
इसकी एक बड़ी वजह यह है कि अब चिप निर्माता कंपनियां अपने उत्पादन का फोकस बदल रही हैं. वे स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाली मेमोरी के बजाय हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटरों और AI डेटा सेंटर के लिए जरूरी हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (HBM) बनाने में ज्यादा ध्यान दे रही हैं. जैसे-जैसे AI सर्वर और डेटा सेंटर की मांग बढ़ रही है वैसे-वैसे HBM की जरूरत भी बढ़ती जा रही है.

इस बढ़ती मांग के चलते स्मार्टफोन कंपनियों ने चिप्स की एडवांस खरीदारी शुरू कर दी है ताकि सप्लाई की कमी से बचा जा सके. मगर ऐसा करने से बाजार में मांग और सप्लाई का संतुलन और बिगड़ गया है जिसके कारण LPDDR4X जैसी मेमोरी चिप्स की कीमतें इस तिमाही में 10% से अधिक बढ़ने की उम्मीद है.

Counterpoint Research के विश्लेषक पर्व शर्मा के अनुसार, यह पूरा बदलाव AI सर्वर की बढ़ती जरूरतों के कारण हो रहा है. चिप निर्माता अब HBM बनाने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं क्योंकि इससे उन्हें स्मार्टफोन पार्ट्स की तुलना में ज्यादा मुनाफा और बेहतर रिटर्न मिल रहा है.

इतना ही नहीं, स्मार्टफोन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले NAND फ्लैश स्टोरेज की कीमतें भी बढ़ने लगी हैं. TrendForce के मुताबिक, इस तिमाही में इनकी कीमतों में 5 से 10% तक की बढ़ोतरी संभव है.

ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में स्मार्टफोन कंपनियों के पास दो ही रास्ते होंगे या तो वे अपने डिवाइस के फीचर्स में कटौती करेंगी या फिर बढ़ी हुई लागत का बोझ सीधे उपभोक्ताओं पर डालेंगी. यानी सस्ते स्मार्टफोन अब शायद पहले जितने सस्ते न रहें.
Published at : 01 Nov 2025 11:02 AM (IST)
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