यूपी बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षा से जुड़ी बड़ी खबर, एग्जाम के लिए उठाया बड़ा कदम

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यूपी बोर्ड ने 2026 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए प्रस्तावित परीक्षा केंद्रों की लिस्ट अपनी वेबसाइट upmsp.edu.in पर डाल दी है. इस बार कुल 7448 स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाने का प्लान है. हालांकि, यह अभी फाइनल नहीं है और इसमें बदलाव हो सकता है.

कैसे जता सकते हैं आपत्ति?

अगर किसी को परीक्षा केंद्र से संबंधित कोई दिक्कत है. किसी गलत स्कूल का नाम है या कोई स्कूल छूट गया है तो 4 दिसंबर 2025 तक ऑनलाइन आपत्ति डाल सकते हैं. इसके बाद कोई शिकायत नहीं सुनी जाएगी. वहीं, 30 दिसंबर को फाइनल लिस्ट जारी कर दी जाएगी.

किन स्कूलों को बनाया जाएगा केंद्र?

यूपी बोर्ड ने इस बार 7448 केंद्र प्रस्तावित किए हैं. इनमें 910 सरकारी स्कूल, 3484 सहायता प्राप्त (एडेड) स्कूल और 3054 वित्त पोषित (फाइनेंस नॉन-गवर्नमेंट) स्कूल शामिल हैं. बता दें कि पिछले साल यानी 2025 की बोर्ड परीक्षा के लिए 7657 केंद्र प्रस्तावित किए गए थे. इनमें 940 सरकारी, 3512 एडेड और 3205 वित्त पोषित स्कूल थे. इसका मतलब यह है कि इस बार 209 केंद्र कम हो गए हैं.

क्यों कम हुए केंद्र?  

अब सवाल उठता है कि केंद्रों की संख्या कम क्यों की गई है तो इसका जवाब है कि इस बार बच्चों की संख्या भी थोड़ी कम हुई है. 2026 की परीक्षा में कुल 52 लाख 30 हजार 297 बच्चे रजिस्टर्ड हैं. इनमें 10वीं में 27 लाख 50 हजार 945 बच्चे  हैं तो 12वीं में 24 लाख 79 हजार 352 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं, 2025 के आंकड़ों पर गौर करें तो उस दौरान कुल 54 लाख 38 हजार 597 बच्चों ने एग्जाम दिए थे. उस वक्त 10वीं में 27 लाख 40 हजार 151 बच्चे बैठे थे तो 12वीं में 26 लाख 98 हजार 446 बच्चों ने परीक्षा दी थी. 

कब होंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं?

यूपी बोर्ड ने पहले ही बता दिया है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 18 फरवरी 2026 से शुरू होकर 12 मार्च 2026 तक चलेंगी. इसका मतलब यह है कि करीब 22-23 दिन का शेड्यूल रहेगा. यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के मुताबिक, हमने कोशिश की है कि हर बच्चे को अपने जिले में ही परीक्षा केंद्र मिले और नकल जैसी कोई गड़बड़ न हो, इसलिए कुछ कमजोर और दूरदराज के स्कूलों को इस बार लिस्ट से हटाया गया है.

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Pisces Weekly Horoscope (30 नवंबर से 6 दिसंबर 2025): मीन राशि इस सप्ताह करियर में अवसर, प्रमोश

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Meen Saptahik Rashifal 30 November to 6 December 2025: इस सप्ताह की शुरुआत मीन राशि वालों के लिए भाग्य का पूरा सहयोग लेकर आ रही है. लंबे समय से यदि आप नौकरी की तलाश में थे, तो आपकी मनोकामना पूरी होने की प्रबल संभावना है. आपकी मेहनत को सही दिशा मिलेगी और आपको मनचाहा रोजगार प्राप्त हो सकता है.

करियर और नौकरी

जॉब कर रहे जातकों के लिए यह सप्ताह बेहद शुभ साबित होगा. ऑफिस में मान-सम्मान बढ़ेगा और उच्च पद या नई जिम्मेदारी की प्राप्ति संभव है. यदि आप ट्रांसफर या नौकरी बदलने की कोशिश कर रहे थे, तो इसमें सफलता मिलेगी. वरिष्ठों और सहकर्मियों का पूर्ण सहयोग मिलेगा.

बिज़नेस

बिज़नेस में कुछ छोटी बाधाएँ आएँगी, लेकिन आप अपनी योजना और समझदारी से उन्हें आसानी से दूर कर लेंगे. कारोबार में तेजी आएगी और मनचाहा लाभ मिलेगा. यह सप्ताह नए काम शुरू करने और निवेश करने के लिए भी सकारात्मक माना जा सकता है.

परिवार

घर-परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा. किसी प्रिय व्यक्ति के आगमन से घर में उल्लास बढ़ेगा. परिवार के किसी सदस्य को मिली उपलब्धि से आपका मन गर्व और प्रसन्नता से भर जाएगा. नवविवाहित लोगों के लिए संतान सुख मिलने के योग बन रहे हैं.

प्रेम संबंध और विवाह

लव लाइफ शानदार रहेगी. पार्टनर की ओर से कोई प्यारा सरप्राइज मिल सकता है. आप दोनों के बीच समझ, भरोसा और तालमेल बेहतर बनेगा. विवाहित जातकों के लिए भी यह सप्ताह खुशियों से भरपूर रहेगा. जीवनसाथी के साथ छोटी या लंबी दूरी की यात्रा के योग बन रहे हैं, जिससे रिश्ते में और निकटता आएगी.

स्वास्थ्य

स्वास्थ्य सामान्य से अच्छा रहेगा. मानसिक रूप से भी आप हल्का और सकारात्मक महसूस करेंगे. फिर भी खान-पान में लापरवाही न करें.

युवा और छात्र

युवाओं के लिए यह समय प्रगति और नए अवसरों का है. छात्रों का मन पढ़ाई में लगा रहेगा और अच्छे परिणाम मिलने के संकेत हैं.

भाग्यशाली अंक: 7
भाग्यशाली रंग: आसमानी
उपाय: गुरुवार को भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें और मीठा प्रसाद बांटें.

FAQs
Q1: क्या इस सप्ताह जॉब चेंज के अवसर मिलेंगे?
A1: हां, किसी अच्छी संस्था से ऑफर मिल सकता है.

Q2: क्या बिज़नेस में प्रॉपर्टी डील फाइनल हो पाएगी?
A2: हां, प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने का सपना पूरा हो सकता है.

Q3: क्या परिवार में तनाव रहेगा?
A3: केवल मिड वीक में हल्का मतभेद संभव है, बाद में सब ठीक हो जाएगा.

Q4: क्या लव लाइफ अनुकूल रहेगी?
A4: हां, प्रेम में निकटता बढ़ेगी और रिश्ते मजबूत होंगे.

Q5: क्या स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता है?
A5: बस मानसिक तनाव और नींद की कमी से बचें, बड़ी समस्या के योग नहीं हैं.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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‘कभी खुद से कहती थी, मैं बेकार हूं, अच्छी नहीं हूं’, ऋचा चड्ढा ने बताई संघर्ष के दिनों की कहानी

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बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा अक्सर बेबाक और बिंदास अंदाज के लिए जानी जाती हैं, लेकिन एक्ट्रेस का कहना है कि वे हमेशा से ही ऐसी नहीं थीं. उन्होंने मुंबई में आयोजित 15वें इंडियन फिल्म प्रोजेक्ट में अपने शुरुआती दिनों के बारे में बताया कि पहले वह बहुत डरपोक और समझौतावादी थीं.

एक्ट्रेस का कहना है कि आज भले ही लोग उन्हें आत्मविश्वासी और निडर कहते हैं, लेकिन पहले हालात बिल्कुल अलग थे.

मैं हमेशा बोल्ड और निडर नहीं थी- ऋचा चड्ढा

उन्होंने बताया, “मैं हमेशा से इतनी निडर और बोल्ड नहीं थी. अपने शुरुआती दिनों में मैं बहुत सहनशील हुआ करती थी. एक दिन सेट पर खड़ी होकर मैंने खुद से पूछा, मैंने ये फिल्म कब साइन की? मैं यहां क्या कर रही हूं? ये आइटम नंबर क्यों कर रही हूं?”

उन्होंने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया, “एक डायरेक्टर ने मुझसे कहा कि मेल कोरियोग्राफर चाहिए और तुम्हें ऐसे-वैसे करने हैं. मैं अंदर से घबरा जाती थी कि ये लोग कौन हैं? मैं क्या कर रही हूं? मुझे समझ आया कि किसी लोकल मैनेजर ने थोड़े पैसे ले लिए होंगे और मुझे लगा होगा कि शायद यही करना चाहिए. यही इंडस्ट्री का तरीका है.


एक्ट्रेस ने बताया- मेरे लुक्स को ठीक करने की सलाह देते थे लोग

एक्ट्रेस ने बताया कि इस बीच इंडस्ट्री में लोग मुझे मेरे लुक्स को ठीक करने की सलाह देते थे. उन्होंने कहा, “लोग कहते, होंठ ठीक करवा लो, चेहरा ठीक करवाओ, गाना शूट करने से पहले पानी मत पीना. मैं सब मान लेती थी. मैंने अपने शरीर और दिमाग को बहुत तकलीफ दी. मैं खुद से कहती थी, मैं बेकार हूं, मैं अच्छी नहीं हूं.”

एक्ट्रेस ने आखिर में कहा कि ये दुनिया है, यहां लोग बस आपको छोटा दिखाने की कोशिश करते हैं.

हाल ही में एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा और अली फजल के प्रोडक्शन हाउस पुशिंग बटन्स स्टूडियोज में बनी फिल्म ‘सीक्रेट्स ऑफ अ माउंटेन सर्पेंट’ का 82वें वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था.



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8 छक्के और 10 चौके, ईशान किशन ने जड़ा तूफानी शतक; सिर्फ 50 गेंद में खेली 113 रनों की पारी

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लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन का बल्ला जमकर गरजा है. रविवार को ईशान किशन ने दमदार शतकीय पारी खेली. सिर्फ 50 गेंद में 113 रन बनाकर ईशान ने टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक दी है. ईशान किशन भारत के लिए वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक भी लगा चुके हैं. 

ईशान ने रविवार को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट में त्रिपुरा के खिलाफ शतक जड़ा. झारखंड के लिए खेलते हुए ईशान ने 10 चौके और 8 छक्के जड़े. त्रिपुरा ने पहले खेलने के बाद 182 रन बनाए थे. जवाब में झारखंड ने ईशान किशन के मैच विनिंग शतक की बदौलत 15 गेंद शेष रहते दो विकेट पर 185 रन बनाकर जीत दर्ज की. 

ईशान किशन ने अपनी इस पारी से राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने का प्रयास किया है, जो जल्द ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज के लिए भारतीय टीम का चयन करेंगे. किशन को विराट सिंह के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला, जिन्होंने 40 गेंद में नाबाद 53 रन की पारी खेली.

राजस्थान ने कर्नाटक को 1 रन से हराया

एक अन्य मैच में राजस्थान ने अंतिम लम्हों में धैर्य बरकरार रखते हुए कर्नाटक को बेहद रोमांचक मुकाबले में एक रन से हराया. राजस्थान ने पहले बल्लेबाज करते हुए पांच विकेट पर 201 रन बनाए थे, जिसके जवाब में कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद कर्नाटक की टीम आठ विकेट पर 200 रन ही बना सकी.

लक्ष्य का पीछा करते हुए कर्नाटक ने शुरुआत में ही कप्तान मयंक अग्रवाल और केएल श्रीजीत के विकेट गंवा दिए, जिससे टीम का स्कोर दो विकेट पर 19 रन पर हो गया. देवदत्त पडिक्कल (32) के विकेट के साथ टीम ने 51 रन तक तीन विकेट गंवा दिए. 

करुण नायर (32 गेंद में 51 रन) और आर स्मरण (31 गेंद में नाबाद 48) ने 82 रन की साझेदारी करके पारी को संभाला. दोनों ने 14.5 ओवर में टीम का स्कोर तीन विकेट पर 133 रन तक पहुंचाया, लेकिन इसके बाद टीम ने करुण, अभिनव मनोहर, श्रेयस गोपाल और प्रवीण दुबे के विकेट जल्दी-जल्दी गंवा दिए, जिससे उसका स्कोर 17.3 ओवर में सात विकेट पर 155 रन हो गया.

स्मरण अंतिम ओवरों में तेजी से रन बनाने में नाकाम रहे. विद्याधर पाटिल ने आठ गेंद में तीन छक्कों और दो चौकों से 27 रन बनाकर टीम की उम्मीद जगाई, लेकिन कमलेश नागरकोटी (52 रन पर तीन विकेट) ने उन्हें पवेलियन भेज दिया.

कर्नाटक को अंतिम ओवर में 15 रन की जरूरत थी लेकिन विजयकुमार वैशाख के छक्के और स्मरण के चौके के बावजूद टीम एक रन से हार गई. राजस्थान ने इससे पहले दीपक हुड्डा (43), कार्तिक शर्मा (46) और महिपाल लोमरोर (नाबाद 48) की पारियों की बदौलत 200 रन से अधिक का स्कोर खड़ा किया था.

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‘भारतीयों से US को बहुत फायदा हुआ’, ट्रंप के खिलाफ फिर खुलकर आए मस्क, H-1B वीजा पर क्या कहा?

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अमेरिका में जारी एच-1बी वीजा को लेकर जारी चर्चा के बीच टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली भारतीयों से अमेरिका को बहुत फायदा हुआ है. उन्होंने अमेरिका में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को आकार देने में अप्रवासी प्रतिभाशाली की भूमिका को स्वीकार किया है. 

भारतीयों से US को बहुत फायदा हुआ: मस्क

एलन मस्क ने वैश्विक कंपनियों में शीर्ष पद पर भारतीय मूल के लोगों के होने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “वेस्टर्न कंपनियों में  हमारे सभी भारतीय मूल के सीईओ हैं.” ब्रोकिंग फर्म जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में मस्क ने कहा, “अमेरिका लंबे समय से दुनिया भर से इंटेलिजेंट लोगों को आकर्षित करता रहा है, जिस वजह से भारत में पलायन की स्थिति भी पैदा हुई. मुझे लगता है कि अमेरिका आए प्रतिभाशाली भारतीयों से अमेरिका का बहुत फायदा हुआ है.”

एच-1बी वीजा और इमिग्रेशन पर ट्रंप की राय

व्हाइट हाउस ने मंगलवार (25 नवंबर 2025) को एच-1बी वीजा पर डोनाल्ड ट्रंप की सोच का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले पर राष्ट्रपति का नजरिया संतुलित और सामान्य समझ पर आधारित है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप विदेशी कामगारों को केवल शुरुआती समय में आने देंगे, ताकि बड़ी कंपनियां जब अमेरिका में नए कारखाने लगाएं तो काम शुरू हो सके, लेकिन आगे चलकर उन जगहों पर अमेरिकी कामगार ही रखे जाएंगे.

उन्होंने कहा कि कई लोग राष्ट्रपति की सोच को ठीक से समझ नहीं पाए हैं. ट्रंप ने विदेशी कंपनियों से साफ कहा है कि अगर वे अमेरिका में निवेश कर रही हैं तो उन्हें अमेरिकी लोगों को ही नौकरी देनी होगी. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने लीगल इमिग्रेशन का समर्थन किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह टेक से जुड़ी इंडस्ट्रीज में अमेरिकी वर्कर्स को ट्रेनिंग देने के लिए विदेश से हजारों लोगों का स्वागत करेंगे. 

‘विदेशी वर्कफोर्स अमेरिकी को कंप्यूटर चिप्स बनाना सिखाएगी’

ट्रंप ने उदाहरण देते हुए कहा था कि अरबों डॉलर खर्च करके एरिजोना में बड़ा कंप्यूटर चिप कारखाना खोलने वाली कंपनियां बेरोजगारों की लाइन से लोगों को उठाकर ऐसे कारखाने नहीं चला सकतीं. उन्हें शुरुआत में हजारों विशेषज्ञ लाने पड़ेंगे और वे इसका स्वागत करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि विदेशी वर्कफोर्स हमारे लोगों को कंप्यूटर चिप्स और दूसरी चीजें बनाना सिखाएगी. ट्रंप ने माना कि इस सोच के कारण उन्हें अपने समर्थकों की कुछ आलोचना झेलनी पड़ सकती है.

ट्रंप-मस्क के रिश्तों में पड़ी दरार

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एलन मस्क ने ट्रंप ने अपनी पूर्ण समर्थन दिया था और कई जगहों पर उनके लिए कैंपेन भी की थी. वो ट्रंप के साथ चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हुए और Make America Great Again का नारा देने लगे. ट्रंप प्रशासन के शुरुआती दिनों में मस्क डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का सबसे सार्वजनिक चेहरा बन गए. इसके कुछ दिनों बाद दोनों की दोस्ती में दरार पड़ गई और दोनों सार्वजनिक मंचों पर एक-दूसरे के खिलाफ हमला बोल रहे हैं.

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ChatGPT पर बड़ा खतरा? OpenAI ने जारी की Emergency चेतावनी, जानिए यूजर्स के लिए क्या है इसका मतल

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OpenAI Warning to ChatGPT: OpenAI ने दुनिया भर के ChatGPT यूज़र्स को एक अहम सुरक्षा अलर्ट जारी किया है. इसकी वजह Mixpanel नाम की एक थर्ड-पार्टी एनालिटिक्स कंपनी में हुआ डेटा ब्रीच है जिसका इस्तेमाल OpenAI अपने API प्लेटफ़ॉर्म के लिए करता है. इस घटना की खबर फैलते ही कई यूज़र्स घबरा गए कि कहीं उनकी निजी जानकारी लीक तो नहीं हो गई. लेकिन OpenAI ने साफ कर दिया कि यह पूरी घटना केवल Mixpanel के सिस्टम्स में हुई है OpenAI के सर्वरों या ChatGPT की इंफ्रास्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं हुआ है.

चेतावनी सभी यूजर्स को क्यों भेजी गई?

कंपनी ने यह अलर्ट सिर्फ प्रभावित लोगों तक सीमित नहीं रखा बल्कि सभी यूज़र्स तक पहुंचाया ताकि किसी तरह की गलतफहमी न हो. OpenAI के अनुसार, लीक हुई जानकारी सिर्फ API प्लेटफॉर्म से जुड़ी एनालिटिक्स डेटा तक सीमित है. सबसे महत्वपूर्ण बात किसी भी यूज़र का चैट इतिहास, पासवर्ड, API Key, पेमेंट डेटा, सरकारी दस्तावेज़ या उपयोग लॉग्स लीक नहीं हुए हैं. कंपनी ने बताया कि ब्रीच का असर रोज़मर्रा में वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर ChatGPT इस्तेमाल करने वाले आम यूज़र्स पर बिल्कुल नहीं पड़ा है.

डेटा ब्रीच में हुआ क्या था?

Mixpanel ने 9 नवंबर को पाया कि एक हैकर ने उसके सिस्टम्स के एक हिस्से में अनअथराइज़्ड ऐक्सेस हासिल कर लिया और वहां से कुछ एनालिटिक्स डेटा एक्सपोर्ट कर लिया. 25 नवंबर को Mixpanel ने पूरा प्रभावित डेटा OpenAI को सौंपा जिसके बाद OpenAI ने तुरंत सुरक्षा नोटिस भेजना शुरू कर दिया. हालांकि चेतावनी सभी तक भेजी गई लेकिन असल में असर सिर्फ API यूज़र्स पर हो सकता है. इन्हें अलग से विस्तृत जानकारी भी दी गई है.

किस यूज़र पर पड़ा असर?

OpenAI ने दोबारा स्पष्ट किया है कि ChatGPT वेबसाइट या ऐप के नियमित यूज़र सुरक्षित हैं. उनका कोई भी डेटा बाहर नहीं गया. उन्हें कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है, जो लोग प्रभावित हो सकते हैं वे हैं डेवलपर्स, कंपनियां या संगठन जो OpenAI के API प्लेटफॉर्म (platform.openai.com) का इस्तेमाल करते हैं. इनके कुछ बेसिक प्रोफ़ाइल डेटा जैसे नाम, ईमेल, अनुमानित लोकेशन (ब्राउज़र के आधार पर), ब्राउज़र व ऑपरेटिंग सिस्टम, रेफरिंग वेबसाइट, ऑर्गनाइजेशन या यूज़र Ids ब्रीच में शामिल थे. संवेदनशील जानकारी लीक नहीं हुई, लेकिन यह डेटा फ़िशिंग या सोशल इंजीनियरिंग हमलों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसी कारण OpenAI ने Mixpanel को अपने सभी प्रोडक्शन एनवायरमेंट से पूरी तरह हटा दिया है.

OpenAI ने यूजर्स को क्या सलाह दी है?

API यूज़र्स को सतर्क रहने को कहा गया है किसी संदिग्ध ईमेल या मैसेज पर भरोसा न करें. सिर्फ OpenAI के ऑफिशियल डोमेन से आए मैसेज को ही मानें. अंजान लिंक पर क्लिक न करें. पासवर्ड, API Keys या संवेदनशील जानकारी कभी ईमेल या मैसेज में साझा न करें. मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर ऑन करें. अपने ऑर्गनाइजेशन/यूज़र IDs सार्वजनिक रूप से शेयर करने से बचें.

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किराएदारों के लिए सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब नहीं होगी मकान मालिक से किच-किच

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Home Rent New Rules 2025: केंद्र सरकार ने Home Rent Rules 2025 को लागू कर दिया है. इसका मकसद देश के रेंटल हाउसिंग मार्केट को अधिक ट्रांसपरेंट और ऑर्गेनाइज्ड बनाना है. इससे घर लेने में आसानी होगी और मनमाने ढंग से किराया बढ़ाने, ज्यादा डिपॉजिट और कमजोर डॉक्यूमेंटशन की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

इस नए, मॉडर्न और फॉर्मल फ्रेमवर्क के तहत मकान मालिक और किरायदार दोनों को अपना रेंट एग्रीमेंट ऑनलाइन रजिस्टर करना होगा. इस नियम के तहत सिक्योरिटी डिपॉजिट की लिमिट भी तय की जाएगी. साथ में यह भी तय किया जाएगा कि किराया कब और कितना बढ़ाया जाना है. इसमें घर खाली करने, रिपेयर, इंस्पेक्शन और किराएदार की सुरक्षा से जुड़े अधिकारों का साफ-साफ जिक्र होगा. इसके अलावा, आपस में किसी विवाद को सुलझाने की टाइमलाइन भी तय की जाएगी. इस नए नियम से बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में किराएदारों बड़ी राहत मिलेगी, जहां बड़ी संख्या में लोग किराए के घरों में रहते हैं.

मकान मालिक का भी रखा जाएगा ख्याल

सुधारों का मकसद सिर्फ किराएदारों की सुरक्षा नहीं है, बल्कि मकान मालिकों को भी नियमों के सही अनुपालन और विवादों के समाधान का भरोसा दिलाना है. इसमें घर किराए पर लेने के प्रॉसेस को काफी हद तक डिजिटल बनाना है. नियमों के मुताबिक, रेंट एग्रीमेंट पर डिजिटल स्टैम्प लगना जरूरी है और साइन करने के 60 दिनों के अंदर ऑनलाइन रजिस्टर होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो पेनाल्टी भी लग सकती है, जिसकी रकम 5,000 से शुरू होगी.

इसके तहत, सभी राज्यों को प्रॉपर्टी-रजिस्ट्रेशन पोर्टल को अपग्रेड करने और रोलआउट में मदद के लिए तेज डिजिटल वेरिफिकेशन शुरू करने का निर्देश दिया गया है. सरकार का कहना है कि इस कदम से धोखाधड़ी पर रोक लगेगी,  गैर-कानूनी तरीके से बेदखली रुकेगी,  पुरानी तारीख वाले या साफ़ न होने वाले समझौते खत्म होंगे—ये ऐसी समस्याएं हैं, जो लंबे समय से भारत के किराएदारों को परेशान कर रही हैं.

नियमों में इन अहम बातों का भी जिक्र

अमूमन मेट्रो सिटीज में सिक्योरिटी डिपॉजिट के तौर पर 10 महीने का किराया लिया जाता है. नए सिस्टम के तहत, रेजिडेंशियल सिक्योरिटी डिपॉजिट दो महीने तक ही सीमित होगी. इससे बड़े शहरों में काम के सिलसिले में शिफ्ट होने वाले लोगों का खर्च पहले ही कुछ हद तक कम हो जाएगा.

होम रेंट रूल्स 2025 के तहत, किराया साल में सिर्फ एक बार बदला जा सकेगा और मकान मालिक को 90 दिन पहले नोटिस देना होगा. कई इनफॉर्मल रेंटल अरेंजमेंट में आम तौर पर होने वाली मनमानी या बीच में अचानक से किराया बढ़ा देने जैसी बातें अब वैलिड नहीं होगी.

इन नियमों में फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी भी शामिल है. किराया अगर 5,000 से ज्यादा है, तो पेमेंट डिजिटल तरीके से करना होगा ताकि वेरिफाई किया जा सके और कैश से जुड़े झगड़े कम हों. अगर किराया 50,000 से ज्यादा है, तो सेक्शन 194-IB के तहत TDS कम्प्लायंस जरूरी होगा, जिससे प्रीमियम लीज को भी इनकम टैक्स के नियमों के साथ जोड़ा जा सकेगा. 

 

 

 

 

 

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Eid-al-Adha 2026 Date: ईद-उल-अजहा 2026 में कब है, अभी से नोट कर लें सही डेट

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Eid-al-Adha 2026 Date: ईद-अल-अजहा मुसलमानों के लिए बड़ा पर्व है. इसे बकरीद, ईद उल जुहा, ईद उल बकरा, बकरा ईद, कुर्बानी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है. इस पर्व की खास बात यह है कि, यह त्योहार रमजान के खत्म होने के 70 दिन बाद मनाया जाता है.

ईद के बाद बकरीद मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है, जोकि भाईचारे और शांति का प्रतीक है. यह पर्व मुख्य रूप से कुर्बानी से जुड़ा है, जिसे हजरत इब्राहिम के कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. आइये जानते हैं साल 2026 में कब मनाया जाएगा ईद-उल-अजहा का त्योहार.

ईद-अल-अजहा 2026 में कब है

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, हर साल ईद-उल-अजहा या बकरीद इस्लामिक कैलेंडर के 12वें या आखिरी महीने जिल हुज्जा की 10वीं तिथि पर मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार हर साल बकरीद की तिथि बदलती रहती है. बात करें नए साल में बकरीद की तारीख की तो, 2026 में यह त्योहार 26 या 27 जून को मनाए जाने की उम्मीद है. हालांकि पक्की या आधिकारिक तिथि की घोषणा चांद के दिखाई देने के बाद ही की जाती है.

ईद-अल-अजहा का त्योहार क्यों मनाया जाता है

इस्लाम धर्म की प्रमुख किताब, कुरान में ईद-अल-अजहा को हजरत इब्राहिम के कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार, एक बार अल्लाह ने इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उनसे अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने को बोला और हजरत इब्राहिम ने तब अपने बेटे को कुर्बान करने का फैसला किया. उसके बाद जब इब्राहिम ने अपने बेटे को कुर्बान करने के लिए उसकी गर्दन पर  तलवार चलाई तभी अल्लाह ने अपनी शक्ति दिखाते हुए उस समय उनके बेटे की जगह बकरे की गर्दन रख दी. तभी से ईद-उल-अजहा का पर्व हर वर्ष मनाया जाता है और इसी को बकरीद कहते है.

ईद-अल-अजहा त्योहार का महत्व

यह पर्व हजरत इब्राहिम के कुर्बानी की याद में मनाया जाता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार, एक बार अल्लाह ने इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उससे अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने को कहा. हजरत ने बिना हिचकिचाए अपने बेटे को कुर्बान करने का फैसला किया. जब हजरत इब्राहिम बेटे को कुर्बान करने के लिए उसकी गर्दन पर  तलवार चलाई तभी अल्लाह ने अपनी शक्ति दिखाते हुए उस समय उसके बेटे की जगह एक मेमने को रख दिया. तब से ही ईद-उल-अजहा का पर्व मनाए जाने की परंपरा की शुरुआत हुई.

मुसलमान कैसे मनाते हैं ईद-उल-अजहा

  • मुसलमान नए कपड़े पहनकर नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद जाते हैं.
  • बकरे, भेड़ आदि जैसे पशु की कुर्बानी दी जाती है.
  • कुर्बानी के मांस को तीन हिस्सों में बांटा जाता है, जिसमें पहला हिस्सा रिशतेदारों और दोस्तों के लिए,  दूसरा गरीब और जरुरतमंद लोगों के लिए और तीसरा परिवार के लिए रखा जाता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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सिनेमा इतिहास का सबसे खतरनाक खलनायक ‘डार्थ वेडर’, जानें किसका चेहरा छुपा था मास्क के पीछे

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मनोरंजन जगत के इतिहास में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जिनका चेहरा दुनिया कम पहचानती है, लेकिन उनका काम दुनिया की सबसे गहरी यादों में दर्ज रहता है. डेविड प्राउज ऐसा ही नाम है. एक ऐसे ब्रिटिश अभिनेता जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया लेकिन एक किरदार ने उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया. कहानी में ट्विस्ट ये था कि उनका हिट किरदार कभी पर्दे पर नजर ही नहीं आया.

न पर्दे पर दिखा और न ही उसकी आवाज सुनी गई, लेकिन उसकी मौजूदगी ने सिनेमा के सबसे आइकॉनिक खलनायक डार्थ वेडर को जीवंत बना दिया. 1 दिसंबर 2020 को उनका निधन हुआ, और उनके साथ फिल्म इतिहास का एक अनोखा अध्याय भी शांत हो गया.

डेविड प्राउज की कहानी है बेहद दिलचस्प

डेविड प्राउज की कहानी उतनी ही दिलचस्प है जितनी रहस्यमयी. उनका जन्म 1935 में इंग्लैंड में हुआ था, और बचपन से ही उनकी ऊंचाई, कद-काठी और शारीरिक शक्ति उन्हें भीड़ से अलग करती थी. उन्होंने बॉडीबिल्डिंग में नाम कमाया और “मिस्टर यूनिवर्स” जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. यही कद-काठी उन्हें आगे फिल्मों तक पहुंचा पाई.

1977 में जब जॉर्ज लुकास स्टार वार्स बना रहे थे, उन्हें एक ऐसे कलाकार की जरूरत थी जो पर्दे पर लंबा, प्रभावशाली और डर पैदा करने वाला लगे और यही वह क्षण था जिसने डेविड प्राउज की किस्मत बदल दी.

उन्हें डार्थ वेडर का शरीर निभाने के लिए चुना गया. दिलचस्प बात यह है कि आवाज उनके पास नहीं थी; वह काम जेम्स अर्ल जोन्स को दिया गया. चेहरा भी नहीं दिखाया गया; नकाब के पीछे छिपा हुआ हर भाव सिर्फ शरीर की हलचल, चाल, मुद्रा और हथियार पकड़ने के अंदाज से ही प्रकट होना था.

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डेविड प्राउज ने निभाया इतिहास के सबसे यादगार खलनायाक का रोल

लेकिन दिक्कतों के बावजूद, डेविड प्राउज ने एक ऐसा व्यक्तित्व बनाया जो स्क्रीन पर आते ही दर्शकों को आतंकित कर देता था. उनके चलने के अंदाज में सैनिकों जैसी कठोरता, उनके कंधों की चौड़ाई में ताकत और उनकी तलवार पकड़ने के तरीके में गजब का नियंत्रण झलकता था. वे स्क्रीन पर चेहरा न दिखाते हुए भी इतिहास के सबसे यादगार खलनायक बन गए.

डेविड प्राउज की कहानी को अनोखा बनाने वाला दूसरा पहलू है उनकी भावनात्मक दूरी. कई साल तक वे स्टार वार्स के निर्माण से अलग-थलग महसूस करते रहे. अक्सर कहा जाता है कि कुछ गलतफहमियां हुईं जिनसे वे मुख्य टीम से कट गए.

फिर भी फैंस के बीच वे हमेशा एक सम्मानित हस्ती रहे. लाखों लोग उनसे सिर्फ एक हस्ताक्षर या उनकी भारी-भरकम मौजूदगी के लिए मिलते थे. हॉलीवुड के अलावा उन्होंने कई ब्रिटिश और अमेरिकी टीवी सीरीज में अभिनय किया, लेकिन वेडर ने जो दिया वो उनकी मौत के बाद भी जुड़ा रहा.

उनकी मृत्यु के बाद सोशल मीडिया पर “आरआईपी, रियल वेडर” जैसे संदेशों ने यह दिखा दिया कि असली यादें उन किरदारों की भी होती हैं जो न दिखते हुए भी इतिहास बदल देते हैं. डेविड प्राउज ने बिना चेहरे दिखाए, बिना एक शब्द बोले, सिर्फ शरीर और चाल से एक ऐसा किरदार गढ़ा, एक ऐसी पहचान बना दी, जिसे दुनिया कभी नहीं भूल सकती.

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कल ड्राइवरों को बंपर नौकरियां देगा यूपी रोडवेज, इस बस अड्डे पर लगेगा रोजगार मेला

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अगर यूपी रोडवेज में ड्राइवर बनना चाहते हैं तो रोडवेज ने आपके लिए खास तैयारी कर ली है. दरअसल, यूपी रोडवेज 1 और 2 दिसंबर को ओपन रोजगार मेला आयोजित कर रहा है, जिसमें 120 संविदा चालकों की भर्ती की जाएगी. यह रोजगार मेला कामता बस अड्डे पर लगाया जाएगा. इस जॉब में सैलरी कितनी है? साथ ही, कितनी योग्यता जरूरी है, आइए जानते हैं.

कब से कब तक लगेगा कैंप?

जानकारी के मुताबिक, यूपी रोडवेज का यह कैंप 1 और 2 दिसंबर को कामता बस अड्डे पर लगाया जाएगा. यह कैंप सुबह 10 बजे से शाम तक चलेगा. जो जितनी जल्दी आएगा, उतनी जल्दी उसका नंबर आएगा. इस जॉब के लिए कानपुर, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी और प्रतापगढ़ यानी हर तरफ से लोग पहुंच रहे हैं. 

कितनी मिलेगी सैलरी?

यह संविदा वाली नौकरी है, मतलब फिक्स्ड सैलरी नहीं है. ऐसे में आपको 2.06 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा. अगर कोई ड्राइवर लगातार 2 महीने तक कम से कम 22 दिन प्रतिमाह ड्यूटी करता है तो उसे 1500 रुपये का अतिरिक्त अवकाश बोनस और 3000 रुपये मंथली बोनस दिया जाएगा. अगर ड्यूटी के दौरान किसी ड्राइवर की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को 7.5 लाख रुपये का मुआवजा तुरंत मिलेगा.

कितनी होनी चाहिए योग्यता?

अगर आप यूपी रोडवेज में संविदा ड्राइवर बनना चाहते हैं तो आपको कम से कम छठवीं पास होना चाहिए. वहीं, 1 दिसंबर 2025 को उम्र कम से कम 23 साल 6 महीना पूरी होनी चाहिए. ऊपर की कोई लिमिट नहीं है. 50 साल तक के लोग भी अप्लाई कर सकते हैं. इसके अलावा हैवी मोटर व्हीकल (HMV) का वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है. लर्निंग लाइसेंस नहीं चलेगा. कैंडिडेट के पास कम से कम 2 साल का हैवी व्हीकल (बस/ट्रक) चलाने का तजुर्बा होना जरूरी है. आंखें ठीक होनी चाहिए. कलर ब्लाइंड नहीं होना चाहिए.

ये डॉक्युमेंट्स ले जाने बेहद जरूरी

संविदा ड्राइवरों के लिए अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स अधूरे कागजात लेकर न जाएं, वरना उन्हें लौटा दिया जाएगा. अब हम आपको जरूरी डॉक्युमेंट्स के बारे में बताते है.

  • आधार कार्ड (मूल + 2 फोटोकॉपी)  
  • ड्राइविंग लाइसेंस (मूल + 2 फोटोकॉपी)  
  • छठवी की मार्कशीट/सर्टिफिकेट (मूल + फोटोकॉपी)  
  • 2 साल के अनुभव का प्रमाण पत्र (कंपनी का लेटरहेड पर, पुराने मालिक का लेटर, सैलरी स्लिप, PF स्टेटमेंट – कोई एक)  4 पासपोर्ट साइज लेटेस्ट फोटो (सफेद बैकग्राउंड, हाल की).  
  • एक खाली सफेद कागज और नीला/काला पेन  
  • अगर PSV बैज है तो उसकी कॉपी भी ले आना, बोनस पॉइंट मिलेगा.

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