लगी हुई देखी, वह घबरा गया और खुद को बचाने के लिए इधर-उधर हाथ मारने लगा. आसपास खड़े उसके दोस्तों ने तुरंत समझदारी दिखाई और किसी ने शर्ट से आग बुझाने की कोशिश की, तो किसी ने उसके कपड़ों को झटकारकर लपटें रोकने की. लेकिन आग इतनी तेजी से फैल चुकी थी कि कोशिशों के बावजूद लपटें पूरी तरह नहीं बुझ पा रही थीं.

दोस्तों की लगाई आग उन्हीं ने बुझाई

इसके बाद दोस्तों ने उसे कपडों से मारने के साथ साथ उसके कपड़े भी उतार दिए जिससे वो अर्धनग्न हो गया. दरअसल, आग का ज्यादा असर उसकी शर्ट पर था जिसे लड़के ने उतारकर समझदारी दिखाई. वीडियो में दिख रहा है कि बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया गया और लड़के को सही सलामत बचा लिया गया. अब वीडियो वायरल होने के बाद इंटरनेट पर लड़की और उसके दोस्तों की मूर्खता पर बहस छिड़ गई है.

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यूजर्स बोले, उतर गया भूत?

वीडियो को @shwetayadav8474 नाम के एक्स अकाउंट से शेयर किया गया है जिसे अब तक लाखों लोगों ने देखा है तो वहीं कई लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है. ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को लेकर तरह तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा…उतर गया आशिकी का भूत भाई? एक और यूजर ने लिखा…ऐसे दोस्तों से अच्छा तो दुश्मन पाल लो. तो वहीं एक और यूजर ने लिखा…तंदूर बन गया होता अगर वक्त पर आंख नहीं खुलती तो.

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‘तेरे इश्क में’ ने छठे दिन भी उड़ाया गर्दा, ये तगड़ा रिकॉर्ड भी बना डाला, जानें- कलेक्शन

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धनुष और कृति सेनन की लेटेस्ट रिलीज़, ‘तेरे इश्क में’, बॉक्स ऑफिस पर कमाल का परफॉर्म कर रही है. आनंद एल. राय द्वारा निर्देशित, इस दिल को छू लेने वाली इंटेंस रोमांटिक ड्रामा ने जबरदस्त शुरुआत के बाद ओपनिंग वीकेंड पर भी ताबड़तोड़ कलेक्शन किया. वहीं वीकडेज में भी ये फिल्म भरभरकर नोट छाप रही है. चलिए यहां जानते हैं रिलीज के छठे दिन यानी बुधवार को इस फिल्म ने कितना कलेक्शन किया है?

तेरे इश्क में’ ने रिलीज के छठे दिन कितनी की कमाई?
शंकर (धनुष द्वारा अभिनीत) और मुक्ति (कृति सनोन द्वारा अभिनीत) की हार्ट ब्रेकिंग और ट्रैजिक लव स्टोरी वाली ‘तेरे इश्क में’ सिनेमाघरों में 28 नवंबर, 2025 को रिलीज़ हुई थी. इस फिल्म को क्रिटिक्स और दर्शकों से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला. हालांकि इसके दूसरे पार्ट की कुछ आलोचना भी हुईं, फिर भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ बनाए हुए है. दरअसल पॉजिटिव वर्ड ऑफ माउथ की बदौलत ये फिल्म धुआंधार कमाई कर रही है.

फिल्म के कलेक्शन की बात करें तो इसने रिलीज के पहले दिन 16 करोड़ (हिंदी और तमिल मिलाकर) के साथ शानदार शुरुआत की थी. दूसरे दिन इस फिल्म ने 17 करोड़ कमाए. वहीं तीसरे दिन इसकी फिल्म ने 19 करोड़ रुपयों का कलेक्शन किया, जबकि चौथे दिन की काई 8.75 करोड़ रही. इसके बाद फिल्म ने पांचवें दिन 10.25 करोड़ रुपये कमाए.

  • वहीं सैकनिल्क की अर्ली ट्रेंड रिपोर्ट के मुताबिक ‘तेरे इश्क में’ ने रिलीज के 6ठे दिन यानी बुधवार को 6.75 करोड़ कमाए हैं.
  • इसी के साथ ‘तेरे इश्क में’ की 6 दिनों की कुल कमाई अब 76.75 करोड़ रुपये हो गई है.

‘तेरे इश्क में’ बनी कृति सेनन की 7वीं सबसे बड़ी फिल्म
‘तेरे इश्क में’ की कमाई में रिलीज के 6ठे दिन यानी बधुवार को गिरावट देखी गई और इसने रिलीज के बाद अब तक का सबसे कम कलेक्शन किया. हालांकि इसने 75 करोड़ से ज्यादा की कमाई के साथ कृति की क्रू के भारत में नेट लाइफटाइम कलेक्शन 71.39 करोड़ को मात दे दी है. इसी के साथ ये कृति सेनन के करियर की 7वीं सबसे बड़ी फिल्म बन गई है.

तेरे इश्क में’ 100 करोड़ी बनने से कितनी दूर? 
‘तेरे इश्क में’ ने रिलीज के 6 दिनों में 75 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है. इसी के साथ ये फिल्म 100 करोड़ी बनने से महज 25 करोड़ दूर है. ये फिल्म जिस रफ्तार से दौड़ रही है उसे देखते हुए लग रहा है कि दूसरे वीकेंड पर फिल्म आसानी से ये आंकड़ा पार कर जाएगी. हालांकि इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में रणवीर सिंह स्टारर धुरंधर भी दस्तक दे रही है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि इस फिल्म के आगे ‘तेरे इश्क में’ कैसा परफॉर्म कर पाती है. 

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अगले साल आएगी सैमसंग की फ्लैगशिप Galaxy S26 सीरीज, लॉन्च से पहले ही लीक हो गए ये फीचर्स

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सैमसंग की फ्लैगशिप Galaxy S26 सीरीज के लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अगले साल की शुरुआत में कंपनी इसे लॉन्च कर सकती है. इस सीरीज में Galaxy S26 के साथ Galaxy S26 Plus और Galaxy S26 Ultra मॉडल लॉन्च किए जाएंगे. इनके ऑफिशियल लॉन्च से पहले ही कुछ फीचर्स लीक हो गए हैं. साथ ही सैमसंग ने Exynos 2600 चिपसेट की झलक दिखाई है. माना जा रहा है कि अपकमिंग मॉडल्स में यही प्रोसेसर दिया जा सकता है.  

ये फीचर हुए लीक

माना जा रहा है कि Galaxy S26 और इसके प्लस वेरिएंट में मौजूदा Galaxy S25 और Galaxy S25+ की तुलना में ज्यादा अंतर नहीं देखने को मिलेगा. अपकमिंग मॉडल्स में भी मौजूदा मॉडल वाला ही रियर कैमरा सेटअप, रैम, रिफ्रेश रेट सपोर्ट और पीक ब्राइटनेस दी जा सकती है. यानी इन मामलों में यूजर्स को बड़ी अपग्रेड नहीं मिलेगी. हालांकि, S26 में 6.3 इंच का डिस्प्ले दिया जा सकता है, जबकि S25 में 6.2 इंच का डिस्प्ले मिलता है. इसके अलावा नए मॉडल में नया Exynos 2600 चिपसेट और बेस वेरिएंट में ज्यादा स्टोरेज मिलने के कयास हैं. गैलेक्सी S26 में 128GB स्टोरेज को ड्रॉप किया जा सकता है और इसके बेस वेरिएंट में 256GB स्टोरेज दी जाएगी.

Galaxy S26 Ultra के भी फीचर हो चुके हैं लीक

Galaxy S26 Ultra के लीक हुए फीचर्स के मुताबिक, इसमें 6.9 इंच के M14 QHD+ CoE Dynamic AMOLED डिस्प्ले दिया जा सकता है. यह डिस्प्ले खास प्राइवेसी फीचर के साथ आएगा, जिसमें साइड में बैठे लोग स्क्रीन पर चल रहे वीडियो या दूसरे कंटेट को नहीं देख पाएंगे. यह मॉडल कई शानदार ऑन-डिवाइस एआई फंक्शन और बेहतर कूलिंग सिस्टम के साथ आएगा. इसमें 5,200mAh की बैटरी मिलने की उम्मीद है. अनुमान है कि इस मॉडल की शुरुआती कीमत 1.15 लाख रुपये हो सकती है.

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पुतिन के भारत दौरे से पहले दिल्ली में सिक्योरिटी टाइट, हाई-टेक कवच तैयार, जानें राजधानी में कैसे चप्पे-चप्पे की नजर रखी जाएगी

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Explained: व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कितना ऐतिहासिक, अमेरिका-यूरोप को जलन क्यों?

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आज यानी 4 दिसंबर की शाम 7 बजे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत पहुचेंगे. वह नई दिल्ली में 23वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. पुतिन दिल्ली में सीक्रेट जगह रुकेंगे, जिसका ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है. 4-5 दिसंबर को दिल्ली मल्टी लेयर सिक्योरिटी के घेरे में रहेगी. पुतिन और PM मोदी की मुलाकात ऐतिहासिक होने वाली है, क्योंकि पूरी दुनिया की नजरें इसपर टिकीं हैं. सबसे ताजा उदाहरण जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन आर्टिकल है. ABP एक्सप्लेनर में समझेंगे कि पुतिन की भारत यात्रा ऐतिहासिक क्यों और अमेरिका-यूरोप को इससे क्या दिक्कतें समेत 10 जरूरी सवालों के जवाब…

सवाल 1- पुतिन की भारत यात्रा का एजेंडा क्या है?
जवाब- रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद व्लादिमीर पुतिन पहली बार भारत आ रहे हैं. यह दौरा दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार की रणनीति को मजबूत करने का एक बड़ा मौका है, जहां, राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान-तकनीक, संस्कृति औऱ मानवीय क्षेत्रों की समीक्षा होगी. क्रेमलिन ने इसे द्विपक्षीय संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम की समीक्षा का महत्वपूर्ण मंच बताया है, जो दोनों देशों के नेताओं को भविष्य की दिशा तय करने का मौका देगा.

पुतिन शाम 7 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे. उनकी यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के निवास पर प्राइवेट डिनर के साथ होगी. यह अनौपचारिक बैठक दोनों नेताओं को महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर बात करने का मौका देगी, जहां वह व्यक्तिगत स्तर पर रिश्तों को मजबूत करेंगे. अगले दिन यानी 5 दिसंबर को सुबह पुतिन राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के लिए राज्य भोज का आयोजन करेंगी. भारत-रूस व्यापार फोरम का उद्धाटन सत्र होगा, जहां दोनों नेता उद्योगपतियों को संबोधित करेंगे. पुतिन के साथ रूस के पुतिन के साथ सात मंत्री आ रहे हैं, जिनमें रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव, वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव, कृषि मंत्री ओक्साना लुट, आर्थिक विकास मंत्री माक्सिम रेशेतनिकोव और स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को शामिल होंगे. साथ ही, सेबरबैंक, रोसोबोरोन एक्सपोर्ट, रोसनेफ्ट और गैजप्रोमनेफ्ट जैसी प्रमुख कंपनियों के सीईओ भी डेलिगेशन का हिस्सा हैं, जो व्यापारिक समझौतों को गति देगी.

सवाल 2- पुतिन के भारत आने पर सिक्योरिटी कैसी होगी?
जवाब- पुतिन जब भारत पहुंचेंगे तो उनके कॉन्वॉय फिक्स होगा. भारत में वह PM मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कब मिलेंगे, कैसे मिलेंगे, दरवाजा कौन खोलेगा, कौन फूल देकर स्वागत करेगा और किसने कौन से कलर के कपड़े पहने होंगे, यह सब पहले से तय होगा. अगर किसी शख्स ने दूसरे रंग के कपड़े पहने, तो सिक्योरिटी अलर्ट हो जाएगी और पुतिन को सुरक्षित किया जाएगा.

पुतिन के साथ FSO की स्पेट्सनाज यूनिट यानी अल्फा ग्रुप और विमपेल जैसी स्पेशल फोर्स यूनिट तैयार रहेंगी. ये यूनिट्स रूसी सैन्य खुफिया एजेंसी GRU के साथ लगातार संपर्क में रहती हैं. कोई खतरा होने पर यह यूनिट्स पुतिन को किसी सुरक्षित जगह या उनके विमान IL-96 जेटलाइनर विमान तक एस्कॉर्ट करके ले जाती हैं.

IL-96 जेटलाइनर विमान एक उड़ता हुआ कमांड सेंटर है, जिसमें रडार से लेकर सभी जरूरी सिक्योरिटी फीचर्स मौजूद होते हैं. पुतिन के क्रेमलिन से बाहर रहने के दौरान रूसी खुफिया एजेंसी, साइबर टीम एक्टिव रहती हैं.

सवाल 3- पुतिन के भारत आने से क्या फायदा होगा?
जवाब- रूस ने पहले ही रूसी संसद (डूमा) से रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स सपोर्ट (RELOS) समझौते को मंजूरी दिला दी है, जो 18 फरवरी 2025 को हस्ताक्षरित हुआ था. यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे के बंदरगाहों, हवाई अड्डों और सैन्य सुविधाओं का इस्तेमाल करने की अनुमति देगा, जिससे अभ्यास, रखरखाव और संकट के समय त्वरित समर्थन संभव हो सकेगा.

  • भारत की सेना का 46% हथियार रूस से आते हैं. पुतिन की यात्रा में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के 5 और स्क्वाड्रन (लगभग 5,000 करोड़ रुपए की डील) खरीदने पर चर्चा होगी. यह सिस्टम मई 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान के खिलाफ बहुत काम आया था.
  • पांचवीं पीढ़ी के सुखोई-57 फाइटर जेट के 2-3 स्क्वाड्रन पर फैसला हो सकता है. यह अमेरिकी F-35 का सस्ता विकल्प बनेगा.
  • पुराने T-72 टैंकों के लिए 1,000 हॉर्सपावर इंजन की डील टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ हो सकती है, जो मार्च 2025 में साइन हुई थी. इसके जरिए भारत में ही प्रोडक्शन बढ़ेगा. इससे नौकरियां और ‘मेक इन इंडिया’ को बूस्ट मिलेगा.
  • रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है. 2025 की पहली छमाही में भारत ने रोज 1.6 मिलियन बैरल रूसी क्रूड तेल खरीदा, जो 2020 में सिर्फ 50,000 था. इससे तेल की कीमतें कम रहीं और भारत को सालाना अरबों डॉलर की बचत हुई थी.
  • पुतिन की यात्रा में आर्कटिक शेल्फ और फार ईस्ट में जॉइंट प्रोजेक्ट्स जैसी नई एनर्जी डील्स होंगी. छोटे मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर (SMRs) महाराष्ट्र में बनाने का MoU आगे बढ़ेगा.
  • ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर 50% टैरिफ लगाया था, जिसका जवाब देने के लिए ‘स्पेशल मैकेनिज्म‘ बनेगा, ताकि तेल सप्लाई बिना रुकावट चले.
  • भारत की 40% तेल जरूरत रूस से पूरी होती रहेगी, जो महंगाई कंट्रोल करेगी. यह 2030 तक 100 बिलियन डॉलर ट्रेड टारगेट में एनर्जी बड़ा रोल निभाएगा.
  • 2024-25 में भारत-रूस ट्रेड 68.7 बिलियन डॉलर रहा, जो 2022 से 6 गुना ज्यादा है. लेकिन भारत का डेफिसिट 59 बिलियन डॉलर है. पुतिन की यात्रा में इसे बैलेंस करने के लिए भारतीय निर्यात पर फोकस करके रूस में मार्केट एक्सेस बढ़ेगा.
  • यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) तेज होगा. अगस्त 2025 का 18-महीने प्लान MSMEs और किसानों के लिए रूस-बेलारूस मार्केट खोलेगा.
  • नेशनल करेंसी (रुपया-रुबल) में ट्रेड बढ़ेगा, डॉलर पर निर्भरता कम होगी. रूस से IT, एग्रीकल्चर और हेल्थकेयर में निवेश के लिए फोरम होगा.
  • इसके अलावा पुतिन की यात्रा से भारत की ‘स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी‘ मजबूत होगी. अमेरिकी टैरिफ के बावजूद रूस से डील्स जारी रख सकेंगे. यह अमेरिका को मैसेज देगा कि भारत अपना फैसला खुद लेगा. SCO और BRICS जैसे मंचों पर सहयोग बढ़ेगा. यूक्रेन, मिडिल ईस्ट जैसे मुद्दों पर बात होगी, जहां भारत शांति का मैसेज देगा. साइंस, टेक्नोलॉजी और कल्चर में MoUs साइन होंगे.

सवाल 4- अभी भारत और रूस के रिश्ते कैसे हैं?
जवाब- भारत-रूस के रिश्ते मजबूत, बहुआयामी और रणनीतिक साझेदारी के हैं, जो दशकों पुरानी ऐतिहासिक नींव पर टिके हुए हैं और वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों के बावजूद स्थिर है. यह साझेदारी 2000 में रणनीतिक साझेदारी के रूप में शुरू हुई थी, जिसे 2010 में विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया. आज यह दोनों देशों के बीच राजनीतिक, रक्षा, आर्थिक, ऊर्जा, विज्ञान-तकनीक, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के सभी क्षेत्रों में गहरी पैठ रखती है.

2025 में, जब रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक दबाव बढ़ा है, भारत ने अपनी मल्टी-अलाइनमेंट नीति के तहत रूस के साथ संबंधों को बनाए रखा है, जो अमेरिका और यूरोप के साथ बढ़ती नजदीकियों के बावजूद अपनी मजबूत है. पुतिन की भारत यात्रा इस साझेदारी को नई रफ्तार देगी, जहां 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापक चर्चा होगी. यह यात्रा कोविड के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा है और इसमें रक्षा, व्यापार तथा ऊर्जा जैसे मुद्दों पर नए समझौते साइन होने की संभावना है. राजनीतिक स्तर पर, दोनों देशों के नेता नियमित संपर्क में रहते हैं, जो संबंधों की गहराई को दर्शाता है.

  • 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच कई फोन कॉल्स हुईं, जिसमें 5 मई को पहलगाम आतंकी हमले के बाद चर्चा शामिल थी.
  • 1 सितंबर 2025 को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया
  • भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अगस्त 2025 में मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की, जहां यूक्रेन संकट के शांतिपूर्ण समाधान और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग पर बात हुई.

भारत ने हमेशा संवाद और कूटनीति का पक्ष लिया है, और रूस ने भारत की तटस्थता की सराहना की है. अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे BRICS, SCO और G20 पर दोनों देश एक-दूसरे का समर्थन करते हैं, जहां भारत-रूस संबंध वैश्विक स्थिरता के लिए एक स्थिरक कारक के रूप में देखे जाते हैं. हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव ने कहा कि यह साझेदारी राजनीति, सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, वित्त, परिवहन, विज्ञान-तकनीक और संस्कृति के क्षेत्रों में सक्रिय रूप से बढ़ा रही है.

सवाल 5- पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात पर दुनियाभर की नजरें क्यों टिकी हैं?
जवाब- एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की यह पहली भारत यात्रा है और यह ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका और यूरोप भारत पर रूस के साथ सैन्य और आर्थिक साझेदारी कम करने का दबाव डाल रहे हैं. लेकिन भारत अपनी दोस्ती को बनाए रखते हुए मल्टी-अलाइनमेंट नीति अपनाए हुए है. यह मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के तहत यूक्रेन शांति योजना के प्रस्तावों के बीचरही है, जहां ट्रंप ने भारत से रूसी तेल खरीद रोकने की अपील की है और 50% टैरिफ की धमकी दी है. इससे सवाल उठता है कि क्या यह शिखर सम्मेलन भारत को पश्चिम से दूर धकेलेगा या अपनी स्थिति को मजबूत करने का लीवर बनेगा.

क्रेमलिन के सहायक यूरी उशाकोव ने कहा कि इस मुलाकात से 10 अंतर-सरकारी समझौते और 15 से अधिक व्यावसायिक सौदे साइन होने की उम्मीद है. जो न सिर्फ भारत-रूस संबंधों को नई दिशा देंगे, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार, रक्षा निर्यात और बहुपक्षीय मंचों जैसे BRICS और SCO पर भी असर डालेंगे.

अमेरिकी CAATSA प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूस के साथ सैन्य साझेदारी जारी रखी है और यह सौदा भारत की वायुसेना को मजबूत करेगा. पश्चिमी देश इसे एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं. हाल ही में RELOS समझौता भी हुआ है, जो आर्कटिक और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह रक्षा सौदे न सिर्फ भारत की सुरक्षा को मजबूत करेंगे, बल्कि रूस के लिए वैकल्पिक बाजार बनेंगे.

भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 68.72 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो महामारी के पहले 10 अरब डॉलर से सात गुना ज्यादा है. लेकिन यह मुख्य रूप से रूसी कच्चे तेल आयात पर निर्भर है, जो भारत के कुल आयात का 30-35% है. दोनों देश 2030 तक 100 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रुपया-रूबल पेमेंट मोड को मजबूत करेंगे. अमेरिका ने हाल ही में रूसी तेल खरीद पर जांच तेज की है और कुछ भारतीय रिफाइनरियां अस्थायी रूप से आयात कम कर रही हैं.

सवाल 6- इस मुलाकात से ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को मिर्ची क्यों लग रही है?
जवाब-
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पुतिन-मोदी की इस मीटिंग से ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को मिर्ची लग रही है, क्योंकि ये लोग रूस के खिलाफ पूरी ताकत लगा रहे हैं और भारत का रूस से गले मिलना उनके पूरे प्लान को हिला दे रहा है. 1 दिसंबर को टाइम्स ऑफ इंडिया में इन तीनों देशों के राजदूतों ने मिलकर एक आर्टिकल लिखा, जिसमें उन्होंने पुतिन को खरी-खोटी सुनाई. आर्टिकल में लिखा कि रूस ने यूक्रेन पर हमला करके मानवता का गला काटा है, जंग को लंबा खींच रहा है और पुतिन ही वो इंसान है जो चाहे तो कल ही युद्ध रोक सकते हैं, लेकिन नहीं रोक रहे. उन्होंने ये भी कहा कि रूस यूरोप के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ कर रहा है.

ये आर्टिकल पुतिन की यात्रा से ठीक पहले आया, जैसे कोई सीधा तीर मारने का इरादा हो. भारत को चेतावनी दी कि रूस से मत मिलो, वरना गलत सिग्नल जाएगा. भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इसे ‘अनुचित’ और ‘असम्मानजनक’ बताते हुए कहा कि राजदूतों का काम तीसरे देश के बारे में ऐसी पब्लिक बयानबाजी करना नहीं है. ये तो डिप्लोमैटिक नियमों का उल्लंघन है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, तीनों देशों को मिर्ची लगने की 3 बड़ी वजहें हैं…

  • भारत का रूस से सस्ता तेल खरीदना: भारत हर महीने करोड़ों बैरल, जो हमारे पेट्रोल-डीजल के दाम कंट्रोल में रख रहा है. यूरोप वाले कहते हैं कि ये तेल रूस को पैसा दे रहा है, जिससे वो यूक्रेन में बम बरसाता रहेगा. लेकिन भारत कहता है, ‘हमारी 140 करोड़ जनता की जरूरत है, हम क्यों बंद करें?’ ये मीटिंग में तेल का सौदा और मजबूत हो सकता है, जो इनके ‘रूस को अलग-थलग करो’ वाले प्लान को फेल कर देगा.
  • दोनों देशों में रक्षा सौदा: इस मीटिंग में S-400 मिसाइल सिस्टम की बाकी डिलीवरी, Su-57 फाइटर जेट्स की डील और नई मिसाइलों पर बात होगी. रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर है. यूरोप वाले (जो खुद हथियार बेचना चाहते हैं) सोच रहे हैं कि अगर भारत रूस से खरीदता रहा, तो उनका बाजार खराब हो जाएगा. यह डील रूस को ताकत देगी, जो यूक्रेन में और आगे बढ़ सकता है. वह चाहते हैं कि भारत उनके साथ हो जाए, रूस को सजा दे, लेकिन भारत अपनी आजादी चुन रहा है.
  • ग्लोबल पावर गेम: यह मीटिंग वैश्विक पावर गेम बदल सकती है. ट्रंप ने भी भारत से कहा है कि रूस से दूरी बनाओ, वरना टैरिफ बढ़ाएंगे. लेकिन भारत ना अमेरिका का, ना यूरोप का, बल्कि अपना रास्ता चलेगा. BRICS, SCO जैसे ग्रुप्स में भारत-रूस साथ हैं, जो यूरोप को लगता है कि रूस को वैकल्पिक दोस्त मिल जाएंगे. अगर मोदी पुतिन को यूक्रेन पर थोड़ा झुकने के लिए कह भी दें, तो वो भी इनके फेवर में होगा, लेकिन अभी तो लग रहा है कि मीटिंग रूस को बूस्ट देगी.

सवाल 7- रूस क्यों चाहता है कि भारत उसके और करीब आए?
जवाब- एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन 5 वजहों से रूस को भारत की जरूरत पड़ रही है…

  • पैसे की जरूरत: यूक्रेन वॉर के बाद अमेरिका-यूरोप ने रूस के बैंक, तेल कंपनियां, जहाज सब पर सैंक्शन लगा दिए. पश्चिम ने रूस को दुनिया के पैसा ट्रांसफर सिस्टम स्विफ्ट से बाहर कर दिया. अब भारत ही इकलौता बड़ा देश है जो रूस से ढेर सारा तेल रुपए-रूबल में खरीद रहा है. यह पैसा रूस की अर्थव्यवस्था को अभी भी जिंदा रखे हुए है.
  • हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार: पहले रूस के हथियार चीन, भारत, अल्जीरिया, वियतनाम सब खरीदते थे. अब चीन अपना खुद का हथियारों का बाजार बनाने लगा, बाकी देश अमेरिका के डर के मारे रूस से कुछ नहीं ले रहे. सिर्फ भारत ही बड़े-बड़े ऑर्डर दे रहा है. S-400, Su-57, ब्रह्मोस-2, AK-203 राइफल फैक्ट्री, छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर, सब कुछ. यह ऑर्डर रूस की डिफेंस इंडस्ट्री को चलाते हैं और लाखों लोगों की नौकरी बचाते हैं.
  • रूस का अकेलापन: यूरोप ने मुंह फेर लिया, अमेरिका दुश्मन है और ज्यादातर देश डर के मारे चुप हैं. सिर्फ भारत ही है जो दुनिया के सामने खुलकर पुतिन से गले मिलता है, फोटो खिंचवाता है और कहता है ये हमारा पुराना और सच्चा दोस्त है‘. रूस की छवि मजबूत करता है कि वो पूरी तरह अकेला नहीं है.
  • चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहता: रूस को डर है कि अगर वो सिर्फ चीन के साथ रहा तो चीन उस पर हावी हो जाएगा. भारत को पास रखकर रूस बैलेंस बनाता है. चीन को भी मैसेज जाता है कि हमारे पास दूसरा बड़ा दोस्त भी है‘.
  • BRICS और SCO में ताकत: इन ग्रुप्स में अगर भारत रूस का साथ छोड़ दे तो ये ग्रुप कमजोर पड़ जाएंगे. भारत के साथ रहने से रूस दिखा पाता है कि देखो, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी हमारे साथ है, हम गलत नहीं हैं‘.

रूस को पता है कि अगले 20-30 साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा. अभी से अच्छे रिश्ते बनाकर रखो तो बाद में तेल, गैस, हथियार, न्यूक्लियर प्लांट, डायमंड और स्पेस टेक्नोलॉजी सब में बड़ा बिजनेस मिलेगा.

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Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयं

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Annapurna Jayanti Wishes in Hindi:अन्नपूर्णा जयंती का पर्व हर साल अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल अन्नपूर्णा जयंती गुरुवार, 4 दिसंबर 2025 को प ड़ रही है. इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा-अराधना करने से घर पर धन-धान्य की कमी नहीं होती.

अन्नपूर्णा जयंती के पावन दिन सपरिवार एक साथ श्रद्धा व आस्था के साथ देवी अन्नपूर्णा की अराधना करें. साथ ही अपने प्रियजनों को भी इस पावन दिन की बधाई जरूर दें. अन्नपूर्णा जयंती की बधाई देने के लिए यहां देखिए बेहतरीन धार्मिक संदेश.

अन्नपूर्णा जयंती शुभकामनाएं (Maa Annapurna Wishes Messages Quotes in Hindi)

मां अन्नपूर्णा जयंती पर मैया के चरणों मे कोटी कोटी प्रणाम,
प्रार्थना है की हर घर में धन धान्य, वैभव, रिद्धि- सिद्धि बढ़ें
अन्नपूर्णा जयंती की शुभकामना 2025

Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

मां अन्नपूर्णा की कृपा ऐसे ही हम सभी पर अनवरत बरसती रहे
मां अन्नपूर्णा जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

Happy Annapurna Jayanti 2025

Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

अन्नपूर्णे सदा पूर्णे शंकरप्राणवल्लभे
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्य भिक्षां देहि च पार्वति
अन्नपूर्णा जयंती 2025 शुभकामना

Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

मां अन्नपूर्णा जयंती पर मैया के चरणों मे कोटी कोटी प्रणाम,
यही प्रार्थना है की हर घर में धन धान्य, वैभव, रिद्धि- सिद्धि बढ़े.
कोई भूखा ना रहे, सबका मंगल और कल्याण हो.Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

मां अन्नपूर्णा करें कृपा निराली,
भर दें जीवन में खुशियों की थाली.
सद्भाव, समृद्धि और सुख बरसे हर दिन,
अन्नपूर्णा जयंती हो मंगलमयी.

Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

भक्ति की ज्योति मन में जलती रहे,
अन्न की कृपा जीवन में फलती रहे.
मां अन्नपूर्णा भर दें हर झोली,

अन्नपूर्णा जयंती की शुभकामनाएं 2025


Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

अन्न की देवी का पावन है दिन,
घर-आंगन महके पुण्य के संग.
हर घर में रहे अन्न-धन की भरमार,

अन्नपूर्णा जयंती की शुभकामनाएं 2025

Annapurna Jayanti Wishes in Hindi: मां अन्नपूर्णा की कृपा से भरा रहे अन्न भंडार, अन्नपूर्णा जयंती पर भेजें ये शुभकामनाएं

मां अन्नपूर्णा की जयंती पर
हर घर में रहे अन्न की बरकत,
हर मन में रहे संतोष का दीप.
मां की कृपा से जीवन में कभी कमी न आए

आप सभी को अन्नपूर्णा जयंती की शुभकामना

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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