डोनाल्ड ट्रंप ने इस देश को दिया तगड़ा झटका, G-20 समिट में नहीं देंगे न्योता; सब्सिडी पर भी लगाई

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साउथ अफ्रीका की मेजबानी में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल नहीं हुआ था. ट्रंप प्रशासन की ओर से कहा गया था कि साउथ अफ्रीका की सरकार ने ईसाईयों की हत्याओं पर चुप्पी साध रखी है और दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला किया है. ट्रंप ने कहा कि वह अगले साल फ्लोरिडा में होने वाले जी-20 समिट में साउथ अफ्रीका को न्योता नहीं देंगे और साथ ही उसे मिलने वाली सभी सब्सिडी को भी बंद कर रहे हैं. 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने पोस्ट शेयर कर दी जानकारी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संबंध में शुक्रवार (28 नवंबर, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. पोस्ट में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका में हुई जी20 शिखर सम्मेलन में इसलिए हिस्सा नहीं लिया क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी सरकार अफ्रीकानर्स और डच, फ्रेंच और जर्मन मूल के अन्य लोगों के साथ हो रहे भीषण मानवाधिकार उल्लंघनों को न तो स्वीकार कर रही है और न ही उनसे निपट रही है. स्पष्ट शब्दों में कहें तो वहां श्वेत लोगों की हत्याएं की जा रही है और उनकी जमीनें और खेतों को भी उनसे छीना जा रहा है.”

उन्होंने कहा, “सबसे बुरा यह है कि जल्दी ही बंद होने वाला न्यूयॉर्क टाइम्स और तथाकथित फेक न्यूज मीडिया इस कथित नरसंहार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल पा रहा. यही वजह है कि कट्टर वामपंथी मीडिया के झूठे और ढोंगी लोग बंद होते जा रहे हैं.”

दक्षिण अफ्रीका को ट्रंप नहीं देंगे G20 का आमंत्रण

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के दिन दक्षिण अफ्रीका ने समारोह में मौजूद हमारे अमेरिकी दूतावास के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि को G20 की अध्यक्षता सौंपने से इनकार कर दिया. इसलिए मेरे निर्देश पर अब दक्षिण अफ्रीका को 2026 के होने वाले G20 में आमंत्रण नहीं दिया जाएगा, जिसका आयोजन अगले साल अमेरिका के फ्लोरिडा के मियामी शहर में की जाएगी.”

उन्होंने कहा, “दक्षिण अफ्रीका ने दुनिया को दिखा दिया है कि वे कहीं भी सदस्यता के योग्य देश नहीं हैं और हम उन्हें दिए जा रहे सभी भुगतानों और सब्सिडी को तत्काल प्रभाव से रोक रहे हैं.”

साउथ अफ्रीका में हुए जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ था अमेरिका

उल्लेखनीय है कि इस साल जी20 शिखर सम्मेलन 2025 की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका ने जोहान्सबर्ग में की, जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर समेत कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, साउथ कोरिया, नीदरलैंड, जमैका के अलावा कई अन्य देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया. हालांकि, इस साल जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का अमेरिका ने बहिष्कार किया था और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसमें भाग नहीं लिया.

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विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट! गोल्ड रिजर्व की वैल्यू कम होने से दबाव बढ़ा

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India Forex Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 4.47 अरब डॉलर घटकर 688.10 अरब डॉलर रहा. मुख्य रूप से स्वर्ण भंडार के मूल्य में भारी गिरावट के कारण मुद्रा भंडार में कमी आई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. 

विदेशी मुद्रा भंडार में आई कमी

इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.54 अरब डॉलर बढ़कर 692.58 अरब डॉलर हो गया था. शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 21 नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.69 अरब डॉलर घटकर 560.6 अरब डॉलर रह गई. डॉलर के संदर्भ में व्यक्त विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड व येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्यवृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है. 

आरबीआई ने बताया कि सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.67 अरब डॉलर घटकर 104.18 अरब डॉलर रह गया. विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 8.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.57 अरब डॉलर रहा. आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारत का आरक्षित भंडार 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.76 अरब डॉलर रहा.

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू घटी

आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह गोल्ड रिजर्व में दबाव देखने को मिला है. 21 नवंबर को गोल्ड रिजर्व 104.18 अरब डॉलर के आकंड़े पर पहुंच गया था, जो 14 नवंबर के गोल्ड रिजर्व 106.85 अरब डॉलर की तुलना में गिरावट को दिखाता है. जिसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में आई कमी को बताया जा रहा है. 

हालांकि, वार्षिक आधार पर बात करें तो, सोने की वैल्यू अभी भी हाई बनी हुई है और देश के कुल रिजर्व को मजबूती प्रदान कर रही है.  साथ ही फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) पिछले सप्ताह की तुलना में दबाव में दिखे. 21 नवंबर, 2025 को यह घटकर 560.60 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया है.   

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कब तक हो पाएगी शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर की वापसी? गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल ने दिया अपडेट

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भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका वनडे सीरीज 30 नवंबर से शुरू होने वाली है. पहला मैच रांची में खेला जाएगा, लेकिन टीम इंडिया को कप्तान शुभमन गिल और उपकप्तान श्रेयस अय्यर की कमी खल रही होगी. ये दोनों ही चोटिल होने के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ODI सीरीज के लिए स्क्वाड में नहीं चुने गए थे. अब भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल ने दोनों की चोट पर अपडेट दिया है.

श्रेयस और गिल पर अपडेट

पहले वनडे मैच से पूर्व मोर्ने मोर्केल ने कहा, “मेरी 2 दिन पहले शुभमन गिल से बात हुई थी, वो जल्दी रिकवर कर रहे हैं, यह सुनने के लिए अच्छी खबर है.”

मोर्केल ने श्रेयस अय्यर की चोट पर अपडेट देकर करहा, “श्रेयस अय्यर ने रिहैब शुरू कर दिया है. हमें इंतजार है कि दोनों जल्द स्क्वाड में वापसी करेंगे. अच्छी बात है कि दोनों स्वस्थ हैं और टीम में वापसी की तैयारी में जुटे हैं.”

एक तरफ शुभमन गिल के दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में खेलने की उम्मीद बनी हुई है, जो 9 दिसंबर से शुरू होनी है. दूसरी ओर श्रेयस अय्यर ने चाहे रिहैब शुरू कर दिया हो, लेकिन उनकी वापसी अभी दूर नजर आ रही है.

गिल और अय्यर को कैसे चोट आई

शुभमन गिल को भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका पहले टेस्ट मैच में गर्दन में चोट आई थी. कोलकाता में खेले गए उस टेस्ट मैच की पहली पारी में साइमन हार्मर के खिलाफ स्वीप शॉट खेलते समय गिल को गर्दन में खिंचाव आ गया था. इसी कारण वो दूसरे टेस्ट और अब वनडे सीरीज में भी नहीं खेल पाएंगे.

दूसरी ओर अय्यर की चोट अधिक गंभीर रही, जिन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच में कैच पकड़ते समय पेट के ऊपरी हिस्से पर चोट आई थी. दरअसल कैच पकड़ते समय वो पेट के बल जमीन पर गिर गए थे. इस कारण उन्हें आंतरिक रक्तस्त्राव होने लगा था, इसके लिए उन्हें सिडनी में सर्जरी भी करवानी पड़ी.

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‘IFFI ने रीजनल सिनेमा को दी मजबूती’, जानें नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अमित साध ने क्या-क्या कहा

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गोवा में आयोजित 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में विभिन्न भाषाओं और शैलियों को प्रस्तुत किया जा रहा है, जिनमें रीजनल सिनेमा को भी प्रमुख स्थान दिया गया है. इस अवसर पर अमित साध और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे कलाकार भी उपस्थित रहे. इस दौरान आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने अपने विचार साझा किए.

आईएएनएस से बातचीत में अमित साध ने फेस्टिवल के महत्व और इसके उद्देश्य पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि आईएफएफआई का उद्देश्य पूरी दुनिया को जोड़ना है. उन्होंने बताया कि पिछले साल भी वह इस फेस्टिवल में शामिल हुए थे, जब उनकी फिल्म ‘पुणे हाइवे’ का प्रीमियर हुआ था.

रचनाओं को बेझिझक पेश करने का मौका देता है फेस्टिवल

साध ने कहा कि फेस्टिवल के माध्यम से कलाकार अपनी रचनाओं को स्वतंत्र और बेझिझक तरीके से पेश कर सकते हैं. यही वजह है कि यह फेस्टिवल आने वाले कई सालों तक चलेगा और भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता रहेगा.

उन्होंने रीजनल सिनेमा की विशेष सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों की फिल्में और कहानियां अब बड़े पर्दे पर आने लगी हैं. फेस्टिवल ने ऐसे कलाकारों और निर्माताओं को सही मंच दिया है, जिससे उनकी कहानियों को एक व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचने का मौका मिल रहा है.

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी रखे अपने विचार

वहीं, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी फेस्टिवल की सराहना की और इसके योगदान पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि इस फेस्टिवल के जरिए फिल्मों को रिलीज में मदद मिलती है और इससे दर्शकों तक पहुंचने की प्रक्रिया और आसान हो जाती है.

उन्होंने रिजनल फिल्मों के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि ऐसे फिल्म निर्माता और कलाकार जो छोटे बजट या अलग भाषाई फिल्मों में काम कर रहे हैं, उन्हें आईएफएफआई जैसी प्लेटफॉर्म से भरपूर सहयोग मिलता है.


अमित साध और नवाज दोनों है प्रभावशाली एक्टर्स

गौरतलब है कि अमित साध और नवाजुद्दीन सिद्दीकी, दोनों ही कलाकार भारतीय सिनेमा के सक्रिय और प्रभावशाली अभिनेता हैं. अमित साध ने अपने करियर की शुरुआत छोटे नाटकों और टीवी सीरियल्स से की थी, जिसमें उन्होंने ‘क्यों होता है प्यार’, ‘दुर्गेश नंदिनी’ और ‘नच बलिए’ जैसे शो में काम किया.

फिल्मी दुनिया में उनकी पहचान ‘काई पो चे!’, ‘सुल्तान’ और ‘गोल्ड’ जैसी फिल्मों से बनी. उन्होंने वेब सीरीज जैसे ‘ब्रीद’ में इंस्पेक्टर कबीर सावंत की भूमिका निभाकर दर्शकों से वाहवाही लूटी. इसके अलावा, वह ‘अवरोध: द सीज विदिन’ और ‘जीत की जिद’ जैसे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा रहे.

वहीं, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने भी अपने अभिनय करियर में एक अलग पहचान बनाई. उन्होंने ‘सरफरोश’, ‘शूल’ और ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ जैसी फिल्मों से शुरुआत की, लेकिन उन्हें व्यापक मान्यता अनुराग कश्यप की ‘ब्लैक फ्राइडे’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से मिली.

इसके बाद उन्होंने ‘द लंचबॉक्स’, ‘बजरंगी भाईजान’, ‘रमन राघव 2.0’ और ‘मंटो’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया. वह लगातार चुनौतीपूर्ण और विविध भूमिकाओं को निभाकर भारतीय सिनेमा में अपनी मजबूत पहचान को बरकरार रख रहे हैं.



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Aaj Ka Libra Rashifal (29 November 2025): तुला राशि अचानक मुलाकात का योग, नई योजनाओं से होगा फा

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Aaj Ka Tula Rashifal 29 November 2025 in Hindi: आज का दिन चुनौतियों से भरा रहेगा. चन्द्रमा 5th हाउस में होने से अचानक से किसी से मुलाकात हो सकती है. घरेलू जिम्मेदारियों को नजरअंदाज न करें, बल्कि धैर्य के साथ स्थिति संभालें.

बिजनेस राशिफल:

व्यवसायियों के लिए दिन थोड़ा धीमा रह सकता है. जो योजनाएं पहले किसी कारणवश लागू नहीं हो पाई थीं, उन्हें आज दोबारा शुरू करने का सही समय है. जल्दबाजी में कोई बड़ा फैसला न लें. यदि कोई काम अटक रहा है, तो उसे कुछ समय टाल देना ज्यादा बेहतर रहेगा. पार्टनरशिप में भी सावधानी जरूरी है.

नौकरी राशिफल:

ऑफिस के माहौल में तनाव बढ़ सकता है. सहकर्मियों के साथ किसी बात पर मनमुटाव या विवाद की स्थिति बन सकती है, इसलिए शांत रहें और अनावश्यक बहस से दूर रहें. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल बनाए रखना जरूरी है, वरना उनकी नाराज़गी का सामना करना पड़ सकता है. आज आप विवादों को सुलझाने में व्यस्त रह सकते हैं.

लव और फैमिली राशिफल:

परिवार में थोड़ी असहमति हो सकती है, लेकिन आपकी समझदारी माहौल को संभाल लेगी. रिश्तों में कर्तव्य निभाना ही आपकी सबसे बड़ी ताकत होगी. प्रेम संबंधों में मधुरता बनी रहेगी, पर भावनात्मक निर्णय जल्दबाज़ी में न लें.

युवा और विद्यार्थी राशिफल:

युवा अपनी रचनात्मक गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन करेंगे और मनपसंद कामों में ऊर्जा महसूस करेंगे. विद्यार्थी पढ़ाई में विषयों की बारीकियों को समझने के लिए संघर्ष करेंगे, लेकिन धीरे-धीरे समझ बढ़ेगी.

हेल्थ राशिफल:

जो लोग नशे का सेवन करते हैं, उन्हें तुरंत सावधान होने की जरूरत है. लीवर से संबंधित समस्या होने की आशंका है. संतुलित आहार लें और बुरी आदतों से दूरी बनाएं.

भाग्यशाली अंक: 5

भाग्यशाली रंग: सिल्वर

उपाय: माता दुर्गा के सामने चंदन का दीपक जलाएं और परिवार की शांति के लिए सफेद वस्त्र दान करें.

FAQs

Q1: क्या आज ऑफिस में विवाद की स्थिति बन सकती है?

हाँ, सहकर्मियों के साथ मतभेद की संभावना है, इसलिए संयम से काम लें.

Q2: क्या व्यवसाय में नए काम की शुरुआत करनी चाहिए?

अटक चुके कामों को दोबारा शुरू कर सकते हैं, लेकिन बड़ी प्लानिंग में जल्दबाजी न करें.

Disclaimer यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं और विश्लेषण पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता. किसी भी उपाय को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें.

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IIT दिल्ली ने तैयार किया मच्छर-रोधी डिटर्जेंट, धुलते ही कपड़ों पर बनती है सुरक्षा की परत

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गर्मी के मौसम में मच्छरों से बचाव हर किसी के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है. अब इस समस्या का हल आईआईटी दिल्ली की रिसर्च टीम ने खोज लिया है. टीम ने ऐसा स्पेशल डिटर्जेंट तैयार किया है, जो कपड़े धोते ही उन्हें मच्छरों से बचाने वाला बना देता है.

इस डिटर्जेंट की खास बात यह है कि यह सिर्फ सामान्य कपड़े धोने का काम ही नहीं करता, बल्कि धुले हुए कपड़ों पर एक ‘रिपेलेंट कोटिंग’ बना देता है. इस कोटिंग की वजह से मच्छर कपड़ों के पास नहीं आते. रिसर्च टीम ने इसके पेटेंट के लिए आवेदन भी किया है.

कैसे काम करता है यह डिटर्जेंट?

आईआईटी दिल्ली की टेक्सटाइल एंड फाइबर इंजीनियरिंग विभाग की टीम के प्रो. जावेद नबीबक्श शेख के नेतृत्व में इस डिटर्जेंट को बनाया गया है. प्रो. जावेद बताते हैं कि यह डिटर्जेंट सामान्य डिटर्जेंट की तरह ही कपड़े धोता है, लेकिन धुलाई के बाद कपड़ों में एक खास लेयर बन जाती है. यह लेयर मच्छरों को पास आने से रोकती है. हमने यह तकनीक इसलिए विकसित की, ताकि लोग स्प्रे या क्रीम का इस्तेमाल न करें और कपड़े धोने के दौरान ही अपने आप सुरक्षित रह सकें.

डिटर्जेंट के रूप और टेस्टिंग

यह डिटर्जेंट पाउडर और लिक्विड, दोनों रूपों में उपलब्ध होगा. इसे सामान्य कपड़े धोने के तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी टेस्टिंग इंडस्ट्री की लैब और हैड-इन-केज टेस्ट में की गई.

टेस्टिंग के दौरान वॉलंटियर्स ने अपने हाथों को कपड़े से ढककर मच्छरों से भरे बॉक्स में डाला. परिणाम बताते हैं कि इस डिटर्जेंट से धोए गए कपड़ों पर मच्छरों की संख्या बहुत कम हो गई. इसका कारण यह है कि कपड़े की लेयर मच्छरों के गंध और स्वाद के संवेदनों को प्रभावित करती है. कपड़े पर मच्छर आसानी से नहीं बैठ पाते, इसलिए वे काट नहीं पाते. इस तकनीक से मच्छरों से होने वाले संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है.

कहां उपयोगी हो सकता है यह डिटर्जेंट

प्रो. जावेद ने कहा कि इस डिटर्जेंट का सबसे बड़ा फायदा स्कूलों, ग्रामीण क्षेत्रों और उन जगहों पर है, जहां मच्छरों की संख्या अधिक होती है. इन जगहों पर बच्चों और लोगों को बीमारियों से बचाना बहुत जरूरी होता है. हमारा मकसद यह था कि लोग आसानी से इस डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें और मच्छरों से बचाव के लिए कोई अतिरिक्त कदम न उठाना पड़े.

रिपेलेंट स्प्रे से बेहतर क्यों?

मौजूदा मच्छर-रोधी स्प्रे या क्रीम अक्सर जल्दी उड़ जाते हैं या बार-बार लगाने की जरूरत पड़ती है. जबकि यह डिटर्जेंट कपड़ों की बुनावट में स्थिर रहता है, जिससे यह लंबे समय तक असरदार रहता है. इसके अलावा, यह त्वचा पर सीधे लगाने की तुलना में अधिक सुरक्षित विकल्प है.

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AirPods Pro पर यहां मिल रही छप्परफाड़ छूट, 15 हजार से भी कम हो गई कीमत, चेक करें डील

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अगर आप AirPods Pro खरीदने का मन बना रहे हैं भारी बचत करने का मौका आ गया है. फ्लिपकार्ट की ब्लैक फ्राइडे सेल में AirPods Pro 2nd जनरेशन मॉडल बंपर छूट के साथ उपलब्ध है. फ्लिपकार्ट इस पर 7,000 रुपये से ज्यादा का फ्लैट डिस्काउंट दे रही है, जिससे यह अपनी अब तक की सबसे कम कीमत पर अवेलेबल हो गया है. इसके अलावा ग्राहक बैंक ऑफर का फायदा उठाकर इसे और भी सस्ता खरीद सकते हैं. आइए इस डील के बारे में डिटेल से जानते हैं.

AirPods 2 खरीदना इसलिए है फायदे का सौदा

AirPods Pro 2nd जनरेशन में अपग्रेडेड H2  चिप है, जो साउंड क्वालिटी को बेहतर बनाने के साथ स्पेटियल ऑडियो और बेहतर बैटरी एफिशिएंसी देती है. इसमें पुराने मॉडल की तुलना में दोगुना इफेक्टिव नॉइस कैंसिलेशन मिलता है. इसके अलावा कन्वर्सेशन अवेयरनेस के चलते बातचीत के दौरान ये ऑटोमैटिकली वॉल्यूम कम कर देते हैं. इसमें पर्सनलाइज्ड वॉल्यूम और स्पेटियल ऑडियो जैसे फीचर आपको एक शानदार एक्सपीरियंस देते हैं.

डील में मिल रही इतनी छूट

फ्लिपकार्ट की ब्लैक फ्राइडे सेल के दौरान ये एयरपॉड्स 7,010 रुपये के फ्लैट डिस्काउंट के बाद 15,990 रुपये में लिस्टेड है. इस पर कई बैंक ऑफर भी चल रहे है. ग्राहक BOB और दूसरे बैंकों के कार्ड्स से खरीद पर 1250 रुपये तक का डिस्काउंट भी पा सकते हैं, जिसके बाद इसकी कीमत 15,000 से भी कम रह जाएगी.

आईफोन 16 पर भी डिस्काउंट दे रही है फ्लिपकार्ट

फ्लिपकार्ट की ब्लैक फ्राइडे सेल के दौरान सिर्फ AirPods Pro 2 ही सस्ते नहीं मिल रहे हैं. ऐप्पल के सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल में शामिल आईफोन 16 पर फ्लिपकार्ट डिस्काउंट दे रही है. फ्लिपकार्ट पर इस फोन को 69,900 रुपये में लिस्ट किया गया है. फ्लिपकार्ट SBI क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर इस फोन पर 4,000 रुपये का कैशबैक पाया जा सकता है. इस पर एक्सचेंज ऑफर भी चल रहा है, जिसके तहत आप पुराने डिवाइस के बदले 64,300 रुपये की बचत कर सकते हैं. 

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‘इमरान का कत्ल हुआ तो कोई भी सीनेटर…’, abp न्यूज़ पर PAK के Ex-PM की बहन ने दी धमकी

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के प्रमुख इमरान खान को लेकर कई तरह की चर्चा की जा रही हैं. जब इमरान खान मौत की खबर सामने आई तो पाकिस्तान में हलचल मच गई. इस बीच इमरान खान की बहन नौरीन नियाजी ने abp न्यूज़ से बात करते हुए बड़ा बयान दिया है.

नौरीन नियाजी ने कहा कि पाकिस्तान की पूरी आवाम के साथ खड़ी है. इमरान खान को हाथ नहीं लगना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो ऐसा करने वालों की नस्लें नहीं बचेंगी. उन्होंने कहा कि जब तक कोई खुद देखकर यह नहीं बताएगा कि इमरान खान सही हैं, हम कैसे यकीन कर लें. उनको आईसोलेशन में डाला गया है, यह बहुत बड़ी तकलीफ है.

‘अगर इन्होंने इमरान का कत्ल करने का सोचा तो…’

नियाजी ने कहा कि मुझे नहीं पता क्या चाहते है ये लोग. इमरान खान अपने मुकदमों में बरी भी हुए हैं. लेकिन ये लोग इमरान खान के साथ क्या करना चाहते हैं, पता नहीं. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि लाल चौधरी कौन है, अगर इमरान खान ठीक है तो मुलाकात क्यों नहीं करने दे रहे. VVIP का हवाला दे रहे हैं. इमरान खान हमेशा आम आदमी की तरह रहते थे. अगर इन्होंने इमरान खान का कत्ल करने का सोचा, तो जो भी सीनेटर बैठे हैं, उन सबका भी कत्ल होगा.

इमरान खान की मौत की खबर के बाद पहुंची अलीमा खानम

पाकिस्तान में जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौत की खबरें फैलीं तो उनकी बहन अलीमा खानम और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहैल आफरीदी गुरुवार (27 नवंबर, 2025) को इमरान खान से मिलने के लिए अडियाला जेल पहुंचे थे, लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें इमरान खान से मिलने नहीं दिया. इसके बाद अलीमा खानम, मुख्यमंत्री सोहैन आफरीदी पाकिस्तन तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं के साथ जेल के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे. हालांकि, शुक्रवार (28 नवंबर, 2025) की सुबह धरना खत्म हो गया. बाद में अडियाला जेल प्रशासन ने बताया कि इमरान खान एकदम ठीक है और उन्होंने उनकी मौत की खबरों को खारिज कर दिया.

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क्या सूरज डूबते ही थम सकता है इंसानों का शरीर? इन दो भाइयों की जिंदगी कर देगी हैरान

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दुनिया में कई तरह की बीमारियां होती हैं. कुछ आम, कुछ दुर्लभ और कुछ ऐसी जिनके बारे में सुनकर विश्वास करना भी मुश्किल हो जाता है. हम सब रात होते ही थककर सो जाते हैं, लेकिन यह हमारी इच्छा और शरीर की सामान्य प्रक्रिया है. ऐसे में अगर कोई कहे कि दुनिया में ऐसे बच्चे मौजूद हैं, जो सिर्फ सूरज की मौजूदगी में ही सामान्य रूप से काम कर पाते हैं तो सुनने में यह किसी कहानी जैसी बात लगेगी. हालांकि, यह कहानी नहीं, बल्कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रहने वाले दो असली भाइयों की सच्चाई है, जिन्हें डॉक्टर भी अब तक नहीं समझ पाए हैं. ये दोनों भाई एक ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं, जिसकी कोई दूसरी मिसाल पृथ्वी पर कहीं नहीं मिली. यही वजह है कि डॉक्टर और वैज्ञानिक उन्हें सोलर किड्स कहते हैं. 

आखिर यह क्या बीमारी है?

बलूचिस्तान के एक छोटे से गांव में रहने वाले दो भाई दिन के समय बिल्कुल सामान्य बच्चों की तरह खेलते, पढ़ते, दौड़ते और मस्ती करते हैं, लेकिन जैसे ही शाम होने लगती है और सूरज की रोशनी कम होती जाती है, कुछ बेहद अजीब होता है उनकी एनर्जी अचानक खत्म होने लगती है, हाथ-पैर ढीले पड़ जाते हैं, चलना-फिरना लगभग बंद. बोलना भी मुश्किल और रात होते-होते वे पूरी तरह इनएक्टिव हो जाते हैं. जैसे किसी ने शरीर का स्विच ऑफ कर दिया हो. उनके माता-पिता बताते हैं कि रात में वे बिल्कुल हिल तक नहीं पाते. अगर वे बाहर हों, तो परिवार वालों को उन्हें उठाकर घर लाना पड़ता है. 

क्यों कहते हैं इन्हें सोलर बॉयज?

ये दोनों सिर्फ दिन में, सूरज के रहते, सामान्य और एक्टिव होते हैं. जैसे ही सूरज की रोशनी खत्म होती है, इनकी ताकत खींच ली जाती है. शरीर ऐसा व्यवहार करता है जैसे उसे सौर एनर्जी मिलती हो. हालांकि डॉक्टरों ने साफ कहा है कि ये रोशनी की वजह से नहीं, बल्कि किसी अंदरूनी बीमारी का असर है फिर भी, इनके शरीर की यह दिन-रात वाली प्रतिक्रिया इतनी अनोखी है कि लोग इन्हें सोलर किड्स कहने लगे. 

क्या दुनिया भर में सिर्फ एक परिवार इस बीमारी से पीड़ित?

डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसा केस विश्व में कहीं और नहीं मिला है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी  किसी जेनेटिक बदलाव से जुड़ी, नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी शरीर की एनर्जी बनाने वाली प्रणाली में कोई गंभीर कमी से हो सकती है. हालांकि, अभी तक कोई भी सही कारण नहीं ढूंढ पाया है. ब्लड के नमूने दुनिया की बड़ी लैबों में भेजे गए, मिट्टी और हवा तक जांची गई, पर नतीजा अभी भी साफ नहीं है. डॉक्टर ने इसका इलाज डोपामाइन मेडिसिन बताया है. इन दोनों भाइयों को ये दवा खिलाकर रात को भी एक्टिव किया गया है. इस दवा को लेने के बाद दोनों भाई रात को उठकर खुद चल सके.  

यह भी पढ़ें: What Are Superbugs: क्या होता है सुपरबग्स, बीमारियों के इलाज को यह कैसे बना देता है मुश्किल?
 
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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नए लेबर कोड से सुधरेंगे कामगारों के हालात! जानें ऐसे 3 कानून जो बदल देगी उनकी जिंदगी

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New Labour Codes Benefits: केंद्र सरकार की ओर से मजदूरों, कर्मचारियों और गिग वर्करों आदि की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए 21 नवंबर को चार नए लेबर कोड लागू किए गए हैं. सरकार की ओर से 29 पुराने लेबर लॉ को इन 4 नए कानूनों में समाहित किया गया हैं. इस संबंध में सरकार का कहना हैं कि, इन कानूनों से वर्कर्स को बेहतर मेहनताना, सेफ्टी, सोशल सिक्योरिटी और उनके जीवन में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव आएगा.

नए लेबर कोड से करीब 40 करोड़ कर्मचारियों को फायदा पहुंचने की उम्मीद सरकार कर रही हैं. साथ ही इन लेबर कोड का सबसे ज्यादा फायदा अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करने वाले कामगारों को मिलेगा. जिसमें मुख्य रूप से डिलीवरी करने वाले गिग वर्कर्स, माइग्रेंट वर्कर्स, कॉन्ट्रैक्ट पर काम वाले ठेका मजदूर शामिल होंगे. आइए जानते है, उनकी जिंदगी में क्या-क्या बदलाव होंगे?

सबको मिलेगी न्यूनतम मजदूरी की गारंटी 

नए लेबर कोड के तहत न्यूनतम मजदूरी की गारंटी दी गई है. चाहे कोई फैक्ट्री में काम करता हो, ऑफिस कर्मचारी हो और फिर गिग वर्कर, सभी को इसका लाभ मिलेगा. इससे पहले मिनिमम वेज कुछ शेड्यूल्ड इंडस्ट्रीज तक सीमित थी. सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए, नेशनल फ्लोर वेज सेट करेगी.

एक साल के काम के बाद मिल सकेगी ग्रेच्युटी

नए लेबर कोड के तहत, सरकार ने  फिक्स्ड टर्म या कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की वेटिंग अवधि को घटाकर एक साल करने का फैसला लिया है. इससे पहले ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारियों को 5 साल तक लगातार किसी कंपनी में काम करना होता था. यानी कि अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी में 1 साल तक लगातार काम करता हैं तो, वह ग्रेच्युटी की मांग कर सकता हैं. 

सबको मिलेगा अपॉइंटमेंट लेटर

नए लेबर कानूनों के मुताबिक, हर नियोक्ता को कर्मचारियों को ज्वाइनिंग के समय लिखित अपॉइंटमेंट लेटर देना होगा. इस कदम के पीछे सरकार का उद्देश्य कंपनियों के मनमानी को कम करना और कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना हैं.   

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